बंगलुरू अब स्टार्टअप शहर भी
नयनतारा
देश के सभी महानगर अपनी किसी न किसी खूबी के लिए विश्व विख्यात हैं। इनकी ये खूबियां, इनकी बुनियादी पहचान या लैंडमार्क हैं। इस क्रम में सिलिकॉन वैली ऑफ इंडिया कहे जाने वाले बंगलुरू शहर भी आता है। कर्नाटक की राजधानी बंगलुरू भारत का तीसरा सबसे बड़ा महानगर है व आबादी करीब 1 करोड़ 20 लाख है। भारत का यह नगर भले एक जमाने में अपने सुहाने मौसम के लिए देश-विदेश में जाना जाता रहा हो, लेकिन आज इसकी पहचान ‘सिलिकॉन वैली ऑफ इंडिया’ के रूप में है। इसे सिटी ऑफ गार्डन के नाम से भी जाना जाता है। लेकिन आज इसकी इन सब पहचानों पर भारी इसकी सिलिकॉन वैली ऑफ इंडिया की पहचान है। इसके अलावा आज बंगलुरू को किसी और दूसरी पहचान के नाम से तेजी से जाना जाना शुरू हुआ है, वह है ‘स्टार्टअप कैपिटल ऑफ इंडिया’।
सॉफ्टवेयर इंडस्ट्री का बड़ा आधार
बंगलुरू को सिलिकॉन वैली ऑफ इंडिया, इसके सॉफ्टवेयर उद्योग की वजह से कहा जाता है। कैलिफोर्निया की सिलिकॉन वैली की तरह बंगलुरू भी तकनीकी नवाचार का गढ़ है। कैलिफोर्निया के बाद सॉफ्टवेयर के क्षेत्र में यह दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा तकनीकी केंद्र है, विशेषकर आउटसोर्सिंग और सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट के मामले में। बंगलुरू आईटी उद्योग का कितना बड़ा गढ़ है, इसको इसी बात से जाना जा सकता है कि मार्च 2024 तक बंगलुरू के आईटी सॉफ्टवेयर उद्योग का कुल टर्नओवर लगभग 120 बिलियन अमेरिकी डॉलर था यानी 10 लाख करोड़ रुपये। भारत का वार्षिक बजट जहां 30 से 32 लाख करोड़ रुपये का होता है, उस नजर से देखें तो बंगलुरू का सॉफ्टवेयर उद्योग भारत के सालाना बजट के करीब एक तिहाई है। भारत जितना आईटी प्रोडक्ट निर्यात करता है, उसमें 40 प्रतिशत निर्यात अकेले बंगलुरू से होता है। यहां के स्टार्टअप्स और यूनिकॉर्न कंपनियां सिर्फ भारतीय अर्थव्यवस्था में ही अपना प्रभाव नहीं डाल रहीं बल्कि पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था को प्रभावित कर रही हैं।
संभावनाशील रोबोटिक इंडस्ट्री
भारत के सभी महानगरों में सबसे ऊंचाई पर यही उद्यान नगर बसा है। जिस तरह से बंगलुरू आधुनिक आईटी इंडस्ट्री का वैश्विक केंद्र बनकर उभरा है, उसके चलते अगर बहुत ही जल्द बंगलुरू कमाई के लिहाज से भी देश का सबसे ऊंचे पायदान वाला महानगर बन जाए तो इसमें किसी को आश्चर्य नहीं होगा। क्योंकि सॉफ्टवेयर उद्योग के बाद दुनिया की चौथी औद्योगिक क्रांति के रूप में जिस रोबोटिक इंडस्ट्री का उभार हो रहा है, आने वाले सालों में बंगलुरू उस इंडस्ट्री का भी चैंपियन बनेगा। इस शहर का आईटी हब के रूप में उभरना, इसके कद को भारत की सीमाओं से परे जाकर विश्व परिदृश्य के लिए महत्वपूर्ण बन जाना है।
इसरो से भी पहचान
कैलिफोर्निया की सिलिकॉन वैली के बाद दुनिया के कई सबसे बड़े आईटी हब में बंगलुरू भी शामिल है। यहां भारत की प्रमुख आईटी कंपनियां जैसे इंफोसिस, विप्रो और टीसीएस के मुख्यालय और बड़े संचालन केंद्र स्थित हैं। बंगलुरू ही भारत का वह शहर है जहां बड़े पैमाने पर स्टार्टअप्स जन्मे हैं। सिर्फ स्टार्टअप और आईटी हब के लिए ही नहीं, यह शहर अपनी मजबूत शैक्षणिक परंपरा और अनुसंधान केंद्र के रूप में भी मशहूर है। भारतीय विज्ञान संस्थान, इसरो और इंडियन स्टैटिस्टिकल इंस्टीट्यूट यहीं स्थित हैं। साथ ही यह नगर एयरो स्पेस और रक्षा अनुसंधान केंद्र के रूप में भी मशहूर है।
इनोवेशन- नये आइडियाज का नगर
वैसे इसकी एक पारंपरिक छवि गार्डन सिटी के रूप में भी है। लालबाग, बॉटनिकल गार्डन और कुब्बन पार्क पर्यटकों के लिए प्रमुख आकर्षण रहते हैं। बंगलुरू की नाइट लाइफ और सांस्कृतिक वातावरण युवाओं के बेहद अनुकूल है। शायद इसीलिए यह आविष्कारों और नये आइडियाज का शहर है। वास्तुकला की नजर से बंगलुरू का सबसे चर्चित लैंडमार्क यहां की विधानसभा सौंध है। लेकिन बार बार घूमकर बंगलुरू की खासियत इसके आईटी हब की ओर ही लौट आती है। सिलिकॉन वैली की उपाधि भी इसे इसी वजह से मिली है।
स्टार्टअप्स के अनुकूल माहौल
बंगलुरू में आज से नहीं पिछली सदी के 90 के दशक से ही दुनिया की सारी बड़ी मल्टीनेशनल कंपनियों ने अपने ऑफिस खोलने शुरू कर दिए थे। आज यहां आईटी क्षेत्र के कुशल तकनीकी श्रमिकों की बहुलता है। इस कारण यहां का समूचा वातावरण स्टार्टअप्स और आईटी पार्कों के अनुकूल है। अपनी इसी विशिष्टता के कारण बंगलुरू आईटी तकनीकी और अनुसंधान का वैश्विक केंद्र बन गया है। तकनीकी विशेषज्ञता, सांस्कृतिक विविधता और कुदरत से मिले मोहक वातावरण के कारण बंगलुरू भारत ही नहीं विश्व के महानगरों में अपनी विशिष्ट पहचान रखता है।
-इ.रि.सें.