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हरियाणा में अवैध खनन पर सबसे बड़ी कार्रवाई, 6 महीने में 860 FIR, 10.69 करोड़ जुर्माना

12:45 PM Jul 16, 2025 IST
हरियाणा में अवैध खनन पर सबसे बड़ी कार्रवाई  6 महीने में 860 fir  10 69 करोड़ जुर्माना
सांकेतिक फाइल फोटो।
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चंडीगढ़, 16 जुलाई (ट्रिन्यू)

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Haryana News: हरियाणा में अवैध खनन के खिलाफ अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए राज्य प्रवर्तन ब्यूरो (HSEnB) ने वर्ष 2025 में मिशन मोड पर व्यापक अभियान चलाया है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के नेतृत्व और ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति के तहत इस अभियान ने प्रदेशभर में खनन माफिया के खिलाफ निर्णायक प्रहार किया है।

छह माह की अवधि में अब तक 860 प्राथमिकी दर्ज, 754 गिरफ्तारी, 10.69 करोड़ जुर्माना वसूली और 1186 खनन में प्रयुक्त वाहन जब्त किए गए हैं। ये आंकड़े वर्ष 2024 की तुलना में 57 प्रतिशत अधिक कार्रवाई को दर्शाते हैं, जिससे साफ है कि सरकार और प्रवर्तन एजेंसियों की कार्यशैली और सख्ती अब परिणाम देने लगी है।

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खनन माफिया पर निर्णायक प्रहार

राज्य प्रवर्तन ब्यूरो के प्रमुख अमिताभ सिंह ढिल्लों के अनुसार, 1 जनवरी से 10 जुलाई 2025 तक 3733 खनन स्थलों की जांच की गई, जो 2024 के 3039 स्थलों से कहीं अधिक है। इसी अवधि में एफआईआर दर्ज करने के साथ-साथ 445 मामलों का त्वरित निपटारा भी हुआ है।

डीजीपी शत्रुजीत कपूर ने कहा कि अवैध खनन केवल पर्यावरण ही नहीं, बल्कि कानून व्यवस्था के लिए भी चुनौती है। उन्होंने सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि ऐसी गतिविधियों में लिप्त किसी भी व्यक्ति को बख्शा न जाए।

आर्थिक दबाव व राजस्व संवर्धन दोनों

2024 में जहां 6.78 करोड़ का जुर्माना वसूला गया था, वहीं 2025 में यह बढ़कर 10.69 करोड़ हो गया है। यह न केवल माफियाओं पर आर्थिक दबाव बनाने में मददगार रहा, बल्कि सरकार के लिए राजस्व वृद्धि की दिशा में भी अहम कदम साबित हुआ है।

तकनीक के साथ निगरानी तेज

ब्यूरो ने अवैध खनन की निगरानी के लिए GPS ट्रैकिंग, ड्रोन सर्वे और विशेष रेड टीमें गठित की हैं, जिससे न केवल त्वरित कार्रवाई संभव हुई है, बल्कि दोषियों की पहचान और गिरफ्तारी में भी तेजी आई है।

जनहित में सरकार की सख्त नीति

सरकार की स्पष्ट मंशा है कि प्राकृतिक संसाधनों का दोहन कानूनी और पर्यावरणीय मर्यादाओं के तहत ही हो। अवैध खनन से न केवल प्राकृतिक विरासत को क्षति होती है, बल्कि समाज के लिए भी खतरा उत्पन्न होता है। इसी को ध्यान में रखते हुए प्रवर्तन एजेंसियां पारदर्शिता और त्वरित कार्रवाई के साथ पूरे राज्य में सक्रिय हैं।

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