चंडीगढ़ मेयर पद पर भाजपा काबिज
एस.अग्निहोत्री/हप्र
मनीमाजरा (चंडीगढ़), 30 जनवरी
चंडीगढ़ नगर निगम के चुनाव में मंगलवार को भारी हंगामे के बीच मेयर पद के लिए भाजपा के मनोज सोनकर को विजयी घोषित कर दिया गया। विपक्षी पार्षदों ने पीठासीन अधिकारी पर मतपत्रों से छेड़छाड़ के गंभीर आरोप लगाते हुए सदन से वॉकआउट कर दिया। उनकी अनुपस्थिति के बावजूद पीठासीन अधिकारी ने निगम के सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर के दो पदों पर भी भाजपा के उम्मीदवारों को विजयी घोषित कर दिया। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के आदेश पर कैमरे और कड़ी सुरक्षा के बीच आज हुए चुनाव में विजयी घोषित किये गये पदाधिकारियों के नाम इस प्रकार हैं: मेयर -मनोज सोनकर, सीनियर डिप्टी मेयर-कुलजीत सिंह और डिप्टी मेयर राजेंद्र शर्मा।
विपक्ष की ओर से आप-कांग्रेस के गठबंधन ने अपने उम्मीदवार मैदान में उतारे थे। चुनाव के बाद निगम भवन के अंदर और आसपास विपक्ष द्वारा भारी हंगामा और नारेबाजी की गई। उनका आरोप था कि पीठासीन अधिकारी ने उनके 8 मतपत्रों को जानबूझ कर रद्द कर दिया, जबकि भाजपा के सभी मतपत्रों को उन्होंने सही पाया। उन्होंने यह भी दावा किया कि पीठासीन अधिकारी द्वारा मतपत्रों से की गई छेड़छाड़ का घटनाक्रम सीसीटीवी में स्पष्ट दिखाई दे रहा था। यहां उल्लेखनीय है कि आप और कांग्रेस के क्रमश: 13 और 7 पार्षद थे, जबकि भाजपा के पास कुल 15 वोट थे और एक वोट उसे श्िारोमणि अकाली दल पार्षद का मिला, िजससे मेयर पद के लिए भाजपा के मनोज सोनकर के पक्ष में 16 वोट पड़े और विपक्षी गठबंधन उम्मीदवार कुलदीप धलोर के पक्ष में 12 वोट घोषित किये गये। मेयर के चुनाव की घोषणा होते ही भाजपा के समर्थकों ने जश्न मनाना शुरू कर दिया, जबकि विपक्षी नेताओं ने इसे लोकतंत्र की हत्या करार देते हुए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। मामले की सुनवाई कल के लिए निर्धारित की गई है। उधर, आप के संयोजक अरविंद केजरीवाल, पंजाब के सीएम भगवंत मान, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पवन बंसल व आप नेता राघव चड्ढा ने अलग-अलग वक्तव्यों में पीठासीन अधिकारी के आचरण की कड़ी आलोचना की।
रो पड़े आप-कांग्रेस उम्मीदवार कुलदीप धलौर
भाजपा की जीत के बाद कांग्रेस और आप के संयुक्त उम्मीदवार कुलदीप धलौर रो पड़े। कुछ देर बाद धलौर ने तत्काल हाईकोर्ट से गुहार लगाते हुए कहा कि यह चुनाव गलत है। उनके 8 वोट अवैध करार दे दिए गए और इसका कोई कारण तक नहीं बताया गया। कुलदीप धलौर की तरफ से सीनियर एडवोकेट गुरमिंदर सिंह ने दोपहर सवा दो बजे हाईकोर्ट से आग्रह किया कि उनकी इस याचिका पर तत्काल सुनवाई की जाए और इस चुनाव का रिकॉर्ड सील किया जाए। हाईकोर्ट ने मंगलवार को इस याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया और बुधवार सुबह सुनवाई किया जाना तय कर दिया। उन्होंने मांग की कि हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त जज की देखरेख में स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से नए सिरे से चुनाव कराने के निर्देश दिये जायें। फोटो -प्रेट्र
चंडीगढ़ मेयर चुनाव में दिन दहाड़े जिस तरह से बेईमानी की गई है, वो बेहद चिंताजनक है। यदि एक मेयर चुनाव में ये लोग इतना गिर सकते हैं तो देश के चुनाव में तो ये किसी भी हद तक जा सकते हैं। ये बेहद चिंताजनक है।
- अरविंद केजरीवाल, सीएम, दिल्ली
पहली बार ऐसा हुआ है कि 8 वोटें रद्द की गई, जो कि कुल वोट का 25 प्रतिशत से भी ज़्यादा है, आज के दिन ही गांधी को गोली मार के उनकी सोच को भी मारने की कोशिश की थी और आज 76 वर्षों बाद लोकतन्त्र का कत्ल कर दिया गया है। अगर एक मेयर चुनाव में भाजपा सरेआम ऐसे षड्यंत्र रच सकती है, तो आने वाले लोकसभा चुनावों में किस हद तक जा सकती हैं, इसका अन्दाज़ा लगाना मुश्किल नहीं।
-पवन बंसल, वरिष्ठ कांग्रेस नेता
अगर ये 26 वोट गिनने में घोटाला कर सकते हैं, तो 90 करोड़ वोट कैसे गिने जाएंगे। भाजपा ने 26 जनवरी को रिपब्लिक डे मनाया और आज उसी संविधान की धज्जियां उड़ी हैं। चंडीगढ़ चुनाव को लूटा गया है।
-भगवंत मान,मुख्यमंत्री, पंजाब