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अरुणाचल में तीसरी बार भाजपा सरकार

07:00 AM Jun 03, 2024 IST
ईटानगर में रविवार को भाजपा की सत्ता में वापसी के बाद मुख्यमंत्री पेमा खांडू को बधाई देते असम के कैबिनेट मंत्री अशोक सिंघल। -प्रेट्र
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ईटानगर/ गंगटोक, 2 जून (एजेंसी)
भाजपा ने अरुणाचल प्रदेश में लगातार तीसरी बार सत्ता में वापसी करते हुए रविवार को 60 सदस्यीय विधानसभा में 46 सीटें जीतकर बहुमत हासिल कर लिया। वहीं, सिक्किम में सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा (एसकेएम) ने 32 सदस्यीय विधानसभा में 31 सीटों पर जीत दर्ज करके लगातार दूसरी बार प्रचंड बहुमत के साथ अपनी सत्ता बरकरार रखी। वर्ष 2019 तक लगातार 25 साल राज्य पर शासन करने वाला सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट (एसडीएफ) महज एक सीट जीत पाया है। एसडीएफ अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री पवन कुमार चामलिंग ने दो सीटों पर चुनाव लड़ा था, वह दोनों जगह हार गये। एसकेएम अध्यक्ष और मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग भी दो सीटों पर चुनाव लड़े थे और उन्होंने दोनों सीट पर जीत दर्ज की।
अरुणाचल प्रदेश में भाजपा ने 10 सीटें पहले ही निर्विरोध जीत ली थीं। शेष 50 सीटों में से भाजपा ने 36 पर जीत दर्ज की। मुख्यमंत्री पेमा खांडू निर्विरोध जीतने वाले 10 उम्मीदवारों में से एक हैं। राज्य में नेशनल पीपुल्स पार्टी को पांच, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी को तीन और पीपुल्स पार्टी ऑफ अरुणाचल को दो सीटें मिली हैं। कांग्रेस ने एक सीट जीती और तीन सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवार विजयी हुए हैं। साल 2019 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने अरुणाचल प्रदेश में 41 और सिक्किम में एसकेएम ने 17 सीटें जीती थीं।
सिक्किम में भाजपा को गठबंधन तोड़ना पड़ा महंगा
भाजपा ने सिक्किम में 31 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ा, लेकिन एक भी सीट नहीं जीत पायी। अधिकांश सीटों पर उसके उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई। राज्य के निवर्तमान सदन में उसके 12 सदस्य थे। एसकेएम के साथ गठबंधन तोड़ने के बाद भाजपा अकेले चुनाव में उतरी थी।
जनता के भरोसे का फल : तमांग

विधानसभा चुनाव में जीत के बाद प्रतिक्रिया देते सिक्किम के मुख्यमंत्री एवं एसकेएम प्रमुख
प्रेम सिंह तमांग। -प्रेट्र

जीत के बाद एसकेएम प्रमुख एवं मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग ने कहा, 'यह लोगों के उस प्यार और विश्वास की वजह से है जिसे हम पिछले पांच साल सरकार में रहते हुए बरकरार रखने में कामयाब रहे हैं। इसके अलावा पार्टी कार्यकर्ताओं ने कड़ी मेहनत की।'
हार गए बाईचुंग भूटिया
भारतीय फुटबॉल टीम के पूर्व कप्तान और सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट (एसडीएफ) के उपाध्यक्ष बाईचुंग भूटिया एसकेएम के रिक्षल दोरजी भूटिया से हार गए। सिक्किम विधानसभा चुनाव से पहले बाईचुंग भूटिया एसडीएफ में शामिल हो गए थे। उन्होंने पूर्ववर्ती हम्रो सिक्किम पार्टी का भी एसडीएफ में विलय कर दिया था।

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