मुख्यसमाचारदेशविदेशखेलपेरिस ओलंपिकबिज़नेसचंडीगढ़हिमाचलपंजाब
हरियाणा | गुरुग्रामरोहतककरनाल
आस्थासाहित्यलाइफस्टाइलसंपादकीयविडियोगैलरीटिप्पणीआपकीरायफीचर
Advertisement

दक्षिण हरियाणा से भाजपा को उम्मीदें, दो बार सरकार में इसी बेल्ट का योगदान

11:13 AM Aug 31, 2024 IST

दिनेश भारद्वाज/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 30 अगस्त
हरियाणा की सत्तारूढ़ भाजपा को एक बार फिर दक्षिण हरियाणा से उम्मीदें हैं। नूंह को छोड़कर इस बेल्ट के सात जिलों के तहत आने वाली विधानसभा की 26 सीटों पर पार्टी का विशेष फोकस है। 2019 में इनमें से 18 सीटों पर कमल खिला था। भाजपा को लगातार दो बार सत्ता तक पहुंचाने में इस बेल्ट का अहम रोल रहा है। इतना ही नहीं, इसी बेल्ट के अहरीवाल एरिया को भाजपा अपने लिए बड़ा वोट बैंक मानकर चल रही है। भाजपा के रणनीतिकारों ने दक्षिण हरियाणा के लिए विशेष प्लानिंग की है। इसी प्लानिंग के तहत इस बेल्ट के कुछ मौजूदा विधायकों की टिकट भी काटी जा सकती है। ऐसा इसलिए क्योंकि पार्टी के इंटरनल सर्वे में कई मौजूदा विधायकों के खिलाफ एंटी-इन्कमेंसी देखने को मिली है। वहीं दूसरी ओर, 2014 के मुकाबले 2019 के चुनावों में केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह को टिकट आवंटन में वेट नहीं मिल पाया था। इस बार उनकी पसंद-नापसंद काफी अहम हो सकती है।
दक्षिण हरियाणा के सात जिलों – भिवानी, चरखी दादरी, महेंद्रगढ़, रेवाड़ी, गुरुग्राम, फरीदाबाद, पलवल व नूंह को लेकर भाजपा विशेष रणनीति बना चुकी है। अहीरवाल में केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह के प्रभाव को भी भुनाने की कोशिश की जाएगी। इंद्रजीत सिंह के प्रभाव के चलते ही भाजपा उनकी बेटी आरती राव को भी टिकट देने का फैसला कर चुकी है। माना जा रहा है कि अहीरवाल बेल्ट के टिकट आवंटन में भी राव इंद्रजीत सिंह की पसंद-नापसंद का विशेष ध्यान रखा जाएगा। सूत्रों का कहना है कि इंद्रजीत सिंह की आपत्ति के चलते ही कुछ सिटिंग विधायकों की टिकट पर तलवार लटकी है। पटौदी हलके के मौजूदा विधायक सत्यप्रकाश जरावता की जगह राव इंद्रजीत सिंह पूर्व विधायक बिमला चौधरी को पटौदी से टिकट देने के हक में हैं। ओल्ड भिवानी (भिवानी व चरखी दादरी) के छह हलकों - भिवानी, बवानीखेड़ा, तोशाम, लोहारू, बाढ़डा व चरखी दादरी में से भाजपा के पास तीन विधायक हैं। लोहारू से जयप्रकाश दलाल, बवानीखेड़ा से बिशम्बर वाल्मीकि व भिवानी शहर से घनश्याम सर्राफ ने चुनाव जीता। दादरी में निर्दलीय सोमबीर सिंह सांगवान व बाढ़डा में जजपा की नैना सिंह चौटाला विधायक हैं। तोशाम से कांग्रेस की किरण चौधरी और बाढ़डा से जजपा की नैना सिंह चौटाला ने चुनाव जीता।
वहीं दादरी से निर्दलीय सोमबीर सिंह सांगवान विधायक बने। सांगवान कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं। वहीं किरण कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आ चुकी हैं।ओल्ड भिवानी में भूतपूर्व मुख्यमंत्री चौ़ बंसीलाल के प्रभाव को भुनाने के लिए ही भाजपा ने किरण को पार्टी ज्वाइन करवाई है। किरण को राज्यसभा भी इसीलिए भेजा गया है। बंसीलाल की पोती और किरण की बेटी श्रुति चौधरी को तोशाम से टिकट भी मिलना लगभग तय है। महेंद्रगढ़ जिला की चार सीटों में से महेंद्रगढ़ से कांग्रेस के राव दान सिंह तथा नारनौल से भाजपा के ओपी यादव, नांगल-चौधरी से डॉ़ अभय सिंह यादव और अटेली से सीताराम विधायक बने।

