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हिमाचल को पानी देने के बीबीएमबी के कदम का किया विरोध, फैसला वापस हो

11:36 AM Jun 15, 2023 IST

ट्रिब्यून समाचार सेवा

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चंडीगढ़, 14 जून

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने बुधवार को जल आपूर्ति और सिंचाई योजनाओं के लिए हिमाचल प्रदेश द्वारा पानी लेने के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) मांगने की शर्तों को खत्म करने के भारत सरकार के फैसले का जोरदार विरोध किया। हिमाचल को पानी देने के बीबीएमबी के कदम पर एतराज जताया।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र में मुख्यमंत्री ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि केंद्र सरकार ने 15 मई, 2023 को इस संबंध में भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बीबीएमबी) के अध्यक्ष को निर्देश जारी किए थे। उन्होंने इन निर्देशों के तहत कहा, भारत सरकार ने बीबीएमबी के अध्यक्ष को एनओसी के मौजूदा तंत्र को इस शर्त के साथ समाप्त करने का निर्देश दिया है कि हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा संचयी निकासी को सत्ता में उनके समान हिस्से से कम यानी 7.19% सु्प्रीम कोर्ट द्वारा तय किया गया है। भगवंत मान ने आगे कहा कि बीबीएमबी केवल जल आपूर्ति/सिंचाई परियोजनाओं के लिए हिमाचल प्रदेश द्वारा पानी की निकासी के लिए तकनीकी व्यवहार्यता अध्ययन करेगा। यदि इसमें बीबीएमबी की इंजीनियरिंग संरचनाएं शामिल हैं और आवश्यक तकनीकी आवश्यकताओं को हिमाचल प्रदेश को प्राप्त होने के 60 दिनों के भीतर संप्रेषित करेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह फैसला पूरी तरह अनुचित, निराधार और पंजाब के साथ घोर अन्याय है क्योंकि जल समझौते के अनुसार हिमाचल प्रदेश को सतलुज और ब्यास से पानी देने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि यद्यपि सुप्रीम कोर्ट ने हिमाचल प्रदेश को 7.19 प्रतिशत हिस्सा देने की अनुमति दी है, लेकिन वह हिस्सा केवल बिजली से संबंधित है और पानी के बंटवारे के संबंध में सुप्रीम कोर्ट द्वारा कोई आदेश जारी नहीं किया गया है। इसके अलावा, भगवंत मान ने कहा कि पानी का बंटवारा एक अंतर्राज्यीय विवाद है और राज्यों द्वारा पानी के बँटवारे के लिए कोई एकतरफा निर्देश जारी नहीं किया जा सकता है।

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