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अंडरपास में डूबने से कार सवार बैंक मैनेजर, कैशियर की मौत

10:58 AM Sep 15, 2024 IST
रेलवे अंडरपास में डूबने वाले मैनेजर, कैशियर की फाइल फोटो। 

राजेश शर्मा/हप्र
फरीदाबाद, 14 सितंबर
बारिश के बाद पानी से लबालब भरे ओल्ड फरीदाबाद रेलवे अंडरपास में शनिवार को कार सवार एचडीएफसी बैंक के मैनेजर व कैशियर की डूबने से मौत हो गई। पुलिस ने दोनों शवों को पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंप दिया। बृहस्पतिवार और शुक्रवार को हुई बारिश से अंडरपास में सात फुट से अधिक पानी भर गया था।
जानकारी के अनुसार, पुन्याश्रय शर्मा मूलरूप से घूरामऊ, संजय नगर सीतापुर उत्तर प्रदेश के रहने वाले थे। वे ग्रेटर फरीदाबाद के सेक्टर-86 स्थित ओमेक्स हाईट्स में पत्नी संध्या, 15 साल के बेटे सात्विक और आठ साल की बेटी आरु के साथ रहते थे। वे गुरुग्राम के सेक्टर-31 स्थित एचडीएफसी बैंक में मैनेजर व उपप्रधान भी थे। बैंक में अम्बेडकर नगर उत्तर प्रदेश निवासी विराज द्विवेदी कैशियर थे और गुरुग्राम के इफको चौक में रहते थे।
बताया गया है कि शनिवार को पुन्याश्रय शर्मा को विराज के साथ दिल्ली पासपोर्ट ऑफिस जाना था। इसलिए वे विराज को साथ लेकर अपनी कार में ग्रेटर फरीदाबाद आ रहे थे। रात को विराज पुन्याश्रय के घर रुक गये और सुबह दोनों दिल्ली चले गये। कार विराज चला रहे थे। भारी वर्षा की वजह से ओल्ड फरीदाबाद रेलवे अंडरपास में काफी पानी भरा हुआ था। जैसे कार अंडरपास में बढ़ी, पानी अंदर घुस गया और कार बंद हो गई। दोनों कार का दरवाजा खोलकर बाहर आए और बचाव के लिए हाथ-पैर मारने लगे, लेकिन गहरे पानी में डूबते चले गए। मौके पर मौजूद युवकों ने मैनेजर को बाहर निकाला। उन्हें निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हेंं मृत घोषित कर दिया। विराज की तलाश की गई, लेकिन कुछ पता नहीं लगा।
सूचना पाकर मौके पर डीसीपी एनआईटी कुलदीप, डीसीपी ट्रैफिक ऊषा, एसीपी मोनिका, थाना एनआईटी प्रभारी सुमेर पुलिस टीम के साथ पहुंच गए। गोताखोर आने पर विराज का शव निकाला जा सका।
विराज के गाजियाबाद में रहने वाले बड़े भाई विक्रम का कहना है कि यह हादसा लापरवाही की वजह से हुआ है। थाना एनआईटी प्रभारी सुमेर ने बताया कि अंडरपास के पास पुलिस की राइडर तैनात थी। दूर से कार सवार को रुकने का इशारा भी किया था। कार नहीं रुकी। बैरिकेडिंग के रूप में अंडरपास के एक ओर लाल रंग के कोण रखे गए थे जो पानी में बह गए। डीसीपी एनआईटी कुलदीप सिंह का कहना है कि शवों को पोस्टमार्टम कराने के बाद परिजनों को सौंप दिया गया है। अभी तक पीड़ितों ने किसी के खिलाफ शिकायत नहीं दी है।

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