शिअद, आप और कांग्रेस के दिग्गज मैदान में, भाजपा खेल सकती है हिंदू कार्ड
रविंदर शर्मा
बरनाला, 19 अप्रैल
संगरूर लोकसभा सीट पर अब तक कांग्रेस, शिरोमणि अकाली दल बादल और आम आदमी पार्टी अपने उम्मीदवार चुनावी रण में उतार चुकी है। कांग्रेस ने सुखपाल खैरा, आप ने गुरमीत सिंह मीत हेयर, शिअद (ब) ने इकबाल झुंदा, शिअद (अ) ने सिमरनजीत सिंह मान को प्रत्याशी बनाया है। अब सबकी नजरें भाजपा पर है कि वह यहां से किसे अपना उम्मीदवार बनाती है। माना जा रहा है कि भाजपा यहां से किसी हिंदू कार्ड खेल सकती है। हिंदू चेहरे के जरिये भाजपा चुनावी लाभ लेने की कोशिश कर सकती है। संगरूर लोकसभा के अंतर्गत आने वाले नौ विधानसभा हलकों में कुल 15 लाख 48 हजार 37 मतदाता हैं। इनमें 8 लाख 19 हजा 994 पुरुष और 7 लाख 27 हजार 997 महिला वोटर हैं। इनके अलावा 46 ट्रांसजेंडर वोटर भी इस सीट पर हैं। 18 वर्ष से अधिक के 31 हजार 641 युवा वोटर पहली बार अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे। संगरूर सीट पर 80 साल से अधिक आयु के 32831 वोटर्स हैं जबकि 100 वर्ष से अधिक आयु वाले 347 वोटर्स हैं। पंजाब में लोकसभा चुनावों के लिए 14 मई तक नामांकन पत्र जमा करवाए जा सकेंगे। नामांकन-पत्रों की जांच 15 मई को होगी। 17 मई तक नामांकन-पत्र वापस लिए जा सकेंगे। पहली जून को मतदान होगा। चुनाव के लिए संगरूर जिले में 9809 और बरनाला में 5095 कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है। रिजर्व स्टाफ समेत 17708 कर्मचारी तैनात रहेंगे।
बरनाला में 557 पुलिस कर्मचारी और एक कंपनी सीएपीएफ मौजूद है। मालेरकोटला में 260 पुलिस कर्मचारी तैनात किए गए हैं। यहां 968 पोलिंग इमारत हैं। 1765 पोलिंग स्टेशन बनाए गए हैं। 116 संवेदनशील इमारतों में 287 संवेदनशील पोलिंग स्टेशन हैं।
संगरूर लोकसभा चुनाव के नतीजों में इस बार 30 से 39 वर्ष के युवा महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे क्योंकि वोटर लिस्ट में सबसे अधिक 27 प्रतिशत इसी वर्ग के हैं।
संगरूर हिंदू बहुल सीट
संगरूर लोकसभा सीट को हिंदू बहुल माना जाता है। 2004 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने हिंदू उम्मीदवार अरविंद खन्ना को चुनाव लड़वाया था। वे चुनाव जीतने में कामयाब रहे। 2009 के चुनाव में भी कांग्रेस के उम्मीदवार विजेंदर सिंगला भी विजेता रहे थे। उन्होंने सुखदेव ढींडसा को हराया था। 2014 में सिंगला भगवंत मान से हार गए थे लेकिन 2017 में विधानसभा चुनाव जीत गये थे। आप के अमन अरोड़ा भी चुनाव जीत चुके हैं। 2019 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने कुछ अलग किया था। पार्टी ने केवल सिंह ढिल्लों जो कि सिख हैं, को चुनाव में उतारा, लेकिन आप के भगवंत मान के आगे कोई नहीं टिक सका और मान साहब विजेता रहे। बात करें 2022 की तो भाजपा के उम्मीदवार केवल सिंह ढिल्लो भी हार गए थे। इस सीट पर 2002 से लेकर 2024 तक 3 बार हिंदू उम्मीदवार जीते हैं। यहां 2002 में अरविंद खन्ना, 2012 में प्रकाश चंद शिअद से जीते थे।