Bollywood Gossip : कंपकंपी मूवी का प्रचार करने पहुंचे तुषार कपूर ने कहा- करियर की शुरुआत में कुछ लोगों ने की थी नीचा दिखाने की कोशिश
इंदौर (मध्यप्रदेश), 23 मई (भाषा)
अभिनेता तुषार कपूर ने कहा कि करियर की शुरुआत में उन्हें कुछ लोगों ने नीचा दिखाने और उन्हें उनके जायज श्रेय से वंचित करने की कोशिश की थी। अपनी नई मूवी ‘कंपकंपी' के प्रचार के लिए इंदौर आए कपूर से संवाददाताओं ने पूछा कि क्या फिल्म सितारे जितेंद्र के बेटे होने के कारण उन्हें अपने अभिनय करियर में भाई-भतीजावाद के आरोपों के चलते कभी दबाव का सामना करना पड़ा?
उन्होंने किसी व्यक्ति का नाम लिए बगैर जवाब दिया कि मुझे कभी इस तरह के दबाव का सामना तो नहीं करना पड़ा, लेकिन शुरुआत में मेरी पहली फिल्म के चलने के बावजूद कुछ ऐसे लोग थे जो मुझे नीचा दिखाने की कोशिश करते थे। वे यह भी कोशिश करते थे कि मुझे मेरा जायज श्रेय न मिले। आपको खुद पर आत्मविश्वास रखना चाहिए। अगर हम दूसरे लोगों की (नकारात्मक) बातों को इतनी गंभीरता से लेते रहेंगे, तो हम अपने काम पर कभी ध्यान केंद्रित नहीं कर सकेंगे। मैं लगातार अपना काम कर रहा हूं।
मैंने अपने घरेलू प्रोडक्शन की फिल्म से पदार्पण नहीं किया था। मेरे पदार्पण में परिवार का कोई हाथ भी नहीं था। आप सोचिए कि अगर मैं अपने घरेलू प्रोडक्शन की फिल्म से अभिनय की दुनिया में कदम रखता, तो भला क्या होता? फिर तो वे (भाई-भतीजावाद के आरोप लगाकर फिल्मी सितारों की संतानों की आलोचना करने वाले लोग) मेरी खाल उधेड़ देते। हर व्यक्ति को अपने हिस्से का संघर्ष करना पड़ता है। आपको आगे बढ़ने के लिए ज्यादा मेहनत करते हुए लोगों को अपने बेहतरीन काम से लगातार चुप कराते रहना चाहिए।
यही करते हुए मुझे फिल्म उद्योग में 25 साल हो गए हैं। उन्होंने एक सवाल पर संकेत दिया कि अभिनय के किरदार चुनने को लेकर उनका नजरिया लचीला है। कपूर ने कहा कि अगर मुझे नए किरदार निभाने का मौका मिलता है, तो बढ़िया है। वरना मैं उसी तरह के किरदार अलग और बेहतर तरीके से निभाना पसंद करूंगा जो मैं पहले अदा कर चुका हूं। मौका मिलने पर वह नृत्य पर आधारित फिल्म, विशुद्ध डरावनी फिल्म और राजनीतिक थ्रिलर फिल्म में काम करना चाहेंगे।
फिल्म उद्योग में कई लोग ऐसे भी हैं, जिन्होंने उनका हौसला बढ़ाया और उन्हें किसी व्यक्ति से कोई शिकायत या किसी बात का पछतावा नहीं है। कपूर ने सतीश कौशिक निर्देशित ‘मुझे कुछ कहना है' (2001) से अभिनय की दुनिया में कदम रखा था। वाशु भगनानी इस फिल्म के निर्माता थे।