मुख्य समाचारदेशविदेशखेलपेरिस ओलंपिकबिज़नेसचंडीगढ़हिमाचलपंजाबहरियाणाआस्थासाहित्यलाइफस्टाइलसंपादकीयविडियोगैलरीटिप्पणीआपकी रायफीचर
Advertisement

सरकारी नौकरियां खत्म करना चाहती है भाजपा : हुड्डा

07:03 AM Jun 25, 2024 IST
चंडीगढ़ में सोमवार को पत्रकारों से बात करते पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा। 

चंडीगढ़, 24 जून (ट्रिन्यू)
पढ़े-लिखे युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ करना, नौकरियों का झांसा देकर युवाओं से कोर्ट व सरकारी दफ्तरों के चक्कर कटवाना, भर्ती के नाम पर पेपर लीक जैसे घोटाले करना, अपनी भर्तियों को कोर्ट में लटकाना और भर्तियां कैंसिल करना ये भाजपा के 10 साल के कार्यकाल का रिपोर्ट कार्ड है। ये रिपोर्ट कार्ड पेश किया है पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र हुड्डा ने। वे सोमवार को चंडीगढ़ स्थित अपने सरकारी आवास पर पत्रकारों से बात कर रहे थे।
उन्होंने हरियाणा की नौकरियों में सोशियो-इकॉनोमिक के 5 नंबर को लेकर आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि पिछले 4 साल से भाजपा सरकार सीईटी के नाम पर युवाओं को बेवकूफ बना रही है। पहले हरेक भर्ती को सीईटी का झांसा देकर कैंसल किया गया। उसके बाद साजिश के तहत सीईटी के ऐसे नियम बनाए गए, जो कोर्ट में टिक ही नहीं पाए। कोर्ट के इस इस फैसले की वजह से 23 हजार नियुक्तियां प्रभावित हो सकती हैं। यानी भाजपा की कारगुजारी का खामियाजा 23 हजार परिवारों को उठाना पड़ेगा।
उन्होंने कहा कि असल में देखें तो यह आंकड़ा कहीं ज्यादा बड़ा है। चूंकि भर्ती घोटाले और पेपर लीक की आदि हो चुकी भाजपा सरकार को हाईकोर्ट के बाद सुप्रीम कोर्ट ने भी एक्सपोज कर दिया है। सोशियो-इकॉनोमिक पर आए फैसले से स्पष्ट हो गया है कि भाजपा जानबूझकर भर्ती नियमों और प्रक्रिया में ऐसे लूप होल छोड़ती है। इसकी वजह से एक के बाद एक भर्ती कोर्ट में जाकर लटक जाती हैं। कोर्ट की आड़ लेकर सरकार को भर्ती न करने का बहाना मिल जाता है। यह देश की इकलौती ऐसी सरकार है जो, कोर्ट में खुद के बनाए नियमों की भी वकालत ढंग से नहीं कर पाती। पूर्व सीएम ने कहा कि सीईटी के नाम पर भाजपा ने शुरुआत से ही युवाओं को प्रताड़ित किया है। शुरुआत में सरकार ने कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट के आधार पर सारी भर्तियां करने का ऐलान किया। लेकिन जब सीईटी हुआ और इसे साढ़े 3 लाख युवाओं ने क्वालिफाई किया तो भाजपा सरकार ने भर्ती के लिए सीईटी पास सारे युवाओं को योग्य मानने से इनकार कर दिया। बड़ी संख्या में क्वालिफाई युवाओं को दरकिनार कर भर्ती पेपर लिए गए। उसमें कई ग्रुप 56-57 में 41 सवाल कॉपी करने जैसे कई घोटाले सामने आए। आज तक उस भर्ती का रिजल्ट नहीं निकाला गया। भर्ती परीक्षाओं के अंक और डिटेल रिजल्ट जारी नहीं किया गया। भर्ती परीक्षाओं के अंक और डिटेल रिजल्ट जारी नहीं किया गया। जब अभ्यर्थियों ने सरकार की अनियमितताओं को कोर्ट में चैलेंज किया तो कोर्ट के सामने सरकार ने हर बार अपना पक्ष रखने में देरी की। इन तमाम गड़बड़झालों के पीछे सरकार का मकसद सिर्फ भर्तियों को कैंसल करवाना और युवाओं को प्रताडि़त करना था।

Advertisement

भाजपा की मानसिकता एससी और ओबीसी विरोधी

भूपेंद्र हुड्डा ने कहा कि भाजपा पूरी तरह एससी और ओबीसी विरोधी मानसिकता से पीड़ित है। इसलिए जब से प्रदेश की सत्ता में भाजपा आई है, वो लगातार दलित और पिछड़ों के आरक्षण व अधिकारों पर कुठाराघात कर रही है। भाजपा ने पिछड़ा वर्ग के आरक्षण की क्रिमी लेयर को 8 लाख से घटकर 6 लाख किया था। इसमें कृषि और वेतन की आय को भी जोड़ दिया था। कांग्रेस सरकार ने 27 मई, 2013 को क्रीमी लेयर की आय सीमा को निर्धारित करते हुए इससे कृषि और वेतन की आय को अलग कर दिया था। अब भाजपा की सच्चाई उजागर हुई तो सरकार ने लिमिट को बढ़ाकर वापस 8 लाख करने की बात कही है। इसे लेकर अभी तक कोई सरकारी दस्तावेज सामने नहीं आया है।

Advertisement
Advertisement