For the best experience, open
https://m.dainiktribuneonline.com
on your mobile browser.
Advertisement

BJP सांसद निशिकांत दुबे की बढ़ी मुश्किलें, अगले सप्ताह सुनवाई के लिए न्यायालय सहमत

01:16 PM Apr 22, 2025 IST
bjp सांसद निशिकांत दुबे की बढ़ी मुश्किलें  अगले सप्ताह सुनवाई के लिए न्यायालय सहमत
निशिकांत दुबे की फाइल फोटो।
Advertisement

नयी दिल्ली, 22 अप्रैल (भाषा)

Advertisement

Nishikant Dubey Comment: सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद निशिकांत दुबे द्वारा हाल में शीर्ष अदालत और प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) संजीव खन्ना की आलोचना करने के संबंध में दायर याचिका पर मंगलवार को अगले सप्ताह सुनवाई करने पर सहमति जताई। मामले को तत्काल सुनवाई के लिए न्यायमूर्ति बी. आर. गवई और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ के समक्ष प्रस्तुत किया गया।

वकील ने पीठ को बताया कि दुबे ने कहा था कि प्रधान न्यायाधीश देश में ‘‘गृह युद्ध'' के लिए जिम्मेदार हैं और भाजपा सांसद की टिप्पणी के वीडियो प्रसारित होने के बाद सोशल मीडिया पर शीर्ष अदालत के लिए अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल किया जा रहा है। वकील ने कहा, ‘‘यह बहुत गंभीर मुद्दा है।''

Advertisement

न्यायमूर्ति गवई ने पूछा, ‘‘आप क्या दायर करना चाहते हैं? क्या आप अवमानना ​​याचिका दायर करना चाहते हैं?'' शीर्ष अदालत में पहले ही याचिका दायर कर चुके वकील ने कहा कि सरकार दुबे के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर रही है।

वकील ने कहा कि उनके एक सहयोगी ने अटॉर्नी जनरल आर. वेंकटरमणी को पत्र लिखकर दुबे के खिलाफ अवमानना ​​कार्यवाही शुरू करने की सहमति का अनुरोध किया था, लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं की गई। उन्होंने कहा, ‘‘मुद्दा यह है कि कम से कम आज सोशल मीडिया मंच को इस वीडियो को हटाने के निर्देश तो दिए जाएं।''

पीठ ने कहा कि मामले में सुनवाई अगले सप्ताह के लिए सूचीबद्ध की जाएगी। शीर्ष अदालत ने सोमवार को एक अन्य याचिकाकर्ता से कहा था कि दुबे की टिप्पणी को लेकर उनके खिलाफ अवमानना ​​याचिका दायर करने के लिए उन्हें अदालत की अनुमति की आवश्यकता नहीं है।

दुबे ने शनिवार को सुप्रीम कोर्ट पर निशाना साधते हुए कहा कि अगर शीर्ष अदालत को कानून बनाना है तो संसद और राज्य विधानसभाओं को बंद कर देना चाहिए। उन्होंने प्रधान न्यायाधीश खन्ना पर भी निशाना साधा और उन्हें देश में ‘‘गृह युद्धों'' के लिए जिम्मेदार ठहराया।

भाजपा सांसद की टिप्पणी केंद्र द्वारा अदालत को दिए गए उस आश्वासन के बाद आई है कि वह वक्फ (संशोधन) अधिनियम के कुछ विवादास्पद प्रावधानों को सुनवाई के अगले दिन तक लागू नहीं करेगा। अदालत ने अधिनियम के इन प्रावधानों पर सवाल उठाए थे।

बाद में, वक्फ (संशोधन) अधिनियम मामले में एक वादी का प्रतिनिधित्व करने वाले सुप्रीम कोर्ट के वकील अनस तनवीर ने अटॉर्नी जनरल आर. वेंकटरमणी को पत्र लिखकर दुबे के खिलाफ अवमानना ​​कार्यवाही शुरू करने की सहमति देने का अनुरोध किया और आरोप लगाया कि दुबे ने शीर्ष अदालत की ‘‘गरिमा को कम करने के उद्देश्य से'' ‘‘बेहद निंदनीय'' टिप्पणी की थी।

भाजपा ने शनिवार को दुबे की सुप्रीम कोर्ट की आलोचना संबंधी टिप्पणी से खुद को अलग कर लिया। पार्टी अध्यक्ष जे. पी. नड्डा ने टिप्पणियों को सांसद का निजी विचार बताया। उन्होंने लोकतंत्र के एक अविभाज्य अंग के रूप में न्यायपालिका के प्रति सत्तारूढ़ पार्टी की ओर से सम्मान भी प्रकट किया। नड्डा ने कहा कि उन्होंने पार्टी नेताओं को ऐसी टिप्पणियां न करने का निर्देश दिया है।

Advertisement
Tags :
Advertisement