ब्रिटेन, अमेरिका की लेबनान एवं इस्राइल से संघर्ष विराम की अपील
लंदन/न्यूयॉर्क, 26 सितंबर (एजेंसी)
ब्रिटेन, अमेरिका और अन्य यूरोपीय देशों ने लेबनान और इस्राइल से संघर्ष विराम की अपील की है। इन दोनों देशों के अलावा अन्य यूरोपीय देशों ने चेताया है कि क्षेत्र में इस समय संघर्ष के पूर्ण युद्ध की तरफ बढ़ने का खतरा है।
न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक के दौरान एक बयान में ब्रिटिश विदेश मंत्री डेविड लैमी ने इस्राइल पर पिछले 11 महीनों में हिजबुल्ला के हमलों की निंदा की और दोहराया कि इन हमलों को उचित नहीं ठहराया जा सकता जिसके कारण लेबनान और इस्राइल के आम लोगों का जीवन बदहाल हो गया है। ईरान को दिए गए एक संदेश में लैमी ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र (संरा) का उल्लंघन करके आतंकी संगठनों को हथियारों की आपूर्ति को किसी भी तरह उचित नहीं ठहराया जा सकता। उन्होंने तेहरान से अनुरोध किया कि वह हिजबुल्ला पर अपने प्रभाव का इस्तेमाल संघर्षविराम समझौते के प्रति उसे राजी करने के लिए करे। अमेरिका और फ्रांस, जिनका ब्रिटेन ने समर्थन किया है, ने भी 21 दिवसीय अस्थायी युद्धविराम का आह्वान किया था ताकि व्यापक बातचीत हो सके। गौर हो कि लेबनान में हालिया दिनों में दोनों पक्षों के बीच हुए संघर्ष में 600 से अधिक लोगों की मौत हुई है। न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा से इतर बुधवार को जारी संयुक्त वक्तव्य में कहा गया है कि हालिया लड़ाई अस्वीकार्य है और यह क्षेत्र में व्यापक रूप ले सकती है।
ऐसे मुद्दों पर एक रहे सुरक्षा परिषद : गुतारेस
संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंटोनियो गुतारेस ने एक उच्च स्तरीय बैठक में गाजा, यूक्रेन, सूडान और अन्य जगहों पर युद्धों को समाप्त करने में नेतृत्व विफलता के लिए आपस में विभाजित सुरक्षा परिषद की तीखी आलोचना की। गुतारेस ने कहा, गाजा में इस्राइल-हमास युद्ध पर भी सुरक्षा परिषद कड़ी कार्रवाई नहीं कर पा रही है क्योंकि इस्राइल का करीबी सहयोगी अमेरिका एक अन्य वीटो-शक्ति संपन्न देश है। ऐसा ही मामला रूस-यूक्रेन का है।
भारतीयों को लेबनान यात्रा से बचने की सलाह
यरूशलम : भारत ने बढ़ती हिंसा के बीच भारतीय नागरिकों से लेबनान की यात्रा से बचने का आग्रह किया है और वहां मौजूद लोगों को अत्यधिक सावधानी बरतने तथा जल्द से जल्द देश छोड़ने की सलाह दी है। संयुक्त राष्ट्र के मानवीय मामलों से संबंधित कार्यालय ने बुधवार को कहा था कि लगभग एक साल पहले हिजबुल्ला द्वारा उत्तरी इस्राइल पर रॉकेट दागने और इस्राइल की जवाबी कार्रवाई के बाद लेबनान में 20,000 लोग विस्थापित हुए हैं। अनेक की जान गयी है।