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सीएम का लोकसभा क्षेत्र होने से बनी हॉट सीट, कई दिग्गजों की प्रतिष्ठा होगी दांव पर

07:52 AM Apr 17, 2024 IST
सीएम का लोकसभा क्षेत्र होने से बनी हॉट सीट  कई दिग्गजों की प्रतिष्ठा होगी दांव पर
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सुभाष चौहान/हप्र
अम्बाला, 16 अप्रैल
अम्बाला लोकसभा क्षेत्र में भी इस बार चुनावी सियासत पूरे उफान पर होने वाली है। यह एरिया मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी का गृह क्षेत्र होने की वजह से भी प्रदेश की हॉट सीट बन चुकी है। यहां से भाजपा टिकट पर चुनाव लड़ रही पूर्व सांसद स्व़ रतनलाल कटारिया की पत्नी बंतो कटारिया से अधिक सीएम और भाजपा के कई दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर होगी। सत्ता में सबसे अधिक भागेदारी भी इसी पार्लियामेंट क्षेत्र की है।
अहम बात यह है कि इस लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले 9 विधानसभा हलकों में से पांच पर भाजपा का कब्जा है और चार पर कांग्रेस के विधायक हैं। ऐसे में चुनावी मुकाबला कांटे का रह सकता है। भाजपा की ओर से पूर्व केंद्रीय मंत्री स्व. रतनलाल कटारिया की पत्नी बंतो कटारिया को भाजपा टिकट दे चुकी है। वहीं कांग्रेस टिकट पर मुलाना विधायक वरुण चौधरी को चुनावी रण में आना लगभग तय है। वरुण के पिता फूलचंद मुलाना प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हैं और कई बार मंत्री रहे हैं।

आप का भी मिलेगा साथ

इंडिया गठबंधन के तहत कांग्रेस ने अम्बाला लाेकसभा सीट से सटी कुरुक्षेत्र सीट आप को दी है। अम्बाला संसदीय क्षेत्र में भी आप का अच्छा प्रभाव माना जाता है। कांग्रेस-आप के मिलकर चुनाव लड़ने से मुकाबला रोचक होने के आसार हैं। सूत्रों का कहना है कि टिकट आवंटन को लेकर चल रही भागदौड़ व लॉबिंग के बीच एंटी हुड्डा खेमा ने भी वरुण के नाम पर सहमति जता दी है। ऐसे में वरुण की टिकट लगभग तय है। अधिकारिक तौर पर घोषणा ही होनी बाकी है।

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चार राज्यों से सटी इस संसदीय सीट की सीमाएं

यह ऐसा लोकसभा क्षेत्र है, जो चार राज्यों से सटा हुआ है। अम्बाला की सीमाएं पंजाब, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश व राजधानी चंडीगढ़ तक सटी हैं। विधानसभा हलकों के गणित को देखें तो पंचकूला से ज्ञानचंद गुप्ता, अम्बाला कैंट से अनिल विज, अम्बाला सिटी से असीम गोयल, जगाधरी से कंवर पाल गुर्जर और यमुनानगर से घनश्याम दास अरोड़ा भाजपा के विधायक हैं। वहीं कालका से प्रदीप चौधरी, नारायणगढ़ से शैली गुर्जर, सढ़ौरा से रेणु बाला व मुलाना से वरुण चौधरी कांग्रेस का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। भाजपा के दिग्गज नेताओं की प्रतिष्ठा इसलिए दांव पर है क्योंकि सीएम नायब सिंह सैनी का गृह जिला अम्बाला है। पंचकूला विधायक ज्ञानचंद गुप्ता विधानसभा अध्यक्ष हैं। जगाधरी विधायक कंवर पाल गुर्जर प्रदेश के कृषि तथा अम्बाला सिटी विधायक असीम गोयल परिवहन मंत्री हैं। अम्बाला कैंट विधायक अनिल विज हरियाणा सरकार में गृह व स्वास्थ्य मंत्री रहे हैं। वहीं प्रत्याशी बंतो कटारिया के पति स्व. रतनलाल कटारिया भी मोदी सरकार में केंद्रीय राज्य मंत्री हुआ करते थे। ऐसे में अम्बाला पार्लियामेंट की सत्ता में पूरी भागीदारी रही है। भाजपा ने अपने सभी विधायकों, वरिष्ठ नेताओं व आगामी विधानसभा चुनावों में टिकट के दावेदार नेताओं की भी ड्यूटी तय कर दी है। चुनावी नतीजों के हिसाब से सभी नेताओं का ‘रिपोर्ट कार्ड’ भी तैयार होगा। भाजपा अम्बाला पार्लियामेंट्री सीट में जीत की हैट्रिक लगाने की जुगत में है। वहीं पिछले दस वर्षों से विपक्ष में बैठी कांग्रेस अम्बाला में जीत हासिल करने के लिए पूरी मेहनत करेगी।

'' कांग्रेस लोकसभा चुनावों के लिए पूरी तरह से तैयार है। पार्टी नेतृत्व अम्बाला से जिसे भी टिकट देगा, उसके लिए जीन-जान लगा देंगे। पूरे देश में आज भाजपा की तानाशाही के खिलाफ माहौल तैयार हो रहा है। मैं दावे के साथ कह सकता हूं कि आने वाले समय में इंडिया गठबंधन जीत हासिल करेगा। पार्टी मुझ पर भरोसा जताया या किसी और पर, हमारा पहला लक्ष्य जीत हासिल करना है।''
-वरुण चौधरी, मुलाना विधायक

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