ब्रह्मज्ञान भारतीय संस्कृति की सनातन धरोहर : साध्वी रेवा
जगाधरी, 21 अप्रैल (निस)
हनुमान गेट जगाधरी स्थित दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान आश्रम में आयोजित साप्ताहिक सत्संग में श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए साध्वी रेवा भारती ने अध्यात्म के गूढ़ रहस्यों को उजागर किया। उन्होंने कहा कि मानव से देवत्व की यात्रा अध्यात्म मार्ग से होकर निकलती है। आत्म साक्षात्कार आध्यात्म का प्रथम पड़ाव है। साध्वी ने कहा कि केवल ब्रह्मनिष्ठ गुरु ही अपने तपोबल के द्वारा हमें ब्रह्मज्ञान में दीक्षित करके आत्म साक्षात्कार करवा सकते हैं। ब्रह्मज्ञान भारतीय संस्कृति की सनातन धरोहर है।
मानव में देवत्व का अवतरण करने हेतु ब्रह्मज्ञान की सनातन पद्धति ज्ञान एवं विज्ञान का समन्वय है। यूं तो आज के युग में विज्ञान के कई उपकरणों ने हमारे जीवन को बहुत सरल और सहज बना दिया है, लेकिन केवल मानव जीवन की आवश्यकताओं एवं आराम को ध्यान में रखकर विज्ञान ने जो खोज की है, वह आज हमें शारीरिक तौर पर आलस्य युक्त और मानसिक तौर पर अवसाद ग्रस्त बना रही है। 1984 में भोपाल यूनियन कार्बाइड फैक्टरी में हुई गैस त्रासदी अध्यात्म रहित विज्ञान का दुष्परिणाम है।
आज हमारी जीवनदायिनी प्रकृति और पोषण करने वाली भूमि प्रदूषण एवं प्राकृतिक आपदा के रूप में विज्ञान के दुष्प्रभावों से निरंतर श्रापित हो रहे हैं।