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Bhuteshwar Shivling: साल-दर-साल बढ़ रहा इस चमत्कारी शिवलिंग का आकार, घोर कलयुग से जुड़ा कनेक्शन

08:04 PM Dec 25, 2024 IST

चंडीगढ़, 25 दिसंबर (ट्रिन्यू)

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Bhuteshwar Shivling: छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में भूतेश्वर महादेव मंदिर का शिवलिंग है, जो दुनिया का सबसे बड़ा प्राकृतिक रूप से निर्मित शिवलिंग है। हैरानी की बात तो यह है कि इस मंदिर के शिवलिंग का आकार दिन ब दिन बढ़ रहा है, जिसके दर्शनों के लिए श्रद्धालुओं की लाइन लग रही है।

बता दें कि यह शिवलिंग लगभग 80 फीट ऊंचा और जमीन से 20 फीट ऊपर है। राजस्व विभाग हर साल इसका माप करता है, जिसमें हर साल 6 से 8 इंच की वृद्धि दर्ज की जाती है। स्थानीय लोगों का मानना ​​है कि यह हर साल लगभग जादुई तरीके से बढ़ता है। यह शिवलिंग मुख्य शहर से तीन किलोमीटर दूर मरोदा गांव में स्थित है, जो घने जंगलों से घिरा हुआ है।

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भूतेश्वर शिवलिंग कहां है?
भूतेश्वर महादेव, जिसे भकुर्रा महादेव के नाम से भी जाना जाता है गरियाबंद जिले के मरोदा गांव के पास भगवान शिव को समर्पित एक मंदिर है। गरियाबंद के जंगलों में स्थित यह शिवलिंग दुनिया के सबसे बड़े प्राकृतिक शिवलिंग का खिताब अपने नाम करता है। हर साल महाशिवरात्रि और सावन के सोमवार को भक्त छत्तीसगढ़ में कांवड़ यात्रा के लिए महानदी नदी से पवित्र जल राजिम लाते हैं।

इस मंदिर को अर्ध-नारीश्वर शिवलिंग के रूप में भी जाना जाता है। पहाड़ों और जंगलों के बीच स्थित इस शिवलिंग की गोलाई लगभग 290 फीट है। कहा जाता है कि इस शिवलिंग के पास नंदी के रंभाने की आवाजें भी सुनाई देती है इसलिए इसे भकुर्रा महादेव के नाम से भी पुकारा जाता है।

क्यों बढ़ रहा है शिवलिंग का आकार?
वैज्ञानिकों ने खुद इस बात को माना है कि इस शिवलिंग का आकार समय के बढ़ रहा है। हालांकि, इसका सटीक कारण फिलहाल पता नहीं चल पाया है। भक्तों का मानना है कि यह भगवान शिव का चमत्कार है। वहीं, ऐसा भी कहा जाता है कि जिस दिन कलयुग समाप्त होगा और घोर कलयुग का समय आएगा तब इस शिवलिंग का बढ़ना रुक जाएगा।

भगवान शिव ने डाली थी दृष्टि
धार्मिक कहानियों के अनुसार, इस जगह को शिवासा के नाम से संबोधित किया गया है, जिसका अर्थ शिव का क्षेत्र है। ऐसा कहा जाता है कि एक बार भगवान शिव माता पार्वती व पुत्र श्रीगणेश के साथ आकाश मार्ग से कहीं जा रहे थे कि तभबी उनकी दृष्टि इस शिवलिंग पर पड़ी। तब भगवान शिव ने अपनी उपस्थिति से इस शिवलिंग में जान डाल दी इसलिए इसका आकार तब से बढ़ा चला आ रहा है। मंदिर में भगवान शिव के अलावा श्रीगणेश जी और माता भगवती की आकृतियां भी बनाई गई है।

डिस्केलमनर: यह लेख/खबर धार्मिक व सामाजिक मान्यता पर आधारित है। Dainiktribuneonline.com इस तरह की बात की पुष्टि नहीं करता है।

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