ट्रांसजेंडर्स के प्रति बनें संवेदनशील : जस्टिस दर्शन सिंह
करनाल, 4 सितंबर (हप्र)
ट्रांसजेंडर्स के शैक्षिक व सामाजिक स्तर को ऊंचा उठाने और उन्हें समाज की मुख्यधारा में लाने के मकसद से सोमवार को पंचायत भवन में एक बैठक आयोजित की गई, जिसकी अध्यक्षता हरियाणा पिछड़ा वर्ग आयोग के चेयरमैन एवं पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश दर्शन सिंह ने की। इसमें 8 जिलों से पहुंचे ट्रांसजेंडर्स के विचार जाने गये। बैठक का आयोजन सामाजिक न्याय, अधिकारिता, अनुसूचित जाति और पिछड़ा वर्ग कल्याण व अंत्योदय विभाग की ओर से किया गया।
इस मौके पर आयोग के चेयरमैन ने बताया कि समाज में ट्रांसजेंडर्स काफी उपेक्षित हैं। हमें उनके प्रति संवेदनशील होने की जरूरत है। उनके शैक्षिक व सामाजिक स्तर को ऊंचा उठाने के उद्देश्य से सरकार ने आयोग से रिपोर्ट मांगी है। आज यहां करनाल, सोनीपत, पानीपत, कुरूक्षेत्र, कैथल, यमुनानगर, रोहतक और अंबाला जिला से पहुंचे ट्रांसजेंडर्स के विचार जाने गये। बाकी जिलों से भी आयोग वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये ट्रांसजेंडर्स के विचार जानेगा और दो-तीन सप्ताह के भीतर सरकार को रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा। सरकार चाहती है कि ट्रांसजेंडर्स समाज की मुख्यधारा से जुड़ें और अच्छी शिक्षा ग्रहण करें।
उन्होंने बताया कि बैठक में कुछ ट्रांसजेंडर्स से पुलिस द्वारा किये जाने वाले दुव्र्यवहार की शिकायत की। साथ ही रोजगार और शिक्षा में पूरा हक न मिलने की बात कही। कुछ ट्रांसजेंडर्स ने होरिजेंटल और कुछ ने वर्टिकल रिजर्वेशन की मांग रखी। उन्होंने बताया कि प्राप्त आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में ट्रांसजेंडर्स की संख्या 6721 है।
बदलना होगा नजरिया
आयोग के सदस्य एवं पूर्व उपकुलपति एसके गक्खड़ ने कहा कि समाज को ट्रांजेंडर्स के प्रति नजरिया बदलना होगा। बैठक में रोहतक से पहुंचे कविश कौशिक ने ट्रांसजेंडर को होरिजोंटल आरक्षण की मांग की। एक अन्य ट्रांसजेंडर ने समाज में किसी भी स्तर पर सुरक्षा न मिलने की बात कही। बैठक में आयोग के सदस्य सचिव विवेक पदम सिंह, संयुक्त निदेशक अलका यादव, अतिरिक्त उपायुक्त डा. वैशाली शर्मा, एसडीएम अनुभव मेहता, डीएसओ सत्यवान ढिलोड़, रवींद्र हुड्डा, सुरजीत, विशाल सैनी आदि मौजूद थे।