ब्रेस्ट कैंसर का इलाज संभव, बशर्ते समय पर करवाएं : डॉ़ एसएस लोहचब
रोहतक, 27 अक्तूबर (हप्र)
पंडित भगवत दयाल शर्मा स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय में रविवार को विद्यार्थियों व ब्रेस्ट कैंसर से ठीक हो चुके मरीजों और उनके परिजनों द्वारा ऑडिटोरियम से लेकर महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय तक एक ब्रेस्ट कैंसर जागरूकता मैराथन का आयोजन किया गया। सर्जरी विभाग की चिकित्सक डाॅ. नित्याशा ने बताया कि इस मैराथन को निदेशक डॉ. एसएस लोहचब ने झंडी दिखाकर रवाना किया।
इस अवसर पर विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए डॉ. लोहचब ने कहा कि ब्रेस्ट कैंसर का इलाज संभव है बशर्ते कि हम समय पर उसका इलाज करवाएं। डॉ. नित्याशा ने बताया कि ब्रेस्ट कैंसर का केस भारत में करीब 28 महिलाओं में से एक महिला में मिल रहा है जो कि पहले के मुकाबले बढ़ रहा है।
सबसे चिंताजनक बात यह है कि यह कम उम्र की महिलाओं में बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि हमें ब्रेस्ट कैंसर से घबराने की जरूरत नहीं है क्योंकि इसके पूर्ण इलाज के बाद महिलाएं सभी काम पहले की तरह पूरे कर सकती हैं। डॉ नित्याशा ने सभी महिलाओं से अपील करते हुए कहा कि 20 की उम्र के बाद हर महिला को अपने स्तन की स्वयं जांच करनी चाहिए और 6 माह के अंतराल पर चिकित्सक से यह जांच कराई जा सकती है। 40 साल की उम्र के बाद हर साल मैमोग्राफी करवानी चाहिए। उन्होंने कहा कि कई बार हम ही मान लेते हैं कि हर गांठ कैंसर की गांठ होती है जबकि यह बिल्कुल गलत है।
10 में से सिर्फ 2 गांठ ही कैंसर की पाई जाती हैं। उसका भी सर्जरी, कीमोथेरेपी, रेडियोथेरेपी व अन्य की मदद से सही समय पर इलाज करने पर पूर्णतया ठीक होने की उम्मीद होती है। डॉ नित्याशा ने कहा कि अपने स्वास्थ्य पर ध्यान दें, फिजिकल एक्टिविटी जैसे योग, वजन पर नियंत्रण, जंक फूड जैसा बाहर का खाना खाने से परहेज करना चाहिए। इस अवसर पर डॉ. कुलदीप, डॉ. विवेक मलिक, डॉ. विपिन, डॉ. पंकज गहलोत्त, डॉ. पंकज सांगवान, डॉ. रागिनी, पूनम धनखड़] डिंपल, भावना, डॉ. विपुल ने भी हिस्सा लिया।