For the best experience, open
https://m.dainiktribuneonline.com
on your mobile browser.
Advertisement

BJP ने कहा- ममता का बर्हिगमन पूर्वनियोजित था, कांग्रेस बोली- बैठक में हुआ व्यवहार अस्वीकार्य

07:50 PM Jul 27, 2024 IST
bjp ने कहा  ममता का बर्हिगमन पूर्वनियोजित था  कांग्रेस बोली  बैठक में हुआ व्यवहार अस्वीकार्य
Advertisement

दिल्ली, 27 जुलाई (भाषा)

Advertisement

Mamata Banerjee: नीति आयोग की बैठक से पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बाहर आने को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने पूर्व नियोजित बताया। कहा कि उनका इरादा सुर्खियां बटोरने था। वहीं, कांग्रेस ने नीति आयोग की बैठक में ममता के साथ हुए व्यवहार को अस्वीकार्य कहा।

भाजपा महासचिव (संगठन) बीएल संतोष ने कहा, “” हमारे देश में सुर्खियां बटोरना बहुत आसान है। पहले, यह बताया कि मैं (ममता) नीति आयोग की बैठक में भाग लेने वाली एकमात्र ‘विपक्षी मुख्यमंत्री' हूं। उन्होंने कहा, “फिर बाहर आईं और बताया कि ‘मैंने माइक बंद होने के कारण बैठक का बहिष्कार किया'। अब पूरे दिन टीवी पर यही दिखाया जाएगा। कोई काम नहीं। कोई चर्चा नहीं। यह हैं आपकी दीदी।”

Advertisement

प्रधानमंत्रीनरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक से ममता यह कहते हुए बाहर निकल गयीं कि विपक्ष की एकमात्र प्रतिनिधि होने के बावजूद उन्हें भाषण के बीच में ही रोक दिया गया। हालांकि, सरकार ने उनके दावे को खारिज कर दिया और कहा कि उनका बोलने का समय खत्म हो चुका था।

भाजपा के आईटी विभाग के प्रमुख अमित मालवीय ने आरोप लगाया कि बैठक से बनर्जी का बाहर निकलना पूर्व नियोजित था। उन्होंने ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, “यह देखना दुखद है कि एक मुख्यमंत्री शासन के गंभीर मुद्दों को नाटकबाजी में बदल रही हैं। पश्चिम बंगाल के लोग उनकी टकराव की राजनीति के परिणामों को झेल रहे हैं।”

मालवीय ने बैठक से पहले एक पत्रकार की टिप्पणी भी पोस्ट की, जिसमें उन्होंने कहा था कि ऐसा माना जा रहा है कि विपक्षी खेमे से ममता और हेमंत सोरेन जैसे मुख्यमंत्री बैठक से बहिर्गमन कर सकते हैं।

वहीं, कांग्रेस ने कहा कि नीति आयोग की बैठक में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ जो व्यवहार हुआ है, वो पूरी तरह अस्वीकार्य है। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह दावा भी किया कि नीति आयोग की बैठकें दिखावा मात्र होती हैं तथा यह संस्था पेशेवर एवं स्वतंत्र नहीं है।

उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्ष की एकमात्र प्रतिनिधि होने के बावजूद उन्हें भाषण के दौरान बीच में ही रोक दिया गया। सरकारी सूत्रों ने उनके आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि ममता को बोलने के लिए दिया गया समय समाप्त हो गया था।

कांग्रेस नेता रमेश ने ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, "10 साल पहले स्थापित होने के बाद से, नीति आयोग प्रधानमंत्री का एक "अटैच्ड ऑफिस" रहा है। यह ‘नॉन-बायोलॉजिकल' प्रधानमंत्री के लिए ढोल पीटने वाले तंत्र के रूप में काम करता है।"

उन्होंने दावा किया कि नीति अयोग ने किसी भी रूप में सहकारी संघवाद को मज़बूत नहीं किया है। कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया, "इसका काम करने का तरीक़ा स्पष्ट रूप से पक्षपात से भरा रहा है। यह पेशेवर और स्वतंत्र तो बिल्कुल भी नहीं है।"

उन्होंने कहा कि यह अलग तरह के और असहमति से भरे सभी तरह के दृष्टिकोणों को दबा देता है, जो एक खुले लोकतंत्र के मूलतत्व हैं तथा इसकी बैठकें महज़ दिखावा मात्र की होती हैं। रमेश ने कहा, "पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री के प्रति उसका व्यवहार, जो कि नीति आयोग का वास्तविक रूप है, बिल्कुल अस्वीकार्य है।" 

Advertisement
Tags :
Advertisement