दिल्ली में सेवा अधिकार संबंधी विधेयक लोकसभा से पारित
नयी दिल्ली, 3 अगस्त (एजेंसी)
लोकसभा ने बृहस्पतिवार को विवादास्पद ‘दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र शासन संशोधन विधेयक 2023’ को मंजूरी दे दी। यह विधेयक दिल्ली में समूह-ए के अधिकारियों के स्थानांतरण एवं पदस्थापना के लिए एक प्राधिकरण के गठन के लिहाज से लागू अध्यादेश का स्थान लेगा। निचले सदन में करीब चार घंटे तक चली चर्चा के बाद गृह मंत्री अमित शाह ने जवाब दिया।
गृह मंत्री के जवाब के बाद निचले सदन ने इस संबंध में पहले लागू अध्यादेश को अस्वीकार करने के कुछ विपक्षी दलों के सदस्यों के सांविधिक संकल्प को नामंजूर कर दिया और विधेयक को ध्वनिमत से मंजूरी दे दी। चर्चा का जवाब देते हुए गृह मंत्री ने कहा, ‘पिछले कुछ दिनों में सदन में नौ विधेयक पारित हुए लेकिन विपक्षी दल इन पर चर्चा में शामिल नहीं हुए। वे सभी विधेयक भी महत्वपूर्ण थे। लेकिन आज के विधेयक (दिल्ली सेवा विधेयक) पर सभी (विपक्षी दल) मौजूद हैं क्योंकि सवाल गठबंधन बचाने का है।’ विधेयक में प्रावधान है कि अधिकारियों के स्थानांतरण, तैनाती और सतर्कता और अन्य मुद्दों से संबंधित विषयों पर उपराज्यपाल को सिफारिश करने के लिए दिल्ली के मुख्य सचिव और दिल्ली के गृह विभाग के प्रधान सचिव के साथ दिल्ली के मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में एक स्थायी प्राधिकरण का गठन किया जाएगा। इसमें उपराज्यपाल और मंत्री, पदों को परिभाषित करने का प्रावधान है।
आप सांसद रिंकू पूरे सत्र के लिए निलंबित
आम आदमी पार्टी (आप) के सांसद सुशील कुमार रिंकू को बृहस्पतिवार को लोकसभा अध्यक्ष के आसन के सामने कागज फाड़कर फेंकने के लिए वर्तमान मानसून सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित कर दिया गया। दिल्ली सेवा संबंधी विधेयक पारित होने के तत्काल बाद संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से निलंबन का आग्रह किया। इसके बाद बिरला ने उन्हें नामित किया। फिर जोशी के प्रस्ताव पर रिंकू के निलंबन का आदेश सुना दिया गया।
संघीय ढांचे के साथ छेड़छाड़ होती रही तो हिंदुस्तान तबाह हो जाएगा। दिल्ली हमारा दिल है... दिल्ली के साथ बार-बार छेड़छाड़ क्यों की जा रही है? शीर्ष अदालत की मई में छुट्टियां शुरू होने के समय ही अध्यादेश लाया गया। क्या ऐसी अप्रत्याशित स्थिति आ गई थी?
- अधीर रंजन चौधरी, कांग्रेस के नेता
लोकसभा में अमित शाह जी को बोलते सुना। विधेयक का समर्थन करने के लिए उनके पास एक भी वाजिब तर्क नहीं है। यह दिल्ली के लोगों को गुलाम बनाने वाला विधेयक है। उन्हें बेबस और लाचार बनाने वाला विधेयक है। ‘इंडिया’ ऐसा कभी नहीं होने देगा।
- अरविंद केजरीवाल, सीएम दिल्ली