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Bridge Collapsed in Jharkhand : पुल टूटा, हौसला नहीं... झारखंड में तैरकर स्कूल पहुंच रहे छात्र, गीले कपड़ों में लौटते हैं घर

08:07 PM Jul 14, 2025 IST
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एक्स हैंडल।
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खूंटी, 14 जुलाई (भाषा)
अगले साल बोर्ड परीक्षा में बैठने को तैयार 15 वर्षीय सुनीता होरो (बदला हुआ नाम) स्कूल पहुंचने के लिए बनई नदी के एक हिस्से को तैरकर पार करने के लिए मजबूर है। झारखंड के खूंटी में स्थित उसके गांव को जोड़ने वाला एकमात्र पुल हाल ही में टूटकर बह गया। पेलोल के पास रांची-खूंटी-सिमडेगा मार्ग को जोड़ने वाला पुल साल 2007 में 1.30 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया था

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29 जून को भारी बारिश के दौरान पहुंच मार्ग को सहारा देने वाले एक खंभे के झुक जाने से यह पुल एक तरफ से ढह गया। सुनीता ने कहा कि शुरुआत में मैंने बांस की उस सीढ़ी का इस्तेमाल किया, जिसका इंतजाम ग्रामीणों ने पुल के क्षतिग्रस्त हिस्से को मुख्य संरचना से जोड़ने के लिए किया था। बाद में प्रशासन ने इसे खतरनाक बताते हुए इसके इस्तेमाल पर रोक लगा दी।

पेलोल के राजकीय उच्च विद्यालय की छात्रा सुनीता अब हफ्ते में महज एक या दो बार स्कूल जाती है। स्कूल पहुंचने के लिए मेरे पास नदी का एक हिस्सा तैरकर पार करने के अलावा कोई चारा नहीं है। तैरते समय मैं अपना स्कूल बैग सिर के ऊपर रखती हूं, लेकिन मेरे कपड़े पूरी तरह भीग जाते हैं। इसलिए, मैं घर से अतिरिक्त कपड़े लेकर जाती हूं। सुनीता अकेली नहीं है।

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कई सहपाठी और अंगारबारी गांव के अन्य छात्र भी पढ़ाई के लिए यही जोखिम भरा रास्ता अपना रहे हैं। सुनीता की एक दोस्त रीता प्रधान (बदला हुआ नाम) ने कहा कि अक्सर हम गीले कपड़ों में घर लौटते हैं, इसलिए अगले दिन स्कूल नहीं जा पाते। पुल के ढह जाने से न केवल पेलोल स्थित राजकीय उच्च विद्यालय और एक मिशनरी स्कूल के सैकड़ों छात्र प्रभावित हुए हैं, बल्कि 12 गांवों के निवासियों पर भी असर पड़ा है, जिनका खूंटी मुख्यालय और रांची के बीच संपर्क टूट गया है।

एक अधिकारी ने बताया कि सिमडेगा के रास्ते रांची व ओडिशा जाने वाले भारी वाहनों और बसों की आवाजाही भी आंशिक रूप से बाधित हुई है। खूंटी की अनुमंडल अधिकारी (एसडीओ) दीपेश कुमारी ने बताया कि पुल के पास एक 'डायवर्जन' (वैकल्पिक मार्ग) का निर्माण शुरू हो गया है। हालांकि, लगातार बारिश के कारण निर्माण कार्य में बाधा आ रही है।

यातायात को अस्थायी रूप से एक वैकल्पिक मार्ग की तरफ मोड़ा जा रहा है। छात्रों ने बताया कि पुल ढहने से पहले उन्हें स्कूल आने-जाने में पांच मिनट लगते थे, लेकिन अब वैकल्पिक मार्ग से 12 किलोमीटर अतिरिक्त रास्ता तय करने की मजबूरी के कारण उनके 40 मिनट खर्च होते हैं। जेब से अतिरिक्त पैसे भी जाते हैं। झारखंड के मुख्यमंत्री ने पुल ढहने की घटना की जांच के आदेश दिए हैं। एसडीओ ने बताया कि विभागीय समिति गठित कर दी गई है, जो मामले की जांच कर रही है।

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