सांसें रोक कर खड़ा पहाड़
07:06 AM Oct 29, 2023 IST
जाॅन फांसे (नोबेल पुरस्कार विजेता)
उसने ली गहरी सांस
और फिर वहीं टिक गया पहाड़
और पहाड़ वहीं टिका रहा सदियों तक
और इस तरह पहाड़ बचाए रहा
अपना अस्तित्व
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और उसकी जड़ें नीचे धसती रहीं
गहरी और बहुत गहरी
स्वयं में लिपटी हुई
और थामे हुए अपनी सांसें
स्वर्ग और समुद्र
जब मचा रहे हाहाकार
रोके हुए हैं अपनी सांसें, पहाड़।
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तूफ़ान में नाव की भांति
मैं और तुम
तुम और चांद
तुम और हवा
तुम और ये झिलमिल सितारे
शायद
मिट्टी में दबकर
सड़ रही लाशों की
तमाम दुर्गंधों
के बीच
कई लोग, मेरी तरह
या उनकी तरह जो
दफ़न कर देते हैं अपनी
हतोत्साहित आशाएं
बिना किसी पीड़ा के।
हां! किसी तूफ़ान में नाव की भांति
मैं और तुम।
जो केवल हम जानते हैं
गीत
समुद्र का गीत
पहाड़ की चोटियों से निकलकर
छा जाता है आसमान के वितान पर
नीले क्षितिज पर, गुनगुनाते हुए
साथ साथ हैं हम
और जहां हम नहीं कहते कुछ भी
एक-दूसरे को
और अनकहा,
जो केवल हम जानते हैं!
हिंदी अनुवाद : अरुण चंद्र राय
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