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बजट से पहले ही बजट का-सा माहौल

06:30 AM Jan 06, 2024 IST
बजट से पहले ही बजट का सा माहौल
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सहीराम

ट्रक वालों की हड़ताल ने बजट से पहले ही बजट का-सा माहौल बना दिया है जी! अब आपको यह नहीं लगेगा कि बजट आने में अभी देर है। यह पेट्रोल पंपों पर इतनी भीड़ क्यों है? जी, वो ट्रक वालों की हड़ताल है न इसलिए। कभी बजट आने से पहले पेट्रोल पंपों पर ऐसी ही भीड़ हुआ करती थी। क्यों? क्योंकि लोगों को लगता था कि तेल महंगा हो जाएगा। यह उस जमाने की बात है जब तेल की कीमतें साल में एक-दो बार ही बढ़ा करती थी। आज की तरह से हर हफ्ते, हर माह बढ़ने का रिवाज नहीं था।
यह सब्जी क्यों महंगी है भाई? सब्जी वालों का जवाब होता है-जी ट्रक वालों की हड़ताल है न इसलिए। मंडी में सब्जी आ ही नहीं रही। यह सब्जी ही नहीं, हर चीज महंगी हो जाने का अवसर है। सच पूछो तो यह एक तरह से आपदा में अवसर है। यह किराने की दुकान पर किराने का सामान महंगा होने का अवसर है। दुकानदार कहेगा-महंगा तो होगा ही न जी। ट्रक वालों की हड़ताल जो है। वैसे अब आटा-दाल महंगा होने के लिए न तो बजट की जरूरत है और न ही ट्रक वालों की हड़ताल की। वो जो पुरानी कहावत होती थी कि बेटा थोड़ा रुक जाओं, जल्दी ही आटे-दाल का भाव पता चल जाएगा-उस कहावत को कहने के लिए अब किसी के गृहस्थी बसाने का इंतजार करने की जरूरत नहीं। यह कहावत कभी कही जा सकती है।
खैर जी, जैसे किराने वाला कहेगा, वैसे ही पनवाड़ी भी कहेगा-जी सिगरेट इसलिए महंगी हो गयी क्योंकि ट्रक वालों की हड़ताल है। किसी जमाने में बजट से पहले सिगरेट महंगी होने का रिवाज था। और तो और अब तो जाम के लिए और रेलों-बसों के लेट हो जाने के लिए भी ट्रक वालों की हड़ताल को जिम्मेदार ठहराया जा सकता है। वैसे ही जैसे दिल्ली वगैरह में शादियों में सीजन के लिए सड़कों पर नाचते बारातियों को जिम्मेदार ठहराया जा सकता है। जरूरी नहीं कि रेलें-बसें इसीलिए लेट हों कि कोहरा है साहब, कुछ दिखाई ही नहीं देता। अब इनके लेट होने के लिए कहा जा सकता है कि वो ट्रक वालों की हड़ताल है न, इसलिए बसें लेट हो रही हैं जी। हाईवे बंद पड़े हैं। ट्रक वाले ट्रक छोड़-छोड़कर चले गए हैं।
सरकार ने हिट एंड रन में भागने वालों की सजा और जुर्माने क्या बढ़ाए, ट्रक वाले पहले ही ट्रक हाईवे पर छोड़कर चले गए। खैर जी, हम तो महंगाई की बात कर रहे थे। आपदा में अवसर तलाशने का गुरु मंत्र हमें ऐसा मिला है कि बाढ़-वाढ़ में सप्लाई रुकने से तो महंगाई बढ़ ही जाती है, लेकिन अब तो बेमौसम बारिश हो जाए तो भी महंगाई बढ़ सकती है, यह तो फिर ट्रक वालों की हड़ताल है। हमने आपदा में अवसर तलाशना सीख लिया है।

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