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शहरी सीटों पर रहा भाजपा का प्रभाव, गांवों में कांग्रेस हावी

08:24 AM Jun 17, 2024 IST
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दिनेश भारद्वाज/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 16 जून
हरियाणा में लोकसभा चुनावों के दौरान एक रोचक पहलू यह रहा कि दोनों प्रमुख दलों – भाजपा व कांग्रेस के सिटिंग विधायकों वाले विधानसभा क्षेत्रों में मामला फिफ्टी-फिफ्टी का देखने को मिला। कांग्रेस के 30 विधायकों में से 16 के हलकों में भाजपा ने लीड हासिल की। वहीं कांग्रेस ने भाजपा विधायकों के 40 हलकों में से 15 में या तो लीड ली या फिर कांटे के मुकाबले में मामूली अंतर से हार का सामना किया। इनमें शहरी सीटें भी शामिल हैं।
वहीं, शहरी क्षेत्रों में भाजपा का प्रभाव पहले की तरह बरकरार नज़र आया। कुछेक को छोड़ दें तो अधिकांश शहरी सीटों पर भाजपा का प्रदर्शन बढ़िया रहा। गांवों में कांग्रेस का प्रभाव देखने को मिला। इसके बाद भी कुछ ग्रामीण बहुल ऐसे विधानसभा क्षेत्र हैं, जिनमें भाजपा ने अच्छे मार्जन के साथ जीत हासिल की है। यह भी कहा जा सकता है कि शहरी वोटरों की पार्टी भाजपा ने गांवों में भी पैठ बनाई है। बेशक, भाजपा को लोकसभा की पांच सीटों पर हार का सामना करना पड़ा, लेकिन मत प्रतिशत हासिल करने में वह पीछे नहीं रही।
जिन 22 शहरी सीटों पर भाजपा ने लीड हासिल की है, उनमें से पांच विधानसभा हलकों में कांग्रेस के विधायक हैं। इधर, कांग्रेस ने सात शहरी सीटों पर लीड ली है। इनमें वे हलके भी शामिल हैं, जिनको ग्रामीण एरिया भी लगता है और गांवों में कांग्रेस को अधिक समर्थन मिलने की वजह से लीड का अंतर भी बढ़ा है। कालका से कांग्रेस विधायक प्रदीप चौधरी के यहां भाजपा को 10845, सोनीपत से सुरेंद्र पंवार के हलके में 35846, महेंद्रगढ़ में राव दान सिंह के हलके में 4840, रेवाड़ी में चिरंजीव राव के यहां 36529 तथा एनआईटी में नीरज शर्मा के हलके से 41690 की लीड भाजपा उम्मीदवारों ने ली है।
अंबाला सिटी से भाजपा विधायक और राज्य के परिवहन मंत्री असीम गोयल के निर्वाचन क्षेत्र में कांग्रेस के वरुण मुलाना को 5699 मतों से जीत हासिल हुई।
फतेहाबाद में भाजपा के चौ़ दूड़ाराम विधायक हैं और यहां से कांग्रेस की कुमारी सैलजा ने 22641 मतों की लीड ली। सिरसा से हलोपा विधायक गोपाल कांडा के निर्वाचन क्षेत्र में सैलजा ने 13350, संघ व भाजपा प्रभाव वाले रोहतक शहर में कांग्रेस के दीपेंद्र हुड्डा को 4998, बहादुरगढ़ में 21641 तथा चरखी दादरी में निर्दलीय विधायक सोमबीर सांगवान के हलके में कांग्रेस के राव दान सिंह को 5281 मतों की लीड मिली।

जजपा के 10 हलकों में से 9 पर कांग्रेस

हरियाणा में सवा चार वर्षों से अधिक समय तक भाजपा सरकार के साथ गठबंधन सहयोगी रही जननायक जनता पार्टी (जजपा) के दस विधायकों के हलकों में से नौ में कांग्रेस ने जीत हासिल की है। एक हलके में भाजपा को लीड मिली है। जजपा ने भी प्रदेश में लोकसभा की सभी दस सीटों पर चुनाव लड़ा था, लेकिन कहीं जमानत भी नहीं बच पाई। सभी सीटों पर शर्मनाक प्रदर्शन रहा। हिसार से भाजपा टिकट पर चुनाव लड़ने वाले चौ. रणजीत सिंह को बरवाला हलके से 11657 मतों की लीड मिली। यहां से जजपा के जोगीराम सिहाग विधायक हैं और उन्होंने शुरू से ही भाजपा को समर्थन दिया हुआ था। जुलाना में अमरजीत सिंह ढांडा, उचाना में खुद पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला, नारनौंद में रामकुमार गौतम, नरवाना में रामनिवास सुरजाखेड़ा, शाहाबाद में रामकरण काला, गुहला में ईश्वर सिंह, बाढ़डा में नैना सिंह चौटाला, उकलाना में पूर्व राज्य मंत्री अनूप धानक, टोहाना में पूर्व विकास एवं पंचायत मंत्री देवेंद्र सिंह बबली विधायक हैं। इन नौ हलकों में कांग्रेस उम्मीदवारों ने जीत हासिल की है।

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अभय चौटाला के हलके ऐलनाबाद में भी शिकस्त

सिरसा लोकसभा सीट को चौटाला परिवार का गढ़ माना जाता है। हालांकि 2019 के लोकसभा व विधानसभा चुनावों में भी पार्टी का इस एरिया में प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा। अभय चौटाला ऐलनाबाद से इनेलो टिकट पर विधानसभा चुनाव जीतने वाले पार्टी के अकेले नेता हैं। लोकसभा चुनावों में सिरसा से इनेलो ने संदीप लोट वाल्मीकि को चुनावी मैदान में उतारा था। बेशक, संदीप लोट ने कुरुक्षेत्र से चुनाव लड़े अभय सिंह चौटाला से अधिक वोट हासिल किए हैं लेकिन सिरसा लोकसभा सीट के तहत आने वाले ऐलनाबाद हलके में भी इनेलो का प्रदर्शन शर्मनाक रहा। यहां से कांग्रेस की कुमारी सैलजा ने 27 हजार 216 मतों की लीड हासिल की है।

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