भाजपा नेतृत्व का गठबंधन धर्म पर 6 घंटे मैराथन मंथन
नयी दिल्ली, 6 जून (एजेंसी)
नरेंद्र मोदी को नेता चुनने के लिए शुक्रवार को भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के नवनिर्वाचित सांसदों की बैठक होने की संभावना है। शपथ ग्रहण समरोह रविवार को हो सकता है। इस बीच, भाजपा नेतृत्व गठबंधन धर्म संकट टालने से जूझ रहा है। सरकार गठन से पहले ही अग्निवीर, विशेष राज्य के पैकेज, खास मंत्रालय जैसे मुद्दों के उठने के कारण बृहस्पतिवार को 6 घंटे तक भाजपा के वरिष्ठ नेता मंथन करते रहे।
केंद्रीय मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह सहित भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने सरकार गठन के प्रयासों को गति देने को लेकर विचार-विमर्श किया। यह बैठक भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के आवास पर हुई। सूत्रों के मुताबिक इस बैठक में संघ के कुछ वरिष्ठ पदाधिकारी भी मौजूद रहे। पार्टी नेताओं के मुताबिक, इस बैठक में भावी मंत्रिपरिषद के गठन में राजग के घटक दलों की भागीदारी सहित अन्य मुद्दों पर चर्चा की गई। गौर हो कि एनडीए के पास 293 सांसद हैं, जो 543 सदस्यीय लोकसभा में बहुमत के 272 के आंकड़े से अधिक है। लेकिन भाजपा अकेली सरकार बनाने की स्थिति में नहीं है।
सूत्रों ने कहा कि मोदी के एनडीए संसदीय दल का नेता चुने जाने के बाद तेदेपा अध्यक्ष एन चंद्रबाबू नायडू और जदयू के प्रमुख नीतीश कुमार जैसे गठबंधन के वरिष्ठ सदस्य राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात करेंगे और उन्हें समर्थन देने वाले सांसदों की सूची सौंपेंगे। नड्डा के आवास पर हुई बैठक के बाद भाजपा अध्यक्ष और केंद्रीय गृह मंत्री ने शाम को प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात की। इस बीच, जदयू के एक नेता ने कहा कि उनकी पार्टी को केंद्रीय मंत्रिपरिषद में कम से कम तीन पद मिलने चाहिए। भाजपा की एक अन्य सहयोगी एवं लोजपा (आर) नेता चिराग पासवान भी मंत्रिमंडल में जगह पाने वालों प्रमुख दावेदारों में शामिल हैं। जदयू प्रवक्ता केसी त्यागी ने इससे पहले संवाददाताओं से कहा, ‘मतदाताओं में (अल्पकालिक सेना भर्ती) अग्निपथ योजना को लेकर गुस्सा है। हमारी पार्टी उन कमियों को दूर करना चाहती है।’सूत्रों के मुताबिक जदयू बिहार में अपनी स्थिति सुदृढ़ करने के लिए कुछ प्रमुख मंत्री पद प्राप्त करना चाहती है। पिछले कुछ वर्षों में राज्य में उसकी राजनीतिक ताकत कमजोर हुई है। नायडू चाहते हैं कि केंद्र आंध्र प्रदेश को अमरावती में राजधानी बनाने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करे।
गठबंधन दलों की क्या-क्या मांगें
चंद्रबाबू नायडू की टीडीपी ने केंद्रीय मंत्रिपरिषद में तीन से चार पद मांगे हैं। इनमें वित्त, आईटी शामिल हैं। साथ ही आंध्र प्रदेश के लिए विशेष पैकेज पर भी पार्टी अपनी मांग रखने की इच्छुक है। नीतीश कुमार की जदयू भी कम से कम 3 कैबिनेट पद (रेलवे, ग्रामीण विकास, जल शक्ति) चाहती है। इसके अलावा बिहार को विशेष वित्तीय सहायता, साझा न्यूनतम कार्यक्रम, एनडीए संयोजक का पद; अग्निवीर योजना की समीक्षा भी उसकी मांग में शामिल है। अग्निवीर मामले में चिराग पासवान भी समीक्षा की मांग कर चुके हैं। इसके अलावा जदयू ने कहा कि वह समान नागरिक संहिता और एक राष्ट्र एक चुनाव का समर्थन करता है, लेकिन इसके लिए सभी का परामर्श जरूरी है।
कांग्रेस ने पूछा- बिहार और आंध्र को मोदी देंगे विशेष राज्य का दर्जा कांग्रेस ने बृहस्पतिवार को तंज कसते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ‘एक तिहाई प्रधानमंत्री’ करार दिया और उनसे यह बताने को कहा कि क्या वह आंध्र प्रदेश और बिहार के लिए विशेष राज्य के दर्जे के वादे को पूरा करेंगे? इस लोकसभा चुनाव के बाद राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में जदयू और तेदेपा की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ‘एक्स ‘ पर पोस्ट किया, ‘एक तिहाई प्रधानमंत्री बनने जा रहे मोदी जी से हमारे 4 सवाल : 30 अप्रैल 2014 को पवित्र नगरी तिरुपति में आपने आंध्र प्रदेश को विशेष दर्जा देने का वादा किया था। क्या वह वादा अब पूरा होगा?’ रमेश ने सवाल किया कि क्या आप विशाखापत्तनम स्टील प्लांट के निजीकरण को अब रोकेंगे? उन्होंने यह भी पूछा, ‘क्या आप बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देकर अपने 2014 के चुनावी वादे और अपने सहयोगी नीतीश कुमार की 10 साल पुरानी मांग को पूरा करेंगे? क्या आप बिहार की तरह ही पूरे देश में जाति जनगणना करवाने का वादा करते हैं?’