टूटे रिश्ते आत्महत्या के लिए उकसाने की श्रेणी में नहीं आते : सुप्रीम कोर्ट
07:19 AM Nov 30, 2024 IST
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नयी दिल्ली (एजेंसी)
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सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि टूटे रिश्ते कष्टदायक होते हैं और यह आत्महत्या के लिए उकसाने के अपराध की श्रेणी में नहीं आते। जस्टिस पंकज मिथल और जस्टिस उज्ज्वल भुइयां की पीठ ने एक फैसले में यह टिप्पणी की। शीर्ष अदालत ने कर्नाटक हाईकोर्ट के उस फैसले को पलट दिया, जिसमें कमरुद्दीन दस्तगीर सनदी को धोखाधड़ी और आत्महत्या के लिए उकसाने के अपराध में दोषी ठहराया गया था। पुलिस के अनुसार, 21 वर्षीय युवती की मां ने आरोप लगाया था कि आठ साल से उसकी बेटी आरोपी से प्यार करती थी और अगस्त 2007 में उसने आत्महत्या कर ली थी, क्योंकि आरोपी ने शादी का वादा पूरा करने से मना कर दिया था।
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