Advertisement

रेवाड़ी में लगा था झटका

2019 में भाजपा रेवाड़ी जिला की तीन में से दो सीटों पर जीत हासिल कर पाई। लेकिन रेवाड़ी शहर में कांग्रेस के चिरंजीव राव ने भाजपा को शिकस्त दी। चिरंजीव राव बिहार के पूर्व सीएम लालू प्रसाद यादव के दामाद और हरियाणा के पूर्व वित्त मंत्री कैप्टन अजय सिंह यादव के बेटे हैं। बावल से भाजपा के डॉ़ बनवारी लाल और कोसली से लक्ष्मण यादव ने चुनाव लड़ा। इस बार दोनों ही विधायकों की टिकट पर तलवार लटकी है।

गुरुग्राम से फिर बढ़ी उम्मीदें

2019 की तरह इस बार भी भाजपा को गुरुग्राम जिला से बड़ी उम्मीदें हैं। 2014 में चारों सीटों पर कमल खिला था और 2019 में एक सीट भाजपा ने अपनी गलती से हारी। वर्तमान में गुरुग्राम से सुधीर सिंगला, सोहना से संजय सिंह और पटौदी से सत्यप्रकाश जरावता विधायक हैं।
बादशाहपुर सीट से निर्दलीय राकेश दौलताबाद विधायक बने थे। उनके निधन के बाद से यह सीट खाली है। 2019 में कैबिनेट मंत्री रहते हुए राव नरबीर सिंह का टिकट भाजपा ने काट दिया था। इस बार उन्हें ही टिकट मिलने की उम्मीद है। गुरुग्राम की बाकी तीन सीटों पर भी नये चेहरे आने की प्रबल संभावना है।

Advertisement

ब्रज बेल्ट ने दिया था भगवा का पूरा साथ

ब्रज बेल्ट यानी फरीदाबाद और पलवल जिला के अंतर्गत आने वाली विधानसभा की नौ सीटों में से सात भाजपा ने जीत का परचम लगाया था। फरीदाबाद से नरेंद्र गुप्ता, बल्लभगढ़ से मूलचंद शर्मा, बड़खल से सीमा त्रिखा, तिगांव से राजेश नागर, पलवल ने दीपक मंगला, हथीन से प्रवीण डागर व होडल से जगदीश नय्यर ने भाजपा टिकट पर जीत हासिल की। एनआईटी से कांग्रेस के नीरज शर्मा और पृथला से निर्दलीय नयनपाल रावत ने चुनाव जीता। रावत शुरू से ही भाजपा को समर्थन कर रहे हैं।

मेवात की तीनों सीटों पर कांग्रेस उम्मीदवार जीते थे

वर्तमान में नूंह (मेवात) जिला की तीनों विधानसभा सीटें कांग्रेस के पास हैं। नूंह से पूर्व परिवहन मंत्री आफताब अहमद कांग्रेस विधायक हैं। वहीं फिरोजपुर-झिरका से मामन खान इंजीनियर और पुन्हाना से मोहम्मद इलियास कांग्रेस विधायक हैं। नूंह जिले की सीटों को लेकर भी भाजपा अंदरखाने विशेष प्लानिंग कर रही है। इनेलो छोड़कर भाजपा में आ चुके पूर्व विधायक जाकिर हुसैन ने 2019 में भी भाजपा टिकट पर ही नूंह से चुनाव लड़ा था। इस बार भी उनके ही चुनाव लड़ने की उम्मीद है। 2019 में भाजपा ने नोक्षम चौधरी को भी चुनाव लड़वाया था लेकिन वे हार गईं। हालांकि अब वे राजस्थान में भाजपा टिकट पर विधायक हैं।

Advertisement