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भाजपा-कांग्रेस की सोशल इंजीनियरिंग, जजपा-इनेलो की जाटों पर नजर

08:45 AM Apr 30, 2024 IST
भाजपा कांग्रेस की सोशल इंजीनियरिंग  जजपा इनेलो की जाटों पर नजर
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दिनेश भारद्वाज/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 29 अप्रैल
हरियाणा की सियासत इस बार बदली-बदली नज़र आ रही है। सत्तारूढ़ भाजपा की राह पर चलते हुए प्रमुख विपक्षी दल – कांग्रेस ने सोशल इंजीनियरिंग का फार्मूला अपनाया है। वहीं इनेलो और इसी से अलग होकर अस्तित्व में आई जजपा ने जाटों पर भरोसा जताया है। जाट वोट बैंक को साधने की कोशिश ये दोनों ही पार्टियां करती नजर आ रही हैं। बरसों के बाद यह पहला मौका है जब कांग्रेस ने महज दो संसदीय क्षेत्रों में जाट उम्मीदवार उतारे हैं।
भाजपा व कांग्रेस ने दो-दो जाट उम्मीदवार इस बार दिए हैं। वहीं जजपा ने दस में से पांच संसदीय सीटों पर जाट चेहरों पर दांव लगाया है। इनेलो अभी तक छह लोकसभा क्षेत्रों में अपने उम्मीदवार घोषित कर चुकी है। इनमें से चार जाट हैं। वहीं करनाल सीट पर इनेलो समर्थित एनसीपी नेता मराठा वीरेंद्र चुनाव लड़ रहे हैं। बाकी की तीन सीटों पर इनेलो एक-दो दिन में अपने प्रत्याशियों की घोषणा कर सकती है। भाजपा ने पहले की तरह इस बार भिवानी-महेंद्रगढ़ से धर्मबीर सिंह और हिसार से चौ़ रणजीत सिंह चौटाला को टिकट दिया है। वहीं कांग्रेस ने जाट कोटे से रोहतक से राज्यसभा सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा और हिसार से पूर्व केंद्रीय मंत्री जयप्रकाश ‘जेपी’ को टिकट दिया है। 2019 के लोकसभा चुनावों में भाजपा के धर्मबीर सिंह भिवानी-महेंद्रगढ़ से और हिसार से बृजेंद्र सिंह सांसद बने थे। बृजेंद्र सिंह के भाजपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल होने के बाद भाजपा ने इस बार चौ़ देवीलाल के बेटे रणजीत सिंह पर भरोसा जताया है। कांग्रेस के पुराने ट्रैक रिकार्ड को देखें तो 2009 से 2019 के चुनावों तक कांग्रेस चार जाट चेहरों को लोकसभा चुनाव लड़वाती आई है। 2004 में तीन जाट उम्मीदवार थे। इनमें रोहतक से भूपेंद्र सिंह हुड्डा, हिसार से जयप्रकाश ‘जेपी’ और सोनीपत से धर्मपाल सिंह मलिक शामिल हैं।
हुड्डा और जेपी ने चुनाव जीता था, लेकिन धर्मपाल सिंह मलिक भाजपा के किशन सिंह सांगवान के सामने चुनाव हार गए थे। 2009 के चुनावों में कांग्रेस ने चार नेताओं को टिकट दिया। जयप्रकाश ‘जेपी’ हिसार से हजकां के चौ़ भजनलाल के सामने लड़े और चुनाव हार गए। वहीं रोहतक से दीपेंद्र सिंह हुड्डा, सोनीपत से जितेंद्र सिंह मलिक और भिवानी-महेंद्रगढ़ से श्रुति चौधरी ने चुनाव जीता था। वहीं 2014 के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस ने सोनीपत से जगबीर सिंह मलिक, हिसार से प्रो़ संपत सिंह, भिवानी-महेंद्रगढ़ से श्रुति चौधरी और रोहतक से दीपेंद्र हुड्डा को टिकट दिया था। दीपेंद्र को छोड़कर कांग्रेस के तीनों नेता चुनाव हारे।
इनेलो ने इन चेहरों पर खेला दांव
इनेलो प्रधान महासचिव व ऐलनाबाद विधायक अभय सिंह चौटाला खुद कुरुक्षेत्र से चुनावी रण में हैं। पूर्व विधायक प्रताप सिंह चौटाला की पुत्रवधू सुनैना चौटाला को हिसार तथा अनूप सिंह दहिया को इनेलो से सोनीपत से उम्मीदवार बनाया है। वहीं फरीदाबाद में भी जाट कार्ड खेलते हुए इनेलो से राजा नाहर सिंह के पड़पोते सुनील तेवतिया को टिकट दिया है। अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित अंबाला में सरदार गुरप्रीत सिंह वाल्मीकि और सिरसा में संदीप लोट वाल्मीकि को इनेलो ने अपना प्रत्याशी बनाया है। करनाल में इनेलो के समर्थन से वीरेंद्र मराठा मैदान में हैं। रोहतक, भिवानी-महेंद्रगढ़ व गुरुग्राम में इनेलो उम्मीदवारों की घोषणा होनी अभी बाकी है।

