‘गोलियां, आंसू गैस के गोले बरसाने पर किसानों से माफी मांगे भाजपा’
कैथल, 14 फरवरी (हप्र)
पूर्व मुख्य संसदीय सचिव रामपाल माजरा ने कहा कि केंद्र सरकार की वादाखिलाफी का खामियाजा किसान को भुगतना पड़ रहा है। दो साल पहले सात सौ किसानों की शहीदी के बाद सरकार के आश्वासन पर किसान अपने घर लौट गए थे। अब वे फिर से अपने हक के लिए सीमाओं पर डटे हैं। धरने-प्रदर्शन करने का अधिकार हमें संविधान में प्राप्त है। सरकार को ऐसा अधिकार नहीं है कि रास्ते रोक कर किसानों को रोके। किसानों के रास्ते में कीलें ठोंकी जा रही हैं। पत्थर व लोहे के बेरिकेडस लगाए जा रहे हैं। सुरक्षा बलों को हरियाणा-पंजाब की सीमाओं पर तैनात कर दिया है। मानों यह सरकार के साथ जंग का मैदान हो। किसानों पर आंसू गैस, पानी की बौछार व प्लास्टिक की गोलियां चलाने पर सरकार को माफी मांगनी चाहिए। यह तानाशाही रवैया है।
रामपाल माजरा ने कहा कि सरकार किसानों पर आंसू गैस के गोले बरसा रही है। उन पर प्लास्टिक की गोलियां बरसा रही है। इससे अम्बाला व जींद के दाता सिंहवाला में किसान घायल हुए हैं। पुलिस व सुरक्षा बलों के जवानों को भी चोटें आई हैं। सरकार किसान व जवान को भिड़ाकर अपने राजनीतिक एजेंडा को सफल बनाना चाहती है। अब स्पष्ट है कि किसान अब इस तानाशाही सरकार को झुकाकर रहेंगे। हरियाणा का किसान भी वहां समर्थन के लिए पहुंच रहा है। सरकार को अन्नदाता की मांगें माननी होंगी।