भाकियू एकता उगराहां ने सांसद आवास के आगे दिया धरना
संगरूर/बरनाला, 17 जुलाई (निस)
बुधवार को भारतीय किसान यूनियन एकता उगराहां जिला बरनाला तथा संगरूर की तरफ से संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर दिल्ली संघर्ष में मानी गई मांगें लागू करवाने के लिए बरनाला में सांसद गुरमीत सिंह मीत हेयर की कोठी के आगे धरना दिया गया। इस मौके पर सैकड़ों किसान, मजदूर, महिलाएं शामिल हुए। इस दौरान मीत हेयर को मांगपत्र सौंपा गया। इस मौके पर भारतीय किसान यूनियन एकता उगराहां के प्रदेश अध्यक्ष जोगिंदर सिंह उगराहां ने कहा कि दिल्ली में जब किसानों ने आंदोलन किया था तो केंद्र सरकार ने उनकी मांगें मानने का भरोसा देकर धरना खत्म करवा दिया था। एक साल से ऊपर समय हो गया लेकिन किसान आंदोलन के दौरान मानी गई मांगों को आज तक पूरा नहीं किया गया जिससे किसानों में रोष है। उन्होंने कहा कि पूरे भारत में दिल्ली संघर्ष के दौरान मानी गई मांगें लागू करवाने के लिए 16, 17, 18 जुलाई को सांसदों को मांग पत्र दिए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज पंजाबभर में सांसदों को मांगपत्र देने का कार्यक्रम था।
उन्होंने मांग की कि फसलों की अनिवार्य रूप से खरीद का कानून बनाया जाए, स्वामीनाथन कमीशन व रमेश चन्द्र कमेटी की सिफारिशें लागू की जाएं, लखीमपुरी खीरी के आरोपियों को सजा दी जाए, किसान मोर्चे के दौरान शहीद किसानों के परिवारों को मुआवजा दिया जाए, उनकी यादगार बनाई जाए, किसानों का लोन माफ किया जाए, 60 साल से ऊपर होने पर 10 हजार रुपए महीना पेंशन दी जाए, आपराधिक कानून रद्द किए जाएं, जो 1 जुलाई से लागू हुए हैं, को रद्द किया जाए, बिजली बिल 2020 रद्द किया जाए, किसानों पर प्रदूषण के पर्चे रद्द किए जाएं।
उगराहां ने केंद्र सरकार और राज्य सरकार की किसान विरोधी और जनविरोधी नीतियों की कड़ी आलोचना की। उन्होंने 736 शहीद किसानों की याद में सिंघू और टीकरी बॉर्ड पर एक शहीद स्मारक के निर्माण की मांग की।
इस मौके पर प्रदेश उपाध्यक्ष रूप सिंह छन्ना, जनक सिंह भुटाल, जिला प्रधान चमकौर सिंह नैनेवाल, महासचिव जरनैल सिंह बदरा, कोषाध्यक्ष भगत सिंह छन्ना, मीत बुकन सिंह सद्दोवाल, दर्शन सिंह, जरनैल सिंह जवंधा, संगरूर जिला प्रधान अमरीक सिंह गंटुआं, ब्लॉक नेता जसवन्त सिंह तोला, वल बहादुर सिंह भुटाल, जगतार सिंह लाडी और महिला विंग कन्वीनर कमलजीत कौर बरनाला, बिंदर पाल कौर भदौड़, अमरजीत कौर बडबर, लखवीर कौर धनौला, राज बिंदर कौर कालेके, सुखदेव कौर, नवदीप कौर पंजगरीं और सुखविंदर कौर हमीदी आदि नेता मौजूद थे।