Beti Bachao Beti Padhao : खरगे ने भाजपा पर कसा तंज, कहा - ''बेटी बचाओ की जगह अपराधी बचाओ की नीति भाजपा ने क्यों अपनाई... ''
नई दिल्ली, 22 जनवरी (भाषा)
Beti Bachao Beti Padhao : कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' योजना के 10 साल पूरे होने पर सरकार द्वारा जश्न मनाए जाने के बीच बुधवार को दावा किया कि इस योजना के बजट का 80 प्रतिशत पैसा विज्ञापनों पर खर्च किया गया।
उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना साधते हुए यह सवाल किया कि ‘‘बेटी बचाओ'' की जगह "अपराधी बचाओ" की नीति भाजपा ने क्यों अपनाई? खरगे ने ‘एक्स' पर पोस्ट किया, ‘‘बेटी बचाओ के 10 साल, मोदी जी से हमारे तीन सवाल। ‘‘बेटी बचाओ'' की जगह "अपराधी बचाओ" की नीति भाजपा ने क्यों अपनाई? मणिपुर की महिलाओं को न्याय कब मिलेगा? हाथरस की दलित बेटी हो या उन्नाव की बेटी, या फिर हमारी चैंपियन महिला पहलवान, भाजपा ने हमेशा अपराधियों को संरक्षण क्यों दिया?''
उन्होंने सवाल किया, ‘‘क्यों देश में हर घंटे महिलाओं के खिलाफ 43 अपराध रिकॉर्ड होते हैं? हर दिन 22 अपराध ऐसे हैं जो हमारे देश के सबसे कमजोर दलित-आदिवासी वर्ग की महिलाओं व बच्चों के खिलाफ दर्ज होते हैं। मोदी जी लाल किले से भाषणों में कई बार महिला सुरक्षा पर बोल चुके हैं, पर कथनी और करनी में फर्क क्यों? क्या कारण है कि 2019 तक "बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ" योजना के लिए आवंटित कुल धनराशि का करीब 80 प्रतिशत केवल मीडिया-विज्ञापन में खर्च हुआ?''
खरगे ने दावा किया, ‘‘जब संसद की स्थाई समिति ने यह तथ्य उजागर किया, तब इस योजना में इस्तेमाल किये गए कोष में 2018-19 से 2022-23 के बीच 63 प्रतिशत की भारी कटौती की गई और बाद में इसको "मिशन शक्ति" के अंतर्गत "संबल" नामक योजना में समाहित करके, "बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ" योजना पर खर्च किये आंकड़े ही मोदी सरकार ने देने बंद कर दिए।''
उनका कहना है कि ‘‘संबल'' के 2023-24 के लिए आवंटित धन और उपयोग किए गए धन में भी 30 प्रतिशत की कटौती हुई है। खरगे ने सवाल किया कि क्या आंकड़ों की हेराफ़ेरी कुछ छिपाने के लिए की गई? कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘‘पिछले 11 वर्षों में मोदी सरकार ने महिला एवं बाल विकास मंत्रालय पर खर्च हुआ बजट, पूरे बजट के खर्च की तुलना में आधा क्यों कर दिया? क्या हर ट्रक के पीछे "बेटी बचाओ" चिपकाने या फिर हर दीवार पर यह पेंट करवा देने से महिलाओं के खिलाफ अपराध, या महिलाओं को अत्याचार के बाद न्याय मिलेगा? क्या उनके लिए रोजगार के अवसर, उनको अच्छी स्वास्थ्य सुविधा मिलेगी ?''
उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा का ‘‘बहुत हुआ नारी पर वार'' वाला खोखला विज्ञापन, 10 साल बाद उसका घोर दोहरा रवैया दर्शाता है।