मुख्य समाचारदेशविदेशखेलपेरिस ओलंपिकबिज़नेसचंडीगढ़हिमाचलपंजाबहरियाणाआस्थासाहित्यलाइफस्टाइलसंपादकीयविडियोगैलरीटिप्पणीआपकी रायफीचर
Advertisement

Bulldozer War: योगी बोले- बुलडोजर लिये चाहिये दिल और दिमाग, अखिलेश ने कहा- स्टीयरिंग की जरूरत

04:36 PM Sep 04, 2024 IST
योगी आदित्यनाथ व अखिलेश यादव की फाइल फोटो।

लखनऊ, चार सितंबर (भाषा)

Advertisement

Bulldozer War: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य में समाजवादी पार्टी (सपा) की सरकार बनने पर बुलडोजर का रुख गोरखपुर की तरफ मोड़ने का बयान देने वाले सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पर तंज करते हुए बुधवार को कहा कि बुलडोजर चलाने के लिये 'दिल और दिमाग' की जरूरत होती है। यादव ने इस पर पलटवार करते हुए कहा कि बुलडोजर में दिमाग नहीं बल्कि स्टीयरिंग होता है। उत्तर प्रदेश की जनता कब किसका स्टीयरिंग बदल दे, कुछ पता नहीं।

मुख्यमंत्री ने उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा भर्ती प्रक्रिया के तहत नियुक्त 1334 अवर अभियंताओं, संगणकों तथा फोरमैन कर्मचारियों को नियुक्ति पत्र वितरित करने के बाद अपने सम्बोधन में सपा प्रमुख अखिलेश यादव को उनके बयान के लिये आड़े हाथ लिया।

Advertisement

उन्होंने कहा, 'बुलडोजर पर हर व्यक्ति के हाथ नहीं फिट हो सकते। इसके लिये दिल और दिमाग दोनों चाहिये। बुलडोजर जैसी क्षमता और दृढ़ प्रतिज्ञा जिसमें हो, वो ही बुलडोजर चला सकता है। दंगाइयों के सामने नाक रगड़ने वाले लोग बुलडोजर के सामने वैसे ही पस्त हो जाएंगे।'

सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने यहां संवाददाताओं से बातचीत में मुख्यमंत्री की इस टिप्पणी का जवाब देते हुए कहा, 'जहां तक दिल और दिमाग की बात है तो बुलडोजर में दिमाग नहीं होता... स्टीयरिंग होता है। बुलडोजर तो स्टीयरिंग से चलता है। उत्तर प्रदेश की जनता कब किसका स्टीयरिंग बदल दे या दिल्ली वाले (भाजपा शीर्ष नेतृत्व) कब किसका स्टीयरिंग बदल दे, कुछ पता नहीं।'

सपा प्रमुख ने कहा, 'जिनके लिए बुलडोजर बल और नाइंसाफी का प्रतीक है, मैं उन्हीं को बुलडोजर की मुबारकबाद देना चाहता हूं।' यादव ने मंगलवार को लखनऊ में पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ बैठक में कहा था कि साल 2027 के विधानसभा चुनाव में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का सफाया होगा और राज्य में समाजवादी सरकार बनते ही पूरे प्रदेश के बुलडोजरों का रूख गोरखपुर (मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कर्मभूमि) की तरफ होगा।

यादव ने आज बुलडोजर को लेकर सुप्रीम कोर्ट के रुख का जिक्र करते हुए कहा, 'आपको जानबूझकर जिनसे बदला लेना था, नीचा दिखाना था वहां अपनी सरकार की ताकत पर आपने जानबूझकर बुलडोजर चलाया। इसका परिणाम यह हुआ कि हाई कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक यह कहा जा सकता है कि बुलडोजर संवैधानिक नहीं है, असंवैधानिक चीज है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अब बुलडोजर नहीं चल सकता तो क्या अभी तक जो बुलडोजर चल रहा था उसके लिए सरकार माफी मांगेगी?'

गौरतलब है कि कई राज्यों में प्रशासन द्वारा आपराधिक मामलों में संदिग्ध लोगों के घरों को बुलडोजर से ढहाए जाने के बीच सुप्रीम कोर्ट ने पिछली दो सितंबर को सवाल उठाया कि किसी का घर सिर्फ इसलिए कैसे ढहाया जा सकता है क्योंकि वह आरोपी है। न्यायालय ने कहा कि वह इस मुद्दे पर दिशा-निर्देश तैयार करेगा, जो पूरे देश में लागू होंगे।

आदित्यनाथ ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव और उनके चाचा पूर्व कैबिनेट मंत्री शिवपाल सिंह यादव की 'भेड़िये' से तुलना की। उन्होंने कहा, 'पहले नौजवानों को नियुक्ति पत्र क्यों नहीं मिलता था। दरअसल नियत साफ नहीं थी। चाचा और भतीजा के बीच वसूली को लेकर होड़ लगती थी। एरिया बंटे हुए थे। मैं देख रहा हूं न इस समय कुछ आदमखोर भेड़िये अलग—अलग जनपदों में उत्पात मचा रहे हैं। कमोबेश यही स्थित वर्ष 2017 से पहले प्रदेश की थी। ये लोग उस समय कितनी तबाही मचाये हुए थे। इनके भी वसूली के एरिया बंटे हुए थे। वहां महाभारत के सारे रिश्ते थे। महाभारत का दूसरा दृश्य वहां देखने को मिलता था।' मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले साढ़े सात साल में साढ़े छह लाख से अधिक सरकारी नियुक्तियां की हैं। नियुक्तियों की प्रक्रिया पारदर्शिता और शुचितापूर्ण ढंग से आगे बढ़ी है। यह सात वर्ष पूर्व संभव नहीं था।

 

Advertisement
Tags :
Akhilesh YadavBulldozer warHindi NewsUttar Pradesh NewsYogi AdityanathYogi vs Akhileshअखिलेश यादवउत्तर प्रदेश समाचारबुलडोजर युद्धयोगी आदित्यनाथयोगी बनाम अखिलेशहिंदी समाचार