बापू, बेटा और मां एक साल से भाजपा जजपा गठबंधन तुड़वाने में लगे रहे
उचाना, 30 मार्च (निस)
जजपा को भाजपा की रिजर्व टीम बताए जाने के पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह के बयान पर पलटवार करते हुए पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने कहा कि बापू, बेटा, मां एक साल से भाजपा से जजपा का गठबंधन तुड़वाने में लगे रहे। तब मैं किसी तरह का प्लेयर नहीं था। अब वे कांग्रेस में चले गए तो कांग्रेस की भाषा बोलने लगे। बीरेंद्र सिंह के मामा का बेटा भूपेंद्र हुड्डा भी ये ही बात बोलता है। इन दोनों के बयानों में कोई अंतर नहीं है। दुष्यंत चौटाला घोघड़िया गांव में शुक्रवार देर शाम पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। इस मौके पर प्रो. जगदीश सिहाग, जोरा सिंह डूमरखा, गंगदत्त पांचाल, सतीशो देवी, वीरेंद्र कौशिक, पूर्व सरपंच राजू, कश्मीर बूरा, मंदीप घोघड़िया, बिट्टू नैन, रणधीर बूरा मौजूद रहे। उन्होंने कहा कि बीरेंद्र सिंह परिवार ने बेटे को तो कांग्रेस में शामिल करवा लिया लेकिन पति-पत्नी आज भी भाजपा में है। वे क्यों नहीं कांग्रेस में जाना पंसद करते। कोई निर्णय लेना था तो पूरे परिवार को लेना था। जिंदल परिवार ने निर्णय लिया। दो किस्तियों में तैरना वाला आदमी समुद्र में गिर जाता है।
पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने कहा कि पहले की तरह की लोगों का समर्थन उन्हें मिल रहा है बल्कि कार्यकर्ताओं में पहले से ज्यादा जोश दिखाई दिया। जो जीत बीते विस चुनाव में जेजेपी ने उचाना विस के अंदर दर्ज की थी उससे अधिक जीत जेजेपी के हिसार लोकसभा से उम्मीदवार को मिलेंगी। इस अवसर पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने कहा कि बीजेपी इज न्यू कांग्रेस। मैं हैरान हूं कि उनके दिग्गज नेता जो वर्षों से पार्टी के लिए काम करते आए, आज उनकी जगह भी उधार पर उम्मीदवार लेकर चुनाव मैदान में उतारे हैं, जो दर्शाता है कि जो संगठन की मजबूती की बात करते है ताकत की बात करते है उनके संगठन में कमजोरी सामने आ रही है।
‘हुड्डा परिवार में घबराहट’
दुष्यंत चौटाला ने कहा कि भूपेंद्र सिंह हुड्डा के पूरे परिवार में घबराहट है कि वे रोहतक बचा लें या न बचाएं। दम है तो खुद मैदान में आए। कुमारी सैलजा को मैदान में उतारें जो दिग्गज कांग्रेस नेता हैं, किरण चौधरी सहित अन्य काे चुनाव मैदान में उतारें। कांग्रेस के सीनियर नेता चुनाव लड़े । आज इन सबके मन में घबराहट है, इसलिए बारी-बारी जजवस को टारगेट करते हैं। हम तो अपने बलबूते पर दस की दस सीटों पर चुनाव लड़ेंगे। मजबूती के साथ पहले से अधिक वोट लेंगे सीटें भी जीतेंगे।