भूपिंदर मान बोले-किसानों की एमएसपी की मांग तो वैध, लेकिन...
चंडीगढ़, 13 फरवरी (हप्र)
प्रमुख किसान नेता और पूर्व सांसद भूपिंदर सिंह मान ने किसान आंदोलन के भीतर चालाक तत्वों के खिलाफ कड़ी चेतावनी जारी की है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की मांग वैध है, लेकिन कुछ समूहों द्वारा अपनाए गए तरीके नुकसानदायक और गुप्त उद्देश्यों से प्रेरित हैं। मान ने कहा कि भारतीय किसानों पर कर बोझ ओईसीडी द्वारा 2022 में अनुमानित 169 बिलियन अमेरिकी डॉलर है। उन्होंने शरद जोशी टास्क फोर्स द्वारा 2004 के एक अध्ययन का हवाला दिया। इसी माध्यम से किसानों पर 1.7 लाख करोड़ रुपये का बोझ है। उन्होंने बताया कि 1995 में राज्यसभा में उनके द्वारा उठाए गए एक प्रश्न पर तत्कालीन वाणिज्य मंत्री प्रणब मुखर्जी ने स्वीकार किया कि किसानों पर अप्रत्यक्ष तरीकों से भारी कर लगाया जाता है। उन्होंने घरेलू कृषि संगठनों के तीन प्राथमिक समूहों की पहचान की जिसमें राजनीतिक महत्वाकांक्षा वाले, व्यावसायिक हित वाले (बिचौलिए और प्रोसेसर) और समाज को अस्थिर करने का लक्ष्य रखने वाले कम्युनिस्ट, माओवादी या नक्सली विचारधारा से प्रेरित लोग शामिल है। हरियाणा भाकियू (मान) के अध्यक्ष और भारत सरकार द्वारा गठित एमएसपी समिति के सदस्य चौधरी गुणी प्रकाश ने भारत सरकार द्वारा गठित एमएसपी समिति में नाम देने में विफल रहने के लिए किसान नेताओं और संयुक्त किसान मोर्चा की आलोचना की।