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जजपा ने पांच जाट उतारे मैदान में
भाजपा के साथ करीब साढ़े 4 वर्षों तक सरकार में गठबंधन सहयोगी रही जजपा ने पांच जाट नेताओं को टिकट दिया है। पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला की माता और बाढ़डा विधायक नैना सिंह चौटाला हिसार से चुनाव लड़ रही हैं। करनाल से पूर्व स्पीकर सतबीर सिंह कादियान के बेटे देवेंद्र कादियान, फरीदाबाद में नलिन हुड्डा, सोनीपत में 2019 में बरोदा से चुनाव लड़ चुके भूपेंद्र सिंह मलिक और रोहतक में जाट कोटे से जजपा ने रविंद्र सांगवान को टिकट दिया है। जजपा ने इस बार यादव कोटे से दो चेहरों – भिवानी-महेंद्रगढ़ में पूर्व विधायक राव बहादुर सिंह और गुरुग्राम में पॉप स्टार व सिंगर राहुल यादव फाजिलपुरिया पर दांव लगाया है। एससी के लिए आरक्षित अंबाला में डॉ. किरण पूनिया व सिरसा में रमेश खटक को प्रत्याशी बनाया है। वहीं कुरुक्षेत्र में बीसी कार्ड चलते हुए पालाराम सैनी को मैदान में उतारा है।
मोदी की आंधी में ढह गया था रोहतक दुर्ग
साल 2019 में हुए लोकसभा चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आंधी में पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा का दुर्ग यानी रोहतक संसदीय क्षेत्र भी ढह गया। इस बार भी कांग्रेस ने चार ही जाट नेताओं पर भरोसा जताया था। दीपेंद्र हुड्डा रोहतक से, श्रुति चौधरी भिवानी-महेंद्रगढ़ व पूर्व मंत्री निर्मल सिंह कुरुक्षेत्र से चुनाव लड़े थे। वहीं खुद भूपेंद्र सिंह हुड्डा सोनीपत से प्रत्याशी थे। इस चुनावों में कांग्रेस ने सभी दस सीट अपने हाथों से गंवा दी और भाजपा ने एकतरफा जीत हासिल की।
पार्टियों ने इस तरह बांटे हैं टिकट
भाजपा-कांग्रेस पार्टियों ने सोशल इंजीनियरिंग पर काम किया है। भाजपा ने दो जाट, दो ब्राह्मण, एक यादव, एक गुर्जर, एक वैश्य, एक पंजाबी और दो एससी उम्मीदवार उतारे हैं। वहीं कांग्रेस ने दो जाट, एक ब्राह्मण, एक वैश्य (इंडिया गठबंधन में), दो एससी, एक यादव व एक पंजाबी, एक गुर्जर को टिकट दिया है। गुरुग्राम की सीट पर अभी फैसला होना बाकी है।

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