ब्लॉग चर्चा
जेन्नी शबनम
दरवाज़े की घंटी बजी। बहुत क़रीने से साड़ी पहनी हुई एक स्त्री ने मुस्कुराते हुए दरवाज़ा खोल आने का कारण पूछा। फिर बड़े तहज़ीब से बैठक में बिठा पानी लेकर आई। पानी का ग्लास देने के बाद घर के भीतर गई और उस सदस्य को सूचना दे दी जिससे मिलना था। फिर वह मुस्कुराती हुई आई और चाय देकर चली गई। अमूमन आम घरों का यह एक सामान्य चलन है। लेकिन जब पता चले कि वह स्त्री जीवित इंसान नहीं, बल्कि रोबोट है तो निःसन्देह हम चौंक जाएंगे या डर जाएंगे, मानो भूत देख लिया हो। सुना है कि ऐसे-ऐसे रोबोट बन गए हैं जो हर काम चुटकियों में कर देते हैं।
विज्ञान और तकनीक ने मनुष्य का विकल्प रोबोट बनाया है। अब ऐसे रोबोट बन गए हैं जो स्त्री का विकल्प ही नहीं बल्कि स्त्री ही है। वह हर वह काम करेगी जो एक स्त्री करती है। स्त्री-रोबोट देखने में ख़ूबसूरत और सुडौल होगी, आपके पसन्द का परिधान पहनेगी, आपके पसन्द का भोजन पकाएगी, जो गीत आप सुनना चाहें वह गाएगी, ऑनलाइन आपके बैंक के कार्य करेगी। आपके मनोभाव के अनुरूप वह हर काम करेगी।
अभी एक फ़िल्म आई थी ‘तेरी बातों में ऐसा उलझा जिया’। इसमें स्त्री पात्र का चरित्र एक ख़ूबसूरत स्त्री-रोबोट का है। ख़ैर, यह तो फ़िल्म है जो हमें हमारे समाज के भविष्य का रूप दिखा रहा है। ऐसा सचमुच कब होगा मालूम नहीं, जब हम एक आम स्त्री और रोबोट में फ़र्क़ न कर पाएं। हालांकि फ़िल्म में इसके दुष्परिणाम भी दिखाए गए हैं; लेकिन यह तो सत्य है कि हर पुरुष ऐसी ही रोबोट स्त्री चाहता है, जो बिना थके बिना किसी शिकायत चौबीस घंटा उसके लिए मुस्कुराती हुई उपलब्ध रहे। ‘तेरी बातों में ऐसा उलझा जिया’ फिल्म देखकर यह ख़याल आया कि सचमुच ऐसे रोबोट बनाए जाएं, जो पूर्णतः शारीरिक और मानसिक रूप से स्त्री हो ताकि पुरुष अपने मनमाफ़िक़ उसका संचालन और उपयोग करे। स्त्री-रोबोट 24 घंटे हर काम के लिए उपलब्ध रहेगी। घर का काम, बैंक का काम या कोई गुप्त कार्य वह आसानी से करेगी। उसे न भूख लगेगी न प्यास, न आंसू बहाएगी न कोई शिकायत करेगी। अधिकतर पति को अपनी पत्नी से शिकायत रहती है। ढेरों चुटकुले बने हैं पत्नी-पीड़ित पुरुष द्वारा स्त्री के लिए। पुरुष के अनुसार पत्नी अपने पति को ग़ुलाम बनाकर रखना चाहती है, उसकी आज़ादी छीन लेती है, उसपर हमेशा सन्देह करती है, निराधार आरोप लगाती है। पुरुष की सारी ज़रूरत स्त्री-रोबोट पूरी करेगी। अगर ऐसा हो जाए तो पुरुषों की दुनिया बहुत अच्छी हो जाएगी। बाकी आप सोचिए।
साभार : साझा संसार डॉट ब्लॉगस्पॉट डॉट कॉम