पुस्तकें हमारे सपनों को पंख देती हैं : विज
पंचकूला, 9 नवंबर (हप्र)
विद्युत विभाग विभिन्न विभागों एचएसवीपी, शिक्षा विभाग, पुलिस विभाग, पर्यावरण विभाग, अक्षय ऊर्जा विभाग, महिला बाल विकास विभाग, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग, कला एवं सांस्कृतिक कार्य विभाग, जिला प्रशासन पंचकूला, शहरी एवं स्थानीय निकाय विभाग के साथ आपसी समन्वय में इन्द्रधनुष आडिटोरियम सेक्टर-5 में तृतीय पंचकूला पुस्तक मेला आयोजित किया जा रहा है। पुस्तक मेले के मंच पर कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के सहयोग से ‘प्रकृति खेती समय की मांग ’ विषय पर विमर्श एवं कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस अवसर पर किताबों की महत्ता पर सुकरात के विचारों का उल्लेख करते हुए डा. अलाउद्दीन ने कहा कि सुकरात ने कहा था कि जिस घर में किताबें नहीं वो घर मुर्दाघर के समान हैं। उन्होंने कहा कि यदि हमें अच्छी बातें करनी है, जीवन में मिठास भरना है तो हमें किताब पढ़नी चाहिए।
इस अवसर पर अध्यक्षता करते हुए सिया चेयरमैन पीके दास ने कहा कि मनुष्य और प्रकृति का गहरा सम्बन्ध है। उन्होंने कहा कि मनुष्य को अपनी भोगवादी प्रवृत्ति को छोड़ना होगा। प्रकृति हितैषी खेती ही आज के समय की सबसे बड़ी जरूरत है। उन्होंने कहा कि यदि हमें स्वस्थ रहना है तो प्रकृति खेती का विकल्प चुनना होगा। इस अवसर पर पी के दास, सिया चेयरमैन द्वारा महानिदेशक, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग राजनारायण कौशिक को स्मृतिचिन्ह देकर सम्मानित किया गया।
वहीं पुस्तक मेले में ऊर्जा, परिवहन एवं श्रम मंत्री अनिल विज ने अपने संदेश में कहा कि किताब मनुष्य की सबसे सच्ची दोस्त हैं। पुस्तकें हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं और पुस्तकें ज्ञान की सच्ची मित्र होती हैं। ये हमारे जीवन में प्रेरणा, सीख और मनोरंजन का स्रोत बनती हैं। पुस्तकें हमारे सपनों को पंख देती हैं। सायंकालीन सत्र में इन्द्रधनुष आडिटोरियम में अनीस आज़मी द्वारा गालिब के खतों की प्रस्तुति की गयी। इस सत्र में रेशमा फारूकी ने गालिब के खतों का परिचय दिया।