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बोर्ड परीक्षा : अब सिर्फ रिविजन पर रहे जोर

10:22 AM Jan 18, 2024 IST

केवल तिवारी
दसवीं और 12वीं बोर्ड परीक्षा अगले महीने यानी फरवरी से शुरू हैं। कुछ जगहों पर प्रैक्टिकल की डेटशीट भी आ चुकी है। अनेक बच्चे जहां पहले से ही लक्ष्य साधकर प्रॉपर तैयारी कर रहे हैं, वहीं कुछ अब घबराए हुए हैं। यह समय घबराने का नहीं है। विशेषज्ञ कहते हैं कि इस वक्त सिर्फ रिविजन पर जोर दें। सालभर जो पढ़ा है और पढ़ाई के दौरान टीचर्स ने जो महत्वपूर्ण चैप्टर बताए हैं, उन पर फोकस करें। रिविजन से ही अब लक्ष्य सधेगा। कोई नया चैप्टर अब पढ़कर बात नहीं बनेगी, हां अगर किसी चैप्टर को लेकर टीचर्स ने बताया हो तो उस पर अलग से टाइम निकालकर फोकस करें। फिजिक्स, कैमेस्ट्री और मैथ्स के फार्मूले पर जोर दें। बेहतर होगा अगर आप कुछ विशेष फार्मूलों को लिखकर अपने स्टडी टेबल के सामने चिपका दें। इसके साथ ही बोर्ड पर कोई अच्छा सा कोटेशन यानी सूत्र वाक्य भी लिखकर रखें। अगर इसे प्रतिदिन बदल सकें तो यह आपको नया विश्वास पैदा करने में मददगार साबित होगा। ध्यान रहे कि जितना अधिक रिविजन होगा, परीक्षा हाल में आप उतने ही सहज रहेंगे। इसके साथ ही प्रतिदिन अलग-अलग विषय को लेकर कुछ लिखते रहें। साथ ही ध्यान दें कि आपकी हैंड राइटिंग में भी सुधार हो रहा हो। क्योंकि परीक्षाओं में लिखावट का भी बहुत महत्व होता है। लिखावट फर्स्ट इंप्रेशन की ही तरह है। तो बोर्ड की परीक्षा देने को तैयार बच्चे बिना घबराहट के साथ अपने आत्मविश्वास को बरकरार रखते हुए रिविजन पर लगातार फोकस करें।

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प्रतिदिन दो विषय के सैंपल पेपर हल करें

बेशक अब बोर्ड परीक्षाओं का पैटर्न बदल रहा है, फिर भी पिछले पांच-छह साल के सैंपल पेपर निकालकर प्रतिदिन दो विषयों के पेपर को सॉल्व करने की कोशिश करें। इसके अलावा रुटीन पढ़ाई भी जरूरी है। सैंपल पेपर इस तरह से सॉल्व करें मानो आप परीक्षा भवन में ही बैठे हैं। इसमें आप अपने घर के किसी बड़े की मदद ले सकते हैं। मदद से आशय है कि सॉल्व पेपर को उनसे चेक करवाएं। फिर मार्किंग भी करवाएं। ऐसा ऑनलाइन पेपर निकालकर उसकी आन्सर शीट घर के किसी बड़े सदस्य को देकर कर सकते हैं। धीरे-धीरे आपका अभ्यास बढ़ेगा और परीक्षा हॉल में आप सहजता से पेपर दे सकेंगे।

यदि चल रही हो दोहरी तैयारी

12वीं का पेपर देने जा रहे अनेक बच्चे दोहरी तैयारी कर रहे हैं। दोहरी तैयारी से मतलब कुछ लोग इंजीनियरिंग की प्रवेश परीक्षा देने वाले हैं और कुछ मेडिकल की। ऐसे बच्चों के लिए समय जरा ज्यादा परिश्रम का है, लेकिन मुश्किलभरा दौर नहीं। आपको दोनों चीजों के हिसाब से समय का बंटवारा करना होगा। जेईई या नीट के सैंपल पेपर के साथ-साथ इन बच्चों को बोर्ड की भी तैयारी करनी होती है, इसलिए पढ़ाई के कुछ घंटे तो बढ़ाने ही पड़ेंगे। लेकिन यह तैयारी बिना घबराहट के ही होनी चाहिए।

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बदले पैटर्न पर ध्यान दें

अपनी तैयारी को जारी रखते हुए आप बदले पैटर्न पर ध्यान जरूर दें। क्योंकि यदि आपकी तैयारी पुराने पैटर्न पर होगी और परीक्षा हॉल में अचानक आपको पैटर्न बदला दिखेगा तो पहले पहल दिक्कत होगी। इसलिए पेपर्स में क्या बदलाव होने वाला है। ऑब्जेक्टिव एवं सब्जेक्टिव कितने प्रश्न आने हैं, इसका अंदाजा पहले से होना जरूरी है। इसके अलावा साहित्य जैसे कि हिंदी, अंग्रेजी, पंजाबी या संस्कृत में कुछ अपठित गद्यांश या पद्यांश के तरीकों पर भी ध्यान दें। इनके जवाब देते वक्त संबंधित पद्यांश या गद्यांश को अच्छे से पढ़ लें।

टीचर्स के संपर्क में जरूर रहें

कुछ स्कूलों में बोर्ड परीक्षार्थियों की अब छुट्टी शुरू हो जाएगी। संभवत: कुछ स्कूलों में हो भी गयी हो, लेकिन टीचर्स बच्चों से संपर्क बनाए रखने को कहते हैं। आजकल तो ऑनलाइन इतने सारे प्लेटफॉर्म हैं, इसलिए टीचर्स के टच में रहना जरूरी है। इसी संदर्भ में यह बात भी जरूरी है कि सोशल मीडिया को कुछ महीनों के लिए बाय-बाय कर दीजिए। बस मतलब भर के लिए इनका इस्तेमाल करें। हो सके तो पैरेंट्स के ही फोन का इस्तेमाल करें, अपने पास स्मार्ट फोन न रखें।

फल जरूर खाएं, मेडिटेशन भी करें

इस आपाधापी के बीच एक बहुत महत्वपूर्ण बात कि मेडिटेशन जरूर करें। सुबह शाम कम से कम आधा घंटा लंबी सांसें खींचना एवं अनुलोम विलोम करें। यदि अपने-अपने धर्म के हिसाब से पूजा-पाठ करते हों तो उस दौरान भी यह काम किया जा सकता है। इसके साथ ही ध्यान रहे कि फल जरूर खाने हैं। वैसे तो हर पैरेंट्स बच्चों का ध्यान रखते हैं, लेकिन कई घरों में माता-पिता दोनों नौकरीपेशा होते हैं, ऐसे बच्चे फलों की डिमांड कर घर में साफ कर उन्हें रख लें और पढ़ाई के दौरान ही उनका सेवन कर सकते हैं। ऐसे में भोजन हल्का रहेगा और आलस्य नहीं घेरेगा।

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