मुख्य समाचारदेशविदेशखेलपेरिस ओलंपिकबिज़नेसचंडीगढ़हिमाचलपंजाबहरियाणाआस्थासाहित्यलाइफस्टाइलसंपादकीयविडियोगैलरीटिप्पणीआपकी रायफीचर
Advertisement

प्रोटेम स्पीकर के मुद्दे पर BJP ने संसदीय लोकतंत्र को दरकिनार किया: सुरेश

01:19 PM Jun 21, 2024 IST
सांकेतिक फोटो

तिरुवनंतपुरम, 21 जून (भाषा)

Advertisement

Protem Speaker:आठ बार के सांसद एवं कांग्रेस नेता कोडिकुनिल सुरेश ने शुक्रवार को कहा कि परंपरा के अनुसार सबसे वरिष्ठ लोकसभा सदस्य होने के नाते उन्हें अस्थायी अध्यक्ष (प्रोटेम स्पीकर) बनाया जाना चाहिए था और ऐसा नहीं किया जाना यह दर्शाता है कि ‘‘भाजपा संसदीय प्रक्रियाओं को दरकिनार करना जारी रखेगी जैसा उसने पिछले दो बार किया था।''

भारतीय जनता पार्टी के सांसद भर्तृहरि महताब को लोकसभा का अस्थायी अध्यक्ष नियुक्त किए जाने के एक दिन बाद सुरेश ने कहा कि यह उन परंपराओं का उल्लंघन है जिनका पूर्व में पालन किया गया है।

Advertisement

उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा, ‘‘ यह निर्णय देश में संसदीय लोकतंत्र को खतरे में डालने के समान है। यह दर्शाता है कि भाजपा संसदीय प्रक्रियाओं को दरकिनार करना जारी रखेगी या अपने हितों के लिए उनका इस्तेमाल करेगी जैसा कि उसने पिछले दो बार किया था।''

अस्थायी अध्यक्ष 18वीं लोकसभा के नवनिर्वाचित सदस्यों को शपथ दिलाएंगे तथा अध्यक्ष के चुनाव तक निचले सदन की अध्यक्षता करेंगे। सुरेश ने कहा कि यह निर्णय यह भी दर्शाता है कि भाजपा विपक्ष का अपमान करना जारी रखेगी, उसके अवसर छीनेगी और उसे वह मान्यता नहीं देगी जो विपक्ष को दी जानी चाहिए।

उन्होंने कहा कि उन्होंने (भाजपा ने) पिछली दो बार सत्ता में रहने के दौरान यही किया था। सुरेश ने कहा कि अतीत में प्रचलित परंपरा के अनुसार अधिक बार सांसद बनने वाले लोकसभा सदस्य को अस्थाई अध्यक्ष नियुक्त किया जाता है। उन्होंने कहा,‘‘ इस परंपरा का पालन तब भी किया गया जब कांग्रेस, संप्रग, भाजपा और राजग सत्ता में थी।''

सुरेश ने दावा किया कि पिछली बार आठ बार सांसद रहीं मेनका गांधी अस्थाई अध्यक्ष बनने की पात्र थीं, लेकिन चूंकि उन्हें केंद्रीय मंत्री नहीं बनाया गया तो उन्होंने इसमें रुचि नहीं दिखाई।

कांग्रेस सांसद ने कहा,‘‘ उनके बाद मैं और भाजपा के वीरेंद्र कुमार सबसे वरिष्ठ सांसद थे लेकिन कुमार को अस्थाई अध्यक्ष चुना गया। इस बार भी कुमार और मैं सबसे वरिष्ठ सांसद थे। उन्हें कैबिनेट मंत्री बनाया गया और इसलिए लोकसभा के नियमों, प्रक्रियाओं और परंपराओं के अनुसार मुझे अस्थाई अध्यक्ष बनाया जाना चाहिए था।''

सुरेश ने दावा किया,‘‘ लोकसभा सचिवालय ने मेरे नाम का प्रस्ताव दिया था लेकिन जब केंद्र ने राष्ट्रपति के पास अपने नाम भेजे तो मेरे नाम की अनदेखी की गई।'' केंद्र के इस फैसले की बृहस्पतिवार को कांग्रेस ने तीखी आलोचना की थी।

Advertisement
Tags :
Hindi NewsKodikunil SureshProtem SpeakerProtem Speaker RulesWho Becomes Protem Speakerकोडिकुनिल सुरेशकौन बनता है प्रोटेम स्पीकरप्रोटेम स्पीकरप्रोटेम स्पीकर नियमहिंदी समाचार