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Blood donation रक्तदान : सेहत का बूस्टर डोज़, बीमारियों का क्लीन स्वीप!

12:53 PM Mar 16, 2025 IST
blood donation रक्तदान   सेहत का बूस्टर डोज़  बीमारियों का क्लीन स्वीप
प्रतीकात्मक चित्र
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ब्रिस्टल (ब्रिटेन), 16 मार्च (एजेंसी)
Blood donation रक्तदान न केवल दूसरों की जिंदगी बचाने के लिए किया जाता है, बल्कि यह आपकी सेहत के लिए भी एक सुपरपावर से कम नहीं है! नए शोध में यह खुलासा हुआ है कि नियमित रक्तदान से न सिर्फ कैंसर का खतरा कम हो सकता है, बल्कि दिल की सेहत भी बेहतर बनी रहती है। इसका मतलब है कि यह सिर्फ दूसरों के लिए नहीं, बल्कि खुद के लिए भी एक हेल्थ बूस्टर है!

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खून दो, हेल्थ के हीरो बनो!

समय के साथ हमारी रक्त बनाने वाली स्टेम कोशिकाओं में बदलाव आते हैं, जो कभी-कभी खतरनाक बीमारियों का कारण बन सकते हैं। लेकिन लंदन के फ्रांसिस क्रिक इंस्टीट्यूट के वैज्ञानिकों ने पाया है कि जो लोग नियमित रूप से रक्तदान करते हैं, उनके शरीर में ऐसे सकारात्मक बदलाव होते हैं, जो ल्यूकेमिया जैसी बीमारियों से बचाव में मददगार हो सकते हैं।

शोधकर्ताओं ने 60-70 वर्ष के दो समूहों का अध्ययन किया। एक समूह ने 40 सालों तक साल में तीन बार रक्तदान किया, जबकि दूसरे समूह ने केवल पांच बार रक्तदान किया। नतीजा? नियमित रक्तदान करने वालों में जीन स्तर पर ऐसे बदलाव दिखे, जो कैंसर से जुड़े खतरों को कम कर सकते हैं।

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रक्तदान से बनेंगे स्ट्रॉन्ग

प्रयोगशाला में परीक्षणों से यह पता चला कि नियमित रक्तदान करने वाले व्यक्तियों की स्टेम कोशिकाएं ज्यादा स्वस्थ थीं और वे अधिक प्रभावी ढंग से लाल रक्त कोशिकाएं बना रही थीं। जब इन्हें चूहों में ट्रांसप्लांट किया गया, तो ये सामान्य से ज्यादा कुशल साबित हुईं। वैज्ञानिकों का मानना है कि रक्तदान एक नैचुरल डिटॉक्स की तरह काम कर सकता है, जिससे शरीर में नई, स्वस्थ कोशिकाओं का उत्पादन बढ़ता है।

दिल बोले- 'थैंक यू' रक्तदान!

आपका दिल भी रक्तदान के फायदों से इनकार नहीं कर सकता! जब खून ज्यादा गाढ़ा होता है, तो इससे ब्लड सर्कुलेशन धीमा हो सकता है, जिससे हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा बढ़ता है। लेकिन नियमित रक्तदान करने से खून पतला और चिकना बना रहता है, जिससे हृदय को इसे पंप करने में कम मेहनत करनी पड़ती है। कुछ शोधों में यह भी कहा गया है कि रक्तदान इंसुलिन संवेदनशीलता को सुधार सकता है, जिससे टाइप 2 डायबिटीज का खतरा कम हो सकता है। हालांकि, इस पर अभी और रिसर्च की जरूरत है।

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