भाकियू चीमा, अरोड़ा, खुड्डियां, डाॅ. बलवीर के घरों के सामने 11 से देगी अनिश्चितकालीन धरना
राजवीर घराचों के खिलाफ मामला
संगरूर, 7 जुलाई (निस)
भारतीय किसान यूनियन एकता उगराहां जिला संगरूर की बैठक गुरुघर सुनाम में जिला अध्यक्ष अमरीक सिंह गंडुआ और महासचिव दरवारा सिंह छाजला की अध्यक्षता में हुई। बैठक में उन्होंने कहा कि मंजीत सिंह घराचों के बेटे राजवीर सिंह घराचों पर गैंगस्टरों के एक गिरोह द्वारा किए गए जानलेवा हमले के बाद सदर संगरूर पुलिस स्टेशन के एसएचओ बलवंत सिंह ने सरकारी अधिकारियों के साथ मिलकर जातिगत उत्पीड़न का झूठा आरोप लगाया और जगतार लाडी के खिलाफ कार्रवाई की। उन्होंने कहा कि 11 जुलाई से घराचों से एससीएसटी एक्ट हटाने सहित झूठा मुकदमा रद्द करने की मांगों को लेकर जिला पुलिस प्रशासन द्वारा 7 जुलाई तक किए गए वादे पूरे न करने के विरोध में पंजाब के चार मंत्रियों हरपाल सिंह चीमा, अमन अरोड़ा , डाॅ. बलवीर सिंह, गुरमीत सिंह खुड्डियां और सांसद गुरमीत सिंह मीत हेयर के घरों के सामने अनिश्चितकाल के लिए धरने दिए जाएंगे। मीटिंग के दौरान फैसला लिया गया कि जिला संगरूर यूनियन की ओर से दो जगह धरना दिया जाएगा। कैबिनेट मंत्री हरपाल चीमा के घर के सामने माेर्चे में संगरूर, भवानीगढ़, धूरी और दिड़बा ब्लॉक शामिल होंगे। दूसरा मोर्चा सुनाम में कैबिनेट मंत्री अमन अरोड़ा के घर के सामने सुनाम, लहरा और मूनक द्वारा स्थापित किया जाएगा। सभी नाके अब ट्रॉलियों पर तय कर दिए गए हैं और अधिकतम संख्या लाने की ड्यूटी लगा दी गई है।
किसान नेताओं ने आरोप लगाया कि इस मामले में पुलिस प्रशासन पंजाब सरकार और कुछ राजनीतिक पार्टियों के साथ मिलकर जानबूझकर संगठन को निशाना बनाने और बदनाम करने की मंशा से नेताओं पर झूठे पर्चे डाल रहा है। बैठक में जिला नेता बासन सिंह ढींडसा, दर्शन सिंह गलाली वाला, ब्लॉक मूनक अध्यक्ष सुखदेव सिंह कडेल और अन्य नेता शामिल हुए। इस बीच, संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) और किसान मजदूर संघर्ष कमेटी ने 12 जुलाई से बठिंडा में एसएसपी और डिप्टी कमिश्नर कार्यालय के सामने पंजाब सरकार के खिलाफ पक्के मोर्चे का ऐलान किया है। यहां दोनों संगठनों की बैठक के बाद यह घोषणा की गयी। किसानों ने पंजाब सरकार पर शहीद किसान शुभकरण सिंह के परिवार की मांगें पूरी न करने का आरोप भी लगाया। काका सिंह कोटड़ा ने कहा कि पंजाब सरकार ने शुभकरण के परिवार की तीन मांगें मान ली हैं, जिनमें शुभकरण सिंह की बहन को पंजाब पुलिस में नौकरी देने, शुभकरण सिंह को शहीद का दर्जा देने और शहीद के परिवार को सरकार की ओर से एक करोड़ रुपये देने को कहा गया था, लेकिन अभी तक मामला सुलझ नहीं पाया है।