न्यायसंगत कार्रवाई हो
बीस मई के अंक का संपादकीय ‘राजनीति का खेला’ पढ़ा। चुनाव के बाद भी पश्चिम बंगाल को राजनीतिक हिंसा और बदले की राजनीति से मुक्ति नहीं मिली। पहले भाजपा कार्यकर्ता चुनावी कटुता से उपजी हिंसा के शिकार हुए और अब नारद स्टिंग ऑपरेशन मामले में सीबीआई द्वारा टीएमसी के दो मंत्रियों सहित चार नेताओं की गिरफ्तारी ने बंगाल के राजनीतिक द्वेष को और बढ़ा दिया। जरूरी है कि कानून अपना काम करे और नारद स्टिंग ऑपरेशन मामले में संलिप्त मुकुल राय और सुवेंदु अधिकारी पर भी कार्रवाई हो। जांच निष्पक्ष एवं पारदर्शी होनी चाहिए ताकि सबका विश्वास बना रहे।
बृजेश माथुर, गाज़ियाबाद
महंगाई की मार
16 मई के दैनिक ट्रिब्यून लहरें अंक में आलोक पुराणिक का ‘इधर महामारी से लड़ाई, उधर मार गयी महंगाई’ लेख सामयिक और आमजन की दिनचर्या को प्रभावित करने वाले कारणों का खुलासा करने वाला रहा। उत्तरोत्तर बढ़ती महंगाई सवालिया निशान छोड़ती है। कोरोना महामारी के उपचार निदान की अफरातफरी में महंगाई भविष्य के लिए खतरे की घंटी है। मजदूर वर्ग के लिए दो वक्त की रोटी के जुगाड़ के बिना गृहस्थ की गाड़ी कैसे चल पाएगी। कोरोना ने तो सबकी आर्थिकी पर चोट मार दी है।
अनिल कौशिक, क्योड़क, कैथल
चिकित्सकों को राहत दें
इस महामारी में बड़ी संख्या में डॉक्टरों की मौत हो चुकी है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक डॉक्टर ओवरलोडेड हैं। हरियाणा में मेडिकल स्टाफ की कमी को देखते हुए राजस्व, पशु चिकित्सा और अन्य विभागों के 30000 कर्मचारियों को प्रशिक्षित कर फील्ड में तैनात किया गया है। अब सरकार ने पिछले साल के प्रशिक्षु डॉक्टरों को तैनात करना शुरू कर दिया है। लेकिन डॉक्टर सुरक्षित रहें, इसके लिए उन्हें रूटीन में आराम भी दिया जाना चाहिए।
नरेंद्र कुमार शर्मा, जोगिंदर नगर