ज्ञान का सौंदर्य
एक दिन अब्राहम लिंकन अकेले कहीं जा रहे थे। मार्ग में एक स्कूल की छुट्टी की घंटी बजी और छात्रों का झुंड बाहर निकला। एक विद्यार्थी साथियों से बोला, ‘अरे देखो तो इस व्यक्ति ने कितनी अजीबो-गरीब पोशाक पहनी हुई है।’ अब्राहम की नज़र उनकी ओर गई। वे उन छात्रों के दल में पहुंचे और उनके साथ मिलकर ठहाके लगाने लगे। छात्रों को लगा कि वह कोई सिरफिरा व्यक्ति है। अब्राहम मुस्करा कर बोले, ‘तुम मेरी अजीबो-गरीब वेशभूषा पर हंस रहे थे, तो मुझे लगा कि मैं भी तुम्हारा साथ दे दूं। अभी मेरे पास ढंग का कोई रोजगार नहीं है। बस मुझे तो इन पुस्तकों से प्रेम है।’ एक लड़के को लगा कि इस व्यक्ति का भला पुस्तकों से क्या नाता? उसने झट से एक कठिन सवाल उनसे पूछ लिया। अब्राहम ने बहुत ही अच्छे तरीके जवाब दे दिया। विद्यार्थियों का वह ग्रुप जो उनकी पोशाक पर हंस रहा था, उनके ज्ञान के सामने नतमस्तक हो गया। अब्राहम ने भी उनके साथ लंबे समय तक मित्रता को निभाया। यही अब्राहम अमेरिका के 16वें राष्ट्रपति के पद पर आसीन हुए ।
प्रस्तुति : रेनू सैनी