भगवंत मान को नहीं मिली पेरिस जाने की राजनीतिक मंजूरी, AAP ने कहा- यह पंजाब के साथ धक्का
चंडीगढ़, तीन अगस्त (ट्रिन्यू)
Bhagwant Mann: केंद्र सरकार ने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान को ओलंपिक खेलों में भारतीय हॉकी टीम का समर्थन करने के लिए पेरिस जाने की राजनीतिक मंजूरी देने से इन्कार कर दिया है। आम आदमी पार्टी ने यह जानकारी दी।
बता दें, राजनयिक पासपोर्ट रखने वाले मान को चार अगस्त को भारतीय हॉकी टीम के क्वार्टर फाइनल मैच के लिए तीन से नौ अगस्त तक के लिए पेरिस जाना था। इसके लिए उन्होंने राजनीतिक मंजूरी मांगी थी।
बताया जा रहा है कि मान को इसलिए नहीं दी गई, क्योंकि वह जेड-प्लस सुरक्षा प्राप्त हैं, इसलिए कम समय में उनके लिए सुरक्षा का प्रबंध करना संभव नहीं है। बता दें, राजनीतिक दलों के वरिष्ठ नेताओं को विदेश यात्रा के लिए विदेश मंत्रालय से राजनीतिक मंजूरी लेनी होती है।
आम आदमी पार्टी, पंजाब के राज्य महासचिव और पंजाब मंडी बोर्ड के चेयरमैन स. हरचंद सिंह बरसट ने मान को केंद्र की भाजपा सरकार की तरफ से फ्रांस दौरे की मंजूरी न देने की कड़े शब्दों में निंदा की है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने मान को पैरिस ओलंपिक में जाने की इजाजत न देकर जहां पंजाब के तीन करोड़ लोगों से धक्का किया है, वहीं लोगों की भावनाओं को भी आहत किया है।
उन्होंने कहा कि देश की हाकी टीम में ज्यादातर खिलाड़ी पंजाब के हैं। यह संवैधानिक तौर पर चुने हुए व्यक्ति के मूल अधिकारों पर रोक लगाने के बराबर है, जबकि आम आदमी पार्टी के कार्यों को देखकर ही दिल्ली और पंजाब के लोगों ने आप को भारी बहुमत से सत्ता की कमान सौंपी है।
बरसट ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जाने से आप नेताओं को रोकना कोई नई बात नहीं है। इससे पहले भी मोदी सरकार ने आप के राष्ट्रीय कनवीनर और दिल्ली के मुख्यमंत्री श्री अरविंद केजरीवाल को सिंगापुर दौरे पर जाने की मंजूरी नहीं दी थी, जो कि वहां की शिक्षण प्रणाली की स्टडी करने के लिये जाना चाहते थे।
उन्होंने कहा कि पैरिस ओलंपिक में देश की हाकी टीम की तरफ से जीत का दौर जारी है और हाकी टीम में ज्यादातर पंजाब के खिलाड़ी हैं, पर फिर भी स. भगवंत सिंह मान को हाकी टीम का मनोबल बढ़ाने के लिये पेरिस जाने से रोकना पंजाब से एक ओर भेदभाव को दर्शाता है, जबकि वह अपने खर्च पर पैरिस ओलंपिक में जाना चाहते हैं।
आम आदमी पार्टी, पंजाब के राज्य महासचिव ने कहा कि इससे पहले 26 जनवरी की परेड में पंजाब की झांकी को शामिल न करना, बाढ़ के कारण पंजाब के किसानों-मजदूरों को मुआवजा ना देना, पंजाब के किसानों-मजदूरों को दिल्ली जाने से रोकना, पंजाब के रूरल डेवलपमेंट फंड व हेल्थ मिशन फंड को रोकना और अब केंद्रीय बजट में पंजाब को कोई भी मदद न देना देश के प्रधानमंत्री और भारतीय जनता पार्टी की पंजाब और पंजाबियत के साथ नफरत को दर्शाता है।