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BBMB Water Row: जल विवाद पर सुरजेवाला ने सैनी व मान को घेरा, पूछे ये 10 सवाल 

12:17 PM May 04, 2025 IST
मीडिया से बात करते रणदीप सिंह सुरजेवाला।

ट्रिब्यून न्यूज सर्विस, चंडीगढ़, 4 मई

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BBMB Water Row: कांग्रेस नेता और सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला ने हरियाणा में बढ़ते जल संकट को लेकर केंद्र और राज्य सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने आरोप लगाया कि हरियाणा भयंकर पेयजल संकट से जूझ रहा है, मगर राज्य में उत्पन्न भयंकर जल संकट के बीच पंजाब व हरियाणा के मुख्यमंत्री भगवंत मान व नायब सिंह सैनी केवल बयानबाजी और एक-दूसरे को ‘लव लैटर’ लिखने में व्यस्त हैं, या फिर चंडीगढ़ में दोनों इकट्ठे होकर फोटो खिंचवाते या गलबहियां करते नजर आते हैं।

पानी घटाकर संकट पैदा किया गया

सुरजेवाला ने कहा कि भाखड़ा डैम से छोड़े जाने वाले पानी को 8,500 क्यूसेक से घटाकर 4,000 क्यूसेक कर दिया गया है। इससे हरियाणा में 215 जलघर सूख चुके हैं, और 10 जिलों – कैथल, कुरुक्षेत्र, जींद, फतेहाबाद, सिरसा, भिवानी, दादरी, रेवाड़ी और महेंद्रगढ़ – में गंभीर पेयजल संकट उत्पन्न हो गया है। गांवों के तालाब सूख चुके हैं और मवेशी प्यासे मरने की कगार पर हैं।

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'टैंकर माफिया' पर आरोप

उन्होंने कहा कि प्रदेश में टैंकर माफिया सक्रिय है, जो 1,000 रुपये प्रति टैंकर की दर से लोगों की मजबूरी का फायदा उठा रहा है। उन्होंने कपास उगाने वाले किसानों की चिंता जताते हुए कहा कि 15 मई तक नरमा की बुआई नहीं हो सकी तो सिरसा, हिसार और फतेहाबाद जैसे 'कॉटन बाउल' जिले संकट में पड़ जाएंगे।

भाखड़ा डैम पर पुलिस तैनाती को बताया असंवैधानिक कब्जा

सुरजेवाला ने आरोप लगाया कि 01 मई को पंजाब सरकार ने भाखड़ा-नंगल डैम के रैगुलेटर गेट्स पर ताला लगाकर पंजाब पुलिस तैनात कर दी, जिससे हरियाणा के हिस्से का पानी रोका गया। उन्होंने इसे देश के इतिहास में पहली बार किसी केंद्रीय परियोजना पर राज्य सरकार द्वारा कब्जा बताया और कहा कि BBMB (भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड) की भूमिका भी निष्क्रिय हो गई है।

केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप

उन्होंने कहा कि बिजली मंत्रालय और BBMB केंद्र सरकार के अधीन आते हैं और केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर इसके प्रभारी हैं, मगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनका मंत्रिमंडल चुप्पी साधे बैठे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि गृह मंत्रालय, जिसके पास डैम की सुरक्षा की जिम्मेदारी है, CISF की तैनाती तक नहीं कर पाया।

'कानूनी लड़ाई का बहाना सिर्फ भटकाव है'

हरियाणा सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने की घोषणा को सुरजेवाला ने 'भटकाने की रणनीति' बताया। उन्होंने कहा कि जब BBMB और बिजली मंत्रालय भाजपा के ही नियंत्रण में हैं, तो 'भाजपा सरकार खुद अपनी ही सरकार के खिलाफ अदालत में कैसे जाएगी?' यह दिखाता है कि हरियाणा सरकार गंभीर नहीं है।

'पंजाब चुनाव में फायदा दिलाने की साजिश'

सुरजेवाला ने बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि यह पूरा विवाद भाजपा और भगवंत मान की मिलीभगत से रचा गया है ताकि 2027 में होने वाले पंजाब विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को सत्ता से दूर रखा जा सके। उन्होंने कहा कि भाखड़ा डैम में पानी पर्याप्त है, 1,556 फीट जलस्तर होने के बावजूद हरियाणा को पानी नहीं दिया जा रहा। सुरजेवाला ने प्रधानमंत्री मोदी, केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर, सीएम नायब सिंह सैनी व भगवंत मान से 10 सवाल पूछे।

ये सवाल पूछे

1. क्या कारण है कि प्रधानमंत्री व मोदी सरकार पंजाब के मुख्यमंत्री, भगवंत मान द्वारा जानबूझकर फैलाई अराजकता व केंद्रीय परियोजना पर किए गए कब्जे को छुड़वाने बारे में तथा हरियाणा के पानी में रोक न डालने के बारे में संविधान की धारा 257 में भगवंत मान सरकार को लिखित आदेश नहीं जारी कर रहे? क्या यह राजधर्म की अवहेलना नहीं?

2. क्या कारण है कि प्रधानमंत्री व केंद्रीय बिजली मंत्री, मनोहर लाल खट्टर इस पूरे मामले में पंजाब व हरियाणा की बैठक नहीं बुला रहे? क्या यह जिम्मेदारी प्रधानमंत्री व बिजली मंत्री की नहीं है?

3. क्या यह सही नहीं कि कल ही पंजाब के CM भगवंत मान ने पानी पर कत्ल तक होने की भड़काऊ बात सार्वजनिक तौर से कह दी? क्या यह पंजाब और हरियाणा के शांतिप्रिय भाईयों का जानबूझकर टकराव पैदा करवाने का तरीका नहीं? क्या यह संविधान की घोर अवहेलना नहीं? प्रधानमंत्री, नरेंद्र मोदी अपनी संवैधानिक जिम्मेदारियां कब निभाएंगे?

4. क्या BBMB केंद्रीय सरकार द्वारा गठित बोर्ड नहीं? क्या BBMB का सीधा नियंत्रण बिजली मंत्रालय, भारत सरकार का नहीं? क्या पानी देने का निर्णय सिर्फ और सिर्फ BBMB का नहीं? क्या पंजाब अब BBMB बोर्ड तक की बैठक तक में हिस्सा लेने से इन्कार नहीं कर रहा? क्या मनोहर लाल खट्टर BBMB के मंत्री नहीं? तो फिर मनोहर लाल खट्टर हरियाण के हक का पानी क्यों नहीं दिलवा रहे?

5. क्या पंजाब की सरकार को यह अधिकार है कि वह BBMB जैसी केंद्रीय परियोजना पर पंजाब पुलिस का जबरन कब्जा करवा दे? क्या पंजाब पुलिस डैम के रैगुलेटर गेट्स पर ताला लगाकर चाबी अपने कब्जे में ले सकती है? क्या पंजाब की सरकार रैगुलेटर गेट्स और डैम का नियंत्रण केंद्र सरकार व BBMB बोर्ड को देने से इन्कार कर सकते हैं? क्या पंजाब सरकार का यह कदम सीधे-सीधे संविधान की धज्जियां नहीं उड़ा रहा? क्या कारण है कि इस सब दादागिरी के बावजूद मोदी सरकार पंजाब सरकार को कुछ नहीं कह रही तथा बार-बार पंजाब सरकार से अनुनय-विनय का रास्ता अपनाए है?

6. क्या कारण है कि देश के गृह मंत्रालय में गृह सचिव हरियाणा के हक का पानी छोड़ने बारे बैठक बुला रहे हैं, जबकि यह अधिकार केवल और केवल केंद्रीय बिजली मंत्री मनोहर लाल खट्टर का है? क्या अब केंद्रीय गृह मंत्रालय व उसके अफसर ही केंद्रीय बिजली मंत्रालय व BBMB को चलाएंगे?

7. क्या कारण है कि BBMB चेयरमैन के लिखित पत्र के बावजूद भाखड़ा नंगल डैम की सुरक्षा के लिए केंद्रीय सुरक्षा बल, CISF की नियुक्ति नहीं की जा रही? क्या मोदी सरकार व गृह मंत्रालय जानबूझकर पंजाब हरियाणा के विवाद को और बढ़ाना चाहता है?

8. क्या कारण है कि हरियाणा को सिर्फ 8 दिन ही 8,500 क्यूसेक पानी देने की बात मोदी सरकार व केंद्रीय गृह सचिव द्वारा कही जा रही है? क्या मोदी सरकार ने यह बात नायब सैनी से पूछकर कही है? क्या नायब सैनी ने मोदी सरकार को यह कहा है कि 8 दिन के बाद हरियाणा को 8,500 क्यूसेक पानी की जरूरत नहीं होगी? क्या मोदी सरकार यह नहीं जानती कि जब तक यमुना का पानी हरियाणा को बारिशों के बाद नहीं मिलता, तो लगभग पूरे मई के महीने में हरियाणा को 8,500 क्यूसेक पानी की आवश्यकता है? क्या यह हरियाणा के हितों के खिलाफ नहीं?

9. क्या प्रधानमंत्री व केंद्रीय बिजली मंत्री ने कभी भगवंत मान से यह सवाल किया कि हरियाणा का पानी रोकने का उनका क्या अधिकार है? क्या प्रधानमंत्री व BBMB के प्रभारी केंद्रीय बिजली मंत्री ने भगवंत मान को बताया कि जब डैम में 1,556 फुट पानी है, तो हरियाणा को 8,500 क्यूसेक पानी 21 मई तक देने के बाद भी डैम का जल स्तर केवल 1532 फुट तक ही पहुंचेगा, जबकि न्यूनतम निर्धारित जल स्तर 1,506 फुट है। तो फिर पंजाब को क्या तकलीफ हो सकती है?

10. क्या यह सब विवाद जानबूझकर नूराकुश्ती और षडयंत्र के तहत किया जा रहा है ताकि लोगों में पूरी तरह से विश्वास खो चुके भगवंत मान व उनकी सरकार को पीछे से भाजपाई सहारा दिया जा सके?

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