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टूटे रास्ते, बुलंद इरादे : गांव स्यू माजरा के अर्पणदीप ने हरियाणा में किया टॉप, 500 में से 497 अंक किये हासिल

03:11 PM May 13, 2025 IST
टूटे रास्ते  बुलंद इरादे   गांव स्यू माजरा के अर्पणदीप ने हरियाणा में किया टॉप  500 में से 497 अंक किये हासिल
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जीत सिंह सैनी/निस

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गुहला चीका, 13 मई

कभी-कभी हालात राह में कांटे बिछा देते हैं, लेकिन जिनके इरादे मजबूत होते हैं, वे उन्हीं कांटों को सीढ़ी बना लेते हैं। हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड द्वारा सोमवार को घोषित 12वीं कक्षा के परीक्षा परिणाम में गांव स्यू माजरा के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के छात्र अर्पणदीप सिंह ने यह सिद्ध कर दिखाया। कॉमर्स संकाय में 500 में से 497 अंक प्राप्त कर अर्पणदीप ने न केवल प्रदेश में प्रथम स्थान प्राप्त किया, बल्कि यह भी साबित कर दिया कि सपनों की उड़ान संसाधनों से नहीं, संकल्प से तय होती है।

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कठिनाइयों भरे सफर से मिली ऊंची उड़ान

गांव स्यू माजरा को मुख्य सड़क से जोड़ने वाला लगभग पांच किलोमीटर लंबा रास्ता बीते दो वर्षों से बुरी तरह क्षतिग्रस्त है। वर्ष 2023 की बाढ़ में यह मार्ग पूरी तरह बह गया था। नतीजतन, कीचड़, गड्ढे और जोखिम भरा सफर रोज़ की वास्तविकता बन गया। ग्रामीण कई मंचों पर गुहार लगा चुके हैं, लेकिन समाधान नहीं मिला। इसी टूटे रास्ते से अर्पणदीप रोज़ाना इस जर्जर रोड से स्कूल जाता था—बिना किसी शिकायत, बिना किसी गिले-शिकवे के। यही संघर्ष उसकी सफलता को और भी गौरवपूर्ण बनाता है।

स्कूल में जश्न, गांव में गर्व

जैसे ही अर्पणदीप के टॉप करने की खबर स्कूल पहुंची, वहां तालियों की गूंज और मुस्कुराहटों की चमक छा गई। स्कूल की प्रिंसिपल चरणजीत कौर ने उसे मिठाई खिलाकर गले लगाया। उन्होंने कहा, “अर्पणदीप बेहद अनुशासित, मेहनती और लक्ष्य के प्रति समर्पित छात्र रहा है। उसकी सफलता पूरे स्टाफ की मेहनत और सामूहिक प्रयास का परिणाम है।”

माता-पिता भावुक, शिक्षक वर्ग को दिया श्रेय

अर्पणदीप के पिता यादविंद्र सिंह किसान हैं और मां रमनदीप कौर गृहिणी। वे भी स्कूल पहुंचे और शिक्षक वर्ग का आभार व्यक्त किया। पिता ने कहा, “बेटा शुरू से ही पढ़ाई में तेज रहा है। एक बार जो पढ़ लेता है, वह लंबे समय तक याद रखता है। आज उसका सपना पूरा होता देख हमारी आंखें नम हैं।”

टॉपर की दिनचर्या और सपने

अर्पणदीप ने बताया कि उसने पूरे वर्ष पढ़ाई पर फोकस बनाए रखा। “जो कुछ स्कूल में पढ़ाया जाता था, उसे मैं घर जाकर दोहराता था। मेरे शिक्षकों ने हमेशा मेरा हौसला बढ़ाया और कभी किसी तरह का दबाव नहीं डाला।” अब उसका अगला लक्ष्य चार्टर्ड अकाउंटेंट बनना है। वह कहता है, “मैं देश के लिए कुछ बड़ा करना चाहता हूं और इसके लिए लगातार मेहनत करता रहूंगा।”

प्रारंभिक शिक्षा और गांव से जुड़ाव

अर्पणदीप मूलतः गांव अगौंध का निवासी है। उसने पहली से छठी कक्षा तक की पढ़ाई दुसरेपुर स्थित स्वामी विवेकानंद स्कूल से की और सातवीं कक्षा के बाद से स्यू माजरा के स्कूल में अध्ययन कर रहा है। एक ऐसे विद्यालय में, जहां सुविधाएं सीमित हैं लेकिन शिक्षक अत्यंत समर्पित हैं।

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