बाल कहानियों में बड़े संदेश
पुस्तक समीक्षा
अरुण कुमार कैहरबा
पुस्तक : नानी और नानू अंतरिक्ष में लेखक : डॉ. घमंडीलाल अग्रवाल प्रकाशक : आत्माराम एंड संस, दिल्ली पृष्ठ : 79 मूल्य : रु. 495.
कुल 127 बाल साहित्य संबंधी पुस्तकें लिख चुके डॉ. घमंडीलाल अग्रवाल के ताजा बाल कहानी संग्रह ‘नानी और नानू अंतरिक्ष में’ में कुल 15 रोचक एवं संदेश देने वाली बाल कहानियां हैं। छोटे आकार की ये कहानियां बाल-मन को छूने में कामयाब होती हैं। इन कहानियों को पढ़ने पर बच्चों का ज्ञान-विज्ञान के साथ गहरा रिश्ता बनता है। वे प्रकृति और अपने आस-पास के परिवेश के और अधिक करीब आएंगे।
‘गोल्डन जुबली पार्क’ कहानी में पार्क चीख-चीख कर अपनी व्यथा सुना रहा है। ‘पेड़ लगाओ पर्यावरण बचाओ’ कहानी में वन देवता हरिया लकड़हारे को भी पेड़ संरक्षक बना देता है। संग्रह की पहली कहानी ‘फूल खिल उठे’ में पौधों की देखभाल करने का संदेश दिया गया है।
‘चाचा मुफ्तराम को सबक’ कहानी में लेखक ने हास्य रस की छटाएं बिखेर दी हैं। संग्रह की कई कहानियों में सूझबूझ और समझदारी से समस्याओं का समाधान करके दिखा गया है। ‘शेर से छुटकारा’ में सुंदर वन में राजा गबरू शेर की अपने ही जंगल के जानवरों का शिकार करने की आदत से सभी जानवर सूझबूझ से निपटते हैं और अपने राजा की बुरी आदत को छुड़वा देते हैं। ‘साहसी सुहास’ में सुहास समझदारी और साहस से बस में यात्रा करते हुए आ गए दो आतंकवादियों को पकड़वाने का कारनामा कर सभी बच्चों को प्रेरणा देता है। ‘आत्मविश्वास लौट आया’ और ‘गिरोह का पर्दाफाश’ कहानियां बच्चों या बड़ों की सूझबूझ का परिचय देती हैं।
‘सूरज के सात घोड़े’ और ‘नानी और नानू अंतरिक्ष में’ विज्ञान पर आधारित सुंदर कहानियां हैं। ‘असली बाल दिवस’ और ‘बच्चों का कवि सम्मेलन’ कहानियां बच्चों को कविताओं से सराबोर करके प्रफुल्लित करने वाली हैं। ‘मिलकर बनाई रोटियां’ में कल्पना के रंग देखते ही बनते हैं। खुशियां लाया रक्षाबंधन और अन्न का सम्मान कहानियों में समाज के अमीर-गरीब वर्ग को नजदीक लाने की कोशिश की गई है।