For the best experience, open
https://m.dainiktribuneonline.com
on your mobile browser.

सेब की फसल पर ब्लैक स्पॉट, माईट और रस्टिंग रोग का हमला

08:29 AM Jun 30, 2024 IST
सेब की फसल पर ब्लैक स्पॉट  माईट और रस्टिंग रोग का हमला
फाइल फोटो
Advertisement

शिमला, 29 जून (हप्र)
मानसून के आगमन के साथ ही सेब के बागीचों में ब्लैक स्पॉट, माईट व रस्टिंग जैसी बिमारियों ने हमला कर दिया है। पहले सूखे और अब बारिश से बागीचों में इस बीमारी के तेजी से फैलने का खतरा बढ़ गया है। इससे बागवानों की परेशानियां बढ़ गई है। ब्लैक स्पॉट की बिमारी सरोग सहित ठियोग के कुछ क्षेत्रों में अधिक दिख रही है। ठियोग क्षेत्र के बागवानों इंद्र सिंह, रणजीत वर्मा, संदीप वर्मा, देवेंद्र तथा जीत सिंह नेगी के बागीचों को इस रोग ने पूरी तरह से घेर लिया है।
इसके अलावा जिला के अन्य क्षेत्रों में भी बागीचों में ब्लैक स्पॉट का रोग दिख रहा है। ब्लैक स्पॉट का प्रमुख कारण सूखा बताया जा रहा है। ब्लैक स्पॉट के कारण सेब बहुत ही खराब दिखाई देता है और बाजार में उसे उचित कीमत नहीं मिलती है। बागवानी विशेषज्ञ डा एसपी भारद्वाज ने कहा कि बागवान अपने बागीचों पर नजर रखें और रोग के लक्ष्ण दिखने पर स्प्रे करें। उन्होंने कहा कि सूखे के कारण लेंटीसेल ब्रेक डाउन के कारण फल में ब्लैक स्पॉट दिखाई दे रहे हैं। साथ ही माइट के लक्षण भी कई स्थानों पर दिखाई दे रहे हैं। उन्होंने बागवानों को बागवानी विभाग तथा बागवानी विश्वविद्यालय द्वारा जिन दवाईयों की सिफारिश की है, उनकी स्प्रे करने का सुझाव दिया है। जिला शिमला के बागी, जुब्बल, रोहड़ू, कोटगढ़ आदि क्षेत्रों में सेब के बागीचों में माइट ने हमला कर दिया है। विशेषज्ञों के अनुसार मौसम में हुए बदलाव से बागीचों में माइट ने दस्तक दी है। शुष्क व गर्म मौसम के चलते ऊपरी शिमला के बागीचों में टू-स्पॉटिड स्पाइडर माइट ने हमला किया है। यह सेब के पत्तों पर आक्रमण करता है तथा पत्तों के क्लोरोफिल को चूसता है, जिससे पत्ता अपना हरा रंग खो देता है तथा धीरे-धीरे तांबे के रंग में परिवर्तित हो जाता है और समय से पहले झड़ जाता है। इस कारण फल का आकार नहीं बढ़ता है और न ही उसमें रंग आता है। इसे भी बागवानी विश्वविद्यालय व बागवानी विभाग के स्प्रे शेड्यूल में बताई गई माइट नाशकों के उपयोग करने की सलाह दी है।

Advertisement
Advertisement
Advertisement
Advertisement
×