भावान्तर योजना फर्जी दस्तावेज से हड़पा लाखों का मुआवजा
गुरुग्राम, 9 जुलाई (हप्र)
भावांतर भरपाई योजना में धोखाधड़ी व फर्जीवाड़े के मामले सामने आए हैं। काफी संख्या में लोगों ने फर्जी दस्तावेज ऑनलाइन अपलोड करके लाखों रुपए की मुआवजा राशि हड़प ली है। पीड़ित किसान अपनी खराब फसल की राशि हासिल करने के लिए इधर उधर घूम रहे हैं। हैरत की बात है कि ऐसे असल किसानों के दस्तावेज भी ऑनलाइन अपलोड नहीं हो रहे हैं। प्रभावित किसानों ने भी बताया कि प्रशासन से मामले की शिकायत की है। किसानों ने कहा कि यदि उनकी समस्या का समाधान नहीं हुआ तो प्रदेश मुख्यमंत्री के समक्ष मामले को पेश करके न्याय की गुहार लगाई जाएगी।
प्रभावित गुरदयाल, भारतभूषण, तोलाराम, भगवानदास, ओमप्रकाश आदि किसानों की जमीन पर भी फर्जी दस्तावेज ऑनलाइन अपलोड करके राशि हड़पी जा चुकी है। योजना से वंचित पीड़ित किसानों ने मामले की शिकायत सम्बंधित अधिकारियों को लिखित रूप में कर दी है। इस बारे में सीएससी मैनेजर नूंह आरिफ राजाकाने बताया कि मेरी फसल मेरा ब्योरा का पोर्टल सीएससी के साथ इंटीग्रेटिड नहीं है। इसके लिए सरकार से पत्राचार के माध्यम से अनुरोध किया गया है कि वो इसको सीएससी के साथ इंटीग्रेटिड करे। ताकि बाहरी लोगों द्वारा किए जा रहे फर्जीवाड़े को रोका जा सके। निश्चित ही यह गंभीर विषय है, इस पर सख्त कार्रवाई की जरूरत है।
ऐसे हुआ खुलासा
सोहना के किसान विजय कुमार, महेंद्र प्रताप, दीपांशु अरोड़ा, शकुंतला देवी ने बताया कि उनकी नूंह जिले के दोहा गांव में करीब 40 एकड़ कृषि भूमि है। जब वे मेरी फसल मेरा ब्योरा पर भावान्तर भरपाई योजना का फायदा लेने के लिए ऑनलाइन आवेदन किया तो उनकी जमीन पर जालसाजों ने फर्जी दस्तावेज अपलोड करके योजना राशि को हड़प रहे थे। जब उन्होंने दर्ज मोबाइल नम्बरों पर बात की तो ज्यादातर लोगों ने अपने फोन स्विच ऑफ कर दिए थे। नूंह जिले में चल रहा यह एक बड़ा स्कैम है। इस संबंध में कई ऐसे नंबर और नाम जुटाए जो योजना का लाभ फर्जी दस्तावेज अपलोड कर ले रहे थे। इनसे पूछा गया तो जवाब मिला कि हमने सीएससी सेंटर पर ऑनलाइन आवेदन कर ऐसा किया है। सरकार द्वारा योजना के तहत बाजरा उत्पादन की भरपाई के लिए 400 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से लाभ दिया है।