भाजपा ने सोनीपत से निखिल मदान, गोहाना से अरविंद शर्मा पर खेला दांव
हरेंद्र रापड़िया/हमारे प्रतिनिधि
सोनीपत, 4 सितंबर
भारतीय जनता पार्टी ने कई दिन की जद्दोजहद के बाद प्रत्याशियों की सूची जारी कर दी। इसमें सोनीपत जिले की सोनीपत, गोहाना व खरखौदा आरक्षित सीट पर प्रत्याशियों की घोषणा कर दी गई है। सोनीपत से मेयर निखिल मदान, गोहाना से पूर्व सांसद डॉ. अरविंद शर्मा और खरखौदा से पवन को टिकट देकर मैदान में उतार दिया। अब बाकी बची गन्नौर, राई और बरोदा सीट पर टिकट के लिए हाथ-पैर मार रहे नेताओं की धड़कनें तेज हो गई हैं।
सोनीपत विधानसभा सीट को पंजाबी बाहुल्य सीट माना जाता है। मेयर निखिल मदान पंजाबी समुदाय से आते हैं। लोगों के बीच लगातार सक्रिय हैं। उनकी कार्यशैली और कनेक्ट के चलते लोगों में पकड़ मजबूत मानी जा रही है। वहीं जैन दंपति पिछला चुनाव हारने के बाद से अगले दिन से ही लोगों के बीच में सक्रिय हैं। मगर माना जा रहा है कि पूर्व मंत्री कविता जैन का टिकट कटने के पीछे इस बार जातीय समीकरण भी एक कारण रहा। सूत्रों के अनुसार हाईकमान को फीडबैक मिला कि लोगों में कविता जैन व राजीव जैन के सरकार में रहते लोगों में नाराजगी थी और वह अभी दूर नहीं हुई है।
नाराज नेताओं को मनाना चुनौती : गोहाना और खरखौदा में स्थानीय नेता कई दिन से विरोध जताते हुए बाहरी प्रत्याशी को उन पर न थोपने का आग्रह कर रहे थे। गोहाना में टिकट की चर्चा से अरविंद शर्मा का पुतला फूंककर विरोध जताया गया। इसके अगले दिन स्थानीय नेताओं ने प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली से मुलाकात करते हुए योगेश्वर दत्त का भी विरोध करते हुए स्थानीय को टिकट देने की मांग की थी।
वहीं खरखौदा के स्थानीय नेता भी बड़ौली से मिले थे और पार्टी के अंदर के कार्यकर्ता को टिकट देने का आग्रह किया था। मगर उसके बावजूद इन्हें टिकट दे दिया गया। इनके सामने विरोध करने वालों को मनाने की चुनौती रहेगी।
गोहाना में बड़े चेहरे को मौका
गोहाना में पूर्व सांसद डॉ.अरविंद शर्मा को टिकट दिया गया है। डॉ. शर्मा सोनीपत लोकसभा से सांसद रहे चुके हैं। ब्राह्मण वोटरों में उनकी अच्छी पकड़ मानी जाती है, वहीं उनकी सोशल इंजीनियनिंग को उनकी मजबूती माना जा रहा है, इसलिए पार्टी ने उन्हें मौका दिया है। पार्टी में टिकट मांग रहे पूर्व जिलाध्यक्ष तीर्थराणा पिछले चुनाव में तीसरे नंबर पर रहे थे। वहीं इस बार गोहाना से टिकट मांग रहे ओलंपियन पहलवान योगेश्वर दत्त भी बरोदा से लगातार दो बार हार चुके हैं, इसलिए इस बार पार्टी ने बड़े चेहरे को मैदान में उतारा है।
खरखौदा में पवन दो बार दूसरे नंबर पर रह चुके
खरखौदा आरक्षित सीट पर पिछले चुनाव में जजपा प्रत्याशी पवन खरखौदा को पिछले चुनाव में छोटे अंतर से हार का सामना करना पड़ा था। इससे पिछले चुनाव में भी पवन दूसरे नंबर पर रहे थे। पिछले दिनों पवन जजपा छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे। पार्टी के पास खरखौदा में उनसे मजबूत प्रत्याशी नजर नहीं आ रहा था। वहीं भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ रही मीना नरवाल पिछले चुनाव में तीसरे नंबर पर रही थी।