For the best experience, open
https://m.dainiktribuneonline.com
on your mobile browser.
Advertisement

भजन गायिका के हत्यारे शुभम ने जेल में की आत्महत्या

10:21 AM Jun 15, 2024 IST
भजन गायिका के हत्यारे शुभम ने जेल में की आत्महत्या
Advertisement

जींद, 14 जून (हप्र)
भजन गायिका नाबालिग लड़की के मर्डर, पोक्सो एक्ट समेत कई धाराओं के तहत उम्रकैद काट रहे जींद के संत नगर निवासी शुभम नामक कैदी ने जींद की जिला कारागार में फंदा लगाकर सुसाइड कर लिया। मामले की सूचना के बाद सिविल लाइन थाना पुलिस ने मृतक के शव को कब्जे में ले सिविल अस्पताल के शव गृह में रखवाया। मृतक के परिजनों की मांग है कि मामले की पूरी जांच करवाई जाए ताकि पता चल सके कि शुभम ने फांसी क्यों लगायी? फिलहाल ज्यूडिशिल मजिस्ट्रेट की देखरेख में चिकित्सक बोर्ड से मृतक के शव का पोस्टमार्टम करवाया गया है। पुलिस मामले की जांच में जुटी है।
जानकारी के अनुसार जींद के संत नगर का शुभम मर्डर, शव को खुर्द बुर्द करने, अपहरण, पोक्सो एक्ट के तहत जींद की जिला कारागार में उम्रकैद की सजा भुगत रहा था। शुक्रवार सुबह लगभग 8 बजे शुभम ने संदिग्ध परिस्थितियों में फांसी का फंदा लगा आत्महत्या कर ली। शुभम के आत्महत्या करने का जैसे ही जेल अधिकारियों को पता चला, तो जेल में हड़कंप मच गया। मामले की सूचना सिविल लाइन थाना पुलिस तथा जेल उच्च अधिकारियों को दी गई। सिविल लाइन थाना पुलिस नेमृतक के शव को कब्जे में ले सिविल अस्पताल के शव गृह में रखवाया गया। सिविल लाइन थाना प्रभारी सुखबीर सिंह ने बताया कि घटना की सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची थी। ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट के दिशा-निर्देशन में चिकित्सक बोर्ड से मृतक के शव का पोस्टमार्टम करवा गया है। जींद जिला कारागार अधीक्षक संजीव बुधवार ने बताया कि शुभम 7 साल से जींद जेल में बंद था। उसने शुक्रवार सुबह जेल में फांसी का फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। आत्महत्या के कारणों का पता नहीं चल पाया है। उसके साथ जेल में बंद कैदियों से मृतक के परिजनों की बात करवा दी गई है।
2020 में सुनाई थी उम्रकैद की सजा
न्यू शिवपुरी कालोनी निवासी मनीष कुमार ने 20 जून 2017 को शहर थाने में दी शिकायत में कहा था कि उसकी 16 वर्षीय बहन शालू आसपास के गांवों में जागरण में भजन गाने और शोभायात्रा में हिस्सा लेती थी। 15 जून 2017 की रात को डूमरखां कलां गांव में जागरण की बात कहकर संत नगर निवासी शुभम और दीपक बहन को घर से लेकर गए थे। उसके बाद से बहन नहीं लौटी। इस पर परिजन डूमरखां कलां गांव पहुंचे तो सरपंच और ग्रामीणों ने कहा कि 15 जून की रात को गांव में जागरण नहीं हुआ था। इसके बाद परिजनों को शुभम और उसके साथियों पर संदेह हुआ। पुलिस ने जब शुभम को पकड़ कर पूछताछ की तो उसने हत्या की बात कबूल ली। बाद में उसकी निशानदेही पर जलालपुर कलां के खेतों से शव को बरामद कर लिया था। शालू के शरीर पर तेजधार हथियार से वार के निशान थे। इस मामले में शुभम और उसके साथियों को उम्रकैद की सजा सुनाई थी।

Advertisement

Advertisement
Advertisement