प्रदेश में 5 से 7 लोकसभा सीटों पर भाजपा को नये चेहरों की तलाश !
दिनेश भारद्वाज/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 24 अक्तूबर
हरियाणा में पिछले नौ वर्षों से सत्तासीन भारतीय जनता पार्टी राज्य में लोकसभा की 10 में से 5 से 7 सीटों पर नये चेहरों की तलाश कर रही है। इनमें से कुछ संसदीय क्षेत्र ऐसे भी हैं, जहां भाजपा एकदम नये चेहरों को मैदान में उतार सकती है। यह भी संभव है कि एक-दो मौजूदा सांसद के लोकसभा क्षेत्र को भी बदल दिया जाए। भाजपा यह मानकर चल रही है कि 2014 और 2019 के मुकाबले इस बार के लोकसभा चुनावों में समीकरण अलग होंगे।
इंडिया गठबंधन के भी चुनौती देने के आसार हैं। ऐसे में भाजपा अपनी हर चाल इसी हिसाब से चल रही है। खबरें तो इस तरह की भी हैं कि दूसरे दलों के भी कुछ मजबूत नेताओं पर भाजपा की नजर है। बहुत संभव है कि इस बार के लोकसभा चुनाव में ‘पैराशूट’ उम्मीदवार देखने को मिल जाएं। भाजपा के सूत्रों के अनुसार वर्तमान में पार्टी अंबाला, कुरुक्षेत्र, करनाल, सोनीपत, हिसार, रोहतक और सिरसा में प्रत्याशियों को लेकर मंथन कर रही है।
ऐसा भी नहीं है कि इन लोकसभा क्षेत्रों के मौजूदा सांसदों (अम्बाला को छोड़कर) के नामों पर चर्चा नहीं होगी। उनके नाम भी पैनल में प्रमुखता से रहने के आसार हैं, लेकिन फिर भी पार्टी यह सोचकर चल रही है कि मौजूदा सांसदों से भी अधिक मजबूत चेहरे अगर मिलते हैं तो उन्हें भी टिकट दिया जा सकता है। अम्बाला से सांसद रहे रतनलाल कटारिया के निधन की वजह से यह सीट खाली है, हालांकि अम्बाला में उपचुनाव होने के अभी आसार नहीं हैं।
अम्बाला आरक्षित सीट है और स्व़ कटारिया की पत्नी बंतो कटारिया के नाम को लेकर भी पार्टी में चर्चा चल रही हैं। पूर्व मंत्री व सीएम के राजनीतिक सचिव कृष्ण बेदी के अलावा कांग्रेस छोड़कर आए पूर्व विधायक अनिल धन्तौड़ी का नाम भी अम्बाला के लिए चर्चा में है। सीएम के चीफ मीडिया कोऑर्डिनेटर सुदेश कटारिया के नाम को लेकर भी गलियारों में चर्चा है। मुख्यमंत्री के साथ नजदीकी के चलते कटारिया का नाम अम्बाला सीट के चला है। भाजपा गलियारों में डीजीपी पद से रिटायर हुए आईपीएस अधिकारी बीएस संधू का नाम भी लिया जा रहा है। संधू का नाम अम्बाला के साथ सिरसा पार्लियामेंट से भी सुर्खियों में है।
सिरसा से वर्तमान में सुनीता दुग्गल सांसद हैं। आईआरएस अधिकारी रही सुनीता दुग्गल पूर्व में विधानसभा चुनाव लड़ने की इच्छा भी जताती रही हैं। उनकी टिकट अगर कटती है तो उन्हें रतिया, कालांवाली या पटौदी से विधानसभा चुनाव लड़वाया जा सकता है। सिरसा से लोकसभा चुनाव के लिए अन्य दल के एक नेता को लेकर भाजपा में विचार-विमर्श चल रहा है। यानी यहां ‘पैराशूट’ उम्मीदवार भी दिया जा सकता है। पूर्व राज्य मंत्री कृष्ण बेदी के अलावा रतिया विधायक लक्ष्मण सिंह नापा का नाम भी भाजपा गलियारों में सुनने को मिल रहा है।
धर्मनगरी में भी महाभारत
धर्मनगरी – कुरुक्षेत्र में भी भाजपा नये प्रत्याशी की तलाश में है। यहां से सांसद नायब सिंह सैनी की जगह किसी नये चेहरे को मौका मिल सकता है। हालांकि सैनी का नाम भी पार्टी के पैनल में शामिल रहेगा। सांसद बनने से पहले सैनी नारायणगढ़ से विधायक रहे हैं और खट्टर पार्ट-। में वे राज्य मंत्री थे। लाडवा से पूर्व विधायक डॉ़ पवन सैनी का नाम भी कुरुक्षेत्र से लिया जा रहा है। इस तरह की भी चर्चाएं हैं कि पार्टी स्वामी ज्ञानानंद को कुरुक्षेत्र से चुनावी रण में उतार सकती है। पहले भी उनके नाम की चर्चा होती रही है। सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस के एक वैश्य नेता पर भी भाजपा की नजर है। इसी तरह से लम्बे समय तक कांग्रेस में सक्रिय रहे और 2019 में जजपा टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ चुके जयभगवान शर्मा ‘डीडी’ भी इस सीट के लिए भागदौड़ कर रहे हैं। लाडवा में सक्रिय समाजसेवी संदीप गर्ग भी कुरुक्षेत्र से भाजपा टिकट पर लोस चुनाव लड़ने के इच्छुक हैं। हालांकि वर्तमान में वे किसी पार्टी में शामिल नहीं हैं, पर उनकी पहली पसंद भाजपा मानी जा रही है।
करनाल में बदलाव संभव
भाजपाइयों का कहना है कि करनाल के मौजूदा सांसद संजय भाटिया की जगह पार्टी इस बार किसी नये चेहरे को मैदान में उतार सकती है। भाटिया पानीपत सिटी से विधानसभा चुनाव लड़ने के इच्छुक हैं। ऐसे में करनाल से रोहतक सांसद डॉ़ अरविंद शर्मा का नाम भी चर्चाओं में है। भाजपा के महामंत्री एडवोकेट वेदपाल को लेकर भी चर्चा है। घरौंडा विधायक हरविंद्र सिंह कल्याण भी करनाल से इच्छुक बताए जाते हैं। वहीं करनाल में ब्राह्मण महाकुंभ करवाने वाले एक अधिकारी सुनील शर्मा के नाम की भी चर्चा है। सीएम के साथ नजदीकियों के चलते सुनील का नाम करनाल के साथ सोनीपत लोकसभा क्षेत्र को लेकर भी चल रहा है। सोनीपत के मौजूदा सांसद रमेश चंद्र कौशिक अपने बेटे को राजनीति में स्थापित करना चाहते हैं। राई विधायक मोहनलाल कौशिक व ओलंपियन योगेश्वर दत्त को लेकर भी पार्टी मंथन कर रही है। सीएम के पूर्व मीडिया एडवाइजर राजीव जैन भी सोनीपत से चुनाव लड़ने के इच्छुक हैं।
रोहतक पर खासी नजर
पीएम नरेंद्र मोदी की पहली लहर यानी 2014 में हुड्डा के गढ़ रोहतक पार्लियामेंट को भाजपा भेद नहीं पाई थी। हालांकि इसके बाद 2019 में मोदी की सुनामी में हुड्डा का किला भी ढह गया। भाजपा एक बार फिर सभी 10 सीटों पर जीत हासिल करने की कोशिश में है। ऐसे में सबसे अधिक फोकस रोहतक सीट पर है। यहां से मौजूदा सांसद डॉ़ अरविंद शर्मा की दावेदारी सबसे मजबूत है।
हालांकि उन्हें करनाल शिफ्ट करने की भी चर्चाएं हैं। अगर ऐसा कुछ होता है तो रोहतक में नये चेहरे को मैदान में उतारा जा सकता है। पूर्व सहकारिता मंत्री मनीष ग्रोवर, बहादुरगढ़ से पूर्व विधायक नरेश कौशिक के अलावा बाबा मस्तनाथ मठ के गद्दीनसीन महंत बाबा बालकनाथ का नाम भी चर्चाओं में है। एक आर्मी के सेवानिवृत्त ऑफिसर के अलावा एक पूर्व क्रिकेटर को लेकर भी भाजपा में अंदरखाने मंथन चल रहा है।