आडवाणी को भारत रत्न
नयी दिल्ली, 3 फरवरी (एजेंसी)
भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी (96) को देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से नवाजा जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को खुद इसकी घोषणा की और इसे अपने लिए एक अत्यंत भावुक क्षण बताया। आडवाणी ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री मोदी का आभार जताते हुए कहा कि यह एक व्यक्ति के रूप में न केवल उनका, बल्कि उन आदर्शों और सिद्धांतों का भी सम्मान है, जिनका पालन करने का उन्होंने प्रयास किया। उन्होंने लाखों भाजपा कार्यकर्ताओं, आरएसएस स्वयंसेवकों और अन्य लोगों का भी आभार व्यक्त किया।
आडवाणी यह सम्मान पाने वाले 50वें व्यक्ति हैं। गत 23 जनवरी को सरकार ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने की घोषणा की थी।
सबसे लंबे समय तक भाजपा के अध्यक्ष रहे आडवाणी ने एक बयान में कहा, ‘मैं अत्यंत विनम्रता और कृतज्ञता के साथ भारत रत्न को स्वीकार करता हूं। 14 वर्ष की उम्र में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में शामिल होने के बाद से जीवन में मुझे जो भी जिम्मेदारी मिली, उसे निभाते हुए अपने प्रिय देश की समर्पित और नि:स्वार्थ सेवा करने में ही मुझे खुशी मिली। जिस चीज ने मुझे प्रेरित किया, वह आदर्श वाक्य है- ‘यह जीवन मेरा नहीं है। मेरा जीवन मेरे राष्ट्र के लिए है।’
इससे पहले मोदी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘हमारे समय के सबसे सम्मानित राजनेताओं में से एक लालकृष्ण आडवाणी का भारत के विकास में योगदान अविस्मरणीय है। उनका जीवन जमीनी स्तर पर काम करने से शुरू होकर हमारे उप-प्रधानमंत्री के रूप में देश की सेवा करने तक का है।... उन्होंने राष्ट्रीय एकता और सांस्कृतिक पुनरुत्थान को आगे बढ़ाने की दिशा में अद्वितीय प्रयास किए हैं।’ केंद्रीय मंत्रियों, अन्य वरिष्ठ नेताओं समेत विभिन्न क्षेत्र के लोगों ने भी आडवाणी को बधाई दी।
वाजपेयी को किया याद
आडवाणी ने कहा कि आज वह दो व्यक्तियों- पंडित दीनदयाल उपाध्याय और अटल बिहारी वाजपेयी को कृतज्ञतापूर्वक याद कर रहे हैं, जिनके साथ उन्हें करीब से काम करने का मौका मिला। आडवाणी ने कहा, ‘मैं अपने परिवार के सभी सदस्यों, विशेषकर अपनी दिवंगत प्रिय पत्नी कमला के प्रति अपनी गहरी भावनाएं व्यक्त करता हूं। ये मेरे जीवन में शक्ति का सबसे बड़ा स्रोत रहे हैं।’ आडवाणी को 90 के दशक में उस समय भाजपा के उदय का श्रेय दिया जाता है, जब वह पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकारों की प्रमुख पार्टी के रूप में पहली बार सत्ता में आई थी। आडवाणी को यह सम्मान दिया जाना पार्टी की मूल विचारधारा को आकार देने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका के प्रति सम्मान के तौर पर देखा जा रहा है। आडवाणी को उसी वर्ष भारत रत्न दिया जा रहा है, जब राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा की गई है। उन्होंने राम मंदिर का मुद्दा उठाने के लिए 1990 में ‘राम रथ यात्रा’ निकाली थी।
यह ‘राष्ट्र प्रथम’ की विचारधारा का सम्मान : मोदी
संबलपुर (एजेंसी) : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ओडिशा के संबलपुर में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा कि पूर्व उप प्रधानमंत्री आडवाणी को भारत रत्न ‘राष्ट्र प्रथम’ की विचारधारा का सम्मान है। उन्होंने कहा, ‘आडवाणी एक पार्टी के चंगुल से लोकतंत्र को मुक्त कराने के लिए लगातार लड़े और सबका मार्गदर्शन किया। उन्होंने परिवारवाद की राजनीति को चुनौती दी और भारत के लोकतंत्र को सर्व-समावेशी एवं राष्ट्रवादी विचारधाराओं से जोड़ा